जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Reflexology For Diabetes: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी हो जा ताउम्र आपका पीछा नहीं छोड़ती, क्योंकि वैज्ञानिक अब तक इसका पुख्ता इलाज ढूंढ पाने में नाकाम रहे हैं. मधुमेह में मरीजों को अपने खाने पीने और जीवनशैली का खास ख्याल रखना पड़ता है, वरना ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है जिससे कई अन्य बीमारियों का खतरा पैदा होने लगता है. ऐसे में आप एक मसाज थेरेपी को ट्राई कर सकते हैं जिसे रिफ्लेक्सोलॉजी कहा जाता है. इससे न सिर्फ ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, बल्कि टेंशन को दूर करने में भी मदद मिलती है. तो आइए जानते हैं कि ये तरीका डायबिटीज की बीमारी में कैसे राहत पहुंचा सकता है.
रिफ्लेक्सोलॉजी से क्यों होता है फायदा?
आपने एक्यूप्रेशर का नाम जरूर सुना होगा, रिफ्लेक्सोलॉजी इसी सिंद्धांत पर काम करती है. इसका कॉन्सेप्ट ये है कि हमारे तलवे के अलग-अलग हिस्से शरीर के खास अंगों से जुड़े होते हैं, और अगर उन हिस्सों में प्रेशर पड़ता है जो इसका असर बॉडी के पार्ट्स पर भी होता है. हमारे पैरों को तलवे को 5 जोन में डिवाइज किया जाता है जो पैर की अंगुली से एड़ी तक रहता है, वहीं शरीर के हिस्से को 10 जोन में बांटा जाता है जिस पर रिफ्लेक्सोलॉजी का असर पड़ता है.
डायबिटीज पर रिफ्लेक्सोलॉजी का असर
19वीं सदी के एक सिद्धांत के मुताबित रिफ्लेक्सोलॉजी हमारे न्यूरॉन्स को एक्साइट करने का काम करती है. अगर हमारे तलवों को आहिस्ता से प्रेशर डाला जाए तो नसें उत्तेजित हो जाती हैं जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को एक मैसेज भेजती है. इससे हमारी बॉडी को काफी आराम मिलता है दिमाग, सांस और ब्लड सर्कुलेशन पर पॉजिटिव असर डालता है. जब आप पैरों में मालिश कराते हैं तो इससे न सिर्फ शरीर बल्कि माइंड को भी आराम मिलता है और टेंशन से आजादी मिल जाती है. स्ट्रेस कम होने से बल्ड शुगर लेवल भी कंट्रोल में आने लगता है.
प्रेशर प्वाइंट पर दबाव है अहम
ज्यादातर रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट मानते हैं कि पैरों के इन प्रेशर प्वाइंट पर दबाव डालने से कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्म के लिए जिम्मेदार बॉडी ऑर्गन को कंट्रोव करके ब्लड शुगर के लेवल को नॉर्मल करने में मदद मिलती है. कई रिसर्च में ये साबित हो चुका है कि रिफ्लेक्सोलॉजी के कारण पैन्क्रियाज और लिवर एक्साइट हो जाते हैं जिससे शुगर लेवल नॉर्मल होने लगता है.