कुछ वक्त के लिए भी वजन कंट्रोल रहना हृदय-डायबिटीज के लिए लाभकारी

जोखिम कारकों से सुरक्षित रह सकते हैं।

Update: 2023-04-25 18:09 GMT
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | शरीर को स्वस्थ रखने के लिए वजन को नियंत्रित रखने पर विशेष जोर दिया जाता रहा है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि वजन बढ़ने या मोटापे की स्थिति शरीर में कई प्रकार के गंभीर रोगों के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती है। ऐसे लोगों में डायबिटीज के साथ मेटाबॉलिक समस्याओं का जोखिम भी अधिक देखा जाता रहा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जिन लोगों का वजन अधिक होता है, उनमें समय के साथ हृदय रोगों के विकसित होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। यानी कि अगर वजन को कंट्रोल कर लिया जाए तो हृदय रोगों से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है।
कई शोध भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि वजन को कंट्रोल रखने वाले तरीकों को अपनाकर हृदय रोग और इससे संबंधित जोखिम कारकों से सुरक्षित रह सकते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि ऐसा करके टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को भी कम करने में मदद मिल सकती है। आइए इस अध्ययन के सुझावों के बारे में जानते हैं।

बढ़ता वजन और हृदय रोगों से मौत का खतरा
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों की टीम ने बताया, मोटापे के शिकार या अधिक वजन वाले लोगों में स्वाभाविक रूप से हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है। ये दोनों कारक हृदय रोगों के जोखिमों के साथ इंसुलिन प्रतिरोध का भी कारण बनते हैं जिसे टाइप-2 डायबिटीज का प्रमुख कारण माना जाता है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के 2023 रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर अधिक वजन और मोटापे की समस्या के कारण साल 2020 में 2.4 मिलियन से अधिक लोगों की मौत हुई।

वजन घटाने के लिए करें जीवनशैली में सुधार
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वजन को कम रखकर हृदय रोगों के जोखिम से बचा जा सकता है, इतना ही नहीं यदि आपमें हृदय रोगों का निदान हो गया है तो भी आप अतिरिक्त वजन को कम करके इसके कारण होने वाली जटिलताओं से बचाव कर सकते हैं। एक बार वजन करने के बाद अगर दोबारा वजन बढ़ भी जाता है तो भी इससे स्वास्थ्य परिणामों पर अधिक असर नहीं होता है।
वजन कम करने के लिए जीवनशैली में विशेष सुधार किया जाना जरूरी है। आहार को स्वस्थ-पौष्टिक रखने के साथ और दिनचर्या में शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने से वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है।

क्या कहते हैं शोधकर्ता?
इस अध्ययन के सह-लेखक डॉ सुसान ए. जेब कहते हैं, "कई डॉक्टर और मरीज मानते हैं कि वजन घटाने के बाद अक्सर कुछ समय बात दोबारा से वजन बढ़ने लग जाता है, जोकि उनके अब तक के प्रयास को व्यर्थ कर सकता है। यह अवधारणा वजन कम करने के लिए लोगों को समर्थन देने में बाधा बन गई है।
पर इस अध्ययन में शोधकर्ता का पाया है कि एक बार अगर आप वजन को सामान्य कर लेते हैं तो इसका प्रभाव अगले पांच साल तक बना रहता है, जिसमें हृदय रोगों के विकसित होने का खतरा कम रहता है। अगर आगे फिर से वजन बढ़ जाता है तो भी यह आपको बीमारियों से बचाएगा।

अध्ययन का निष्कर्ष?
अध्ययन के निष्कर्ष में वैज्ञानिकों का कहना है कि जिस प्रकार के परिणाम देखे गए हैं, उससे पता चलता है कि वजन घटाने से कार्डियोवैस्कुलर जोखिम कारकों को नियंत्रित करने मदद मिलती है। जिस प्रकार से वैश्विक स्तर पर हृदय रोगों के जोखिम बढ़ते जा रहे हैं इसे ध्यान में रखते हुए सभी लोगों को इसके उपाय करते रहना जरूरी है। वजन को कंट्रोल करना आपको कई जानलेवा और क्रोनिक बीमारियों के खतरे से सुरक्षित रखने में सहायक है।
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