बच्चों में तेजी से विटामिन डी की कमी देखी जा रही है, एक सर्वे के मुताबिक लगभग 96 फीसदी बच्चों में विटामिन डी की कमी है
बच्चों के समग्र विकास के लिए उनके शरीर में सही मात्रा में पोषक तत्वों का होना बेहद आवश्यक है. जिसमें कई तरह के विटामिन शामिल है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Vitamin D Deficiency Symptoms : बच्चों के समग्र विकास के लिए उनके शरीर में सही मात्रा में पोषक तत्वों का होना बेहद आवश्यक है. जिसमें कई तरह के विटामिन शामिल है.अभी बच्चों में तेजी से विटामिन डी की कमी देखी जा रही है. दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) में किए गए एक सर्वे के मुताबिक लगभग 96 फीसदी बच्चों में विटामिन डी की कमी है. ये वे बच्चे हैं जो अन्य बीमारियों से ग्रसित थे और अस्पताल में इलाज के लिए आए थे. अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग के प्रमुख डॉ. उर्मिला झांब का कहना है कि अस्पताल में इलाज के लिए आए 260 बच्चों का ब्लड टेस्ट किया गया जिसमें पाया गया की 250 बच्चों में विटामिन डी की कमी है.
क्या है लक्षण, जानें
उर्मिला झांब का कहना है कि समय-समय पर बच्चों में विटामिन डी की जांच करवा लेना चाहिए. विटामिन डी की कमी से बच्चों में थकान बनी रहती है, मांसपेशियों का कमजोर होना या फिर अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा होती है. वही विटामिन डी हमारे शरीर को कई रोगों से निजात दिलाने में भी मदद करता है. लेकिन जब शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो यह व्यक्ति के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि लगातार इसके लक्षणों पर नज़र बनाए रखें ताकि इसकी कमी को पहचाना जा सके.
धूप न मिलने के कारण बच्चों में विटामिन डी की कमी
विटामिन डी को आमतौर पर धूप से मिलने वाले विटामिन के रूप में जाना जाता है क्योंकि ये हमारे शरीर में तब बनता है जब त्वचा पर सूरज की किरणें पड़ती हैं लेकिन आज कल बहुमंजिली इमारतों और घने होते जा रहे मोहल्लों में बच्चों और बड़े सभी को धूप ठीक तरह से नहीं मिल पा रही है और घर में भी हमेशा नमी बनी रहती है. वहीं कुछ लोग अपने घरों में चारों तरफ से इतने पर्दे आदि लगा कर रखते हैं कि सूर्य की किरण घरों के अंदर पहुंच ही नहीं पाती. यही वजह है कि धूप न मिलने के कारण बच्चों में विटामिन डी की कमी हो रही है