स्किन के लिए क्या सही है कोलेजन और बायोटिन, दोनों में होता है अंतर
नतीजतन, बायोटिन की कमी से बालों का झड़ना, कमजोर नाखून और त्वचा में संक्रमण हो सकता है।
आपने शायद हाल ही में कोलेजन और बायोटिन के बारे में बहुत कुछ सुना है। खासतौर पर, हेयर और स्किन की बात होती है तो इन दोनों को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। हालांकि, यह देखने में आता है कि अधिकतर लोग इन दोनों को एक ही समझ लेते हैं। जबकि वास्तव में यह एक-दूसरे से पूरी तरह से भिन्न हैं और यह शरीर व स्किन पर भी अलग-अलग तरह से काम करते हैं। जहां बायोटिन विटामिन बी 7 का दूसरा नाम है।
यह एक आवश्यक विटामिन है, जिसका उत्पादन शरीर स्वाभाविक रूप से नहीं कर पाता है। जिसका अर्थ है कि इसका सेवन आहार में या पूरक के माध्यम से किया जाना चाहिए। जबकि, कोलेजन एक प्रोटीन है, और शरीर स्वाभाविक रूप से इसे अपने आप पैदा कर सकता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कोलेजन और बायोटिन के बीच के मुख्य अंतर के बारे में बता रहे हैं-
कोलेजन क्या है?
एक रेशेदार प्रोटीन के रूप में, कोलेजन आपकी हड्डी, उपास्थि, स्किन और अन्य कनेक्टिव टिश्यू के लिए एक स्ट्रक्चर प्रदान करता है। यह एक महत्वपूर्ण प्रोटीन है जो त्वचा, बालों और नाखूनों के स्वास्थ्य और मजबूती का समर्थन करता है। विटामिन सी, जिंक और कॉपर के साथ अमीनो एसिड को मिलाकर शरीर स्वाभाविक रूप से कोलेजन का उत्पादन करता है। शरीर स्वाभाविक रूप से अपना स्वयं का कोलेजन बनाता है, लेकिन एक व्यक्ति की उम्र बढ़ने के साथ-साथ कोलेजन का उत्पादन धीमा हो जाता है। इस स्थिति में त्वचा में कोलेजन शरीर द्वारा उत्पादित होने की तुलना में तेजी से टूटने लगता है। इसके परिणामस्वरूप त्वचा अपनी इलास्टिसिटी और फर्मनेस खो सकती है। कोलेजन का नुकसान होने पर स्किन थिन होने लगती है और उस पर रिंकल्स या झुर्रियों नजर आने लगती हैं।
बायोटिन क्या है?
बायोटिन को विटामिन बी7 के रूप में भी जाना जाता है। बायोटिन एक बी विटामिन है। यह एक आवश्यक पोषक तत्व है, लेकिन एक शरीर स्वयं नहीं बना सकता है। एक व्यक्ति को इसे भोजन या पूरक आहार से प्राप्त करना होता है। बायोटिन विभिन्न एंजाइमों को ग्लूकोज, फैटी एसिड और प्रोटीन बनाने वाले अमीनो एसिड को मेटाबोलाइज करने में मदद करता है। नतीजतन, बायोटिन की कमी से बालों का झड़ना, कमजोर नाखून और त्वचा में संक्रमण हो सकता है।