दांतों को मजबूत बनाने के लिए ब्रश की जगह दातुन का करें इस्तेमाल
बाहर का खाने से या सही से सफाई न रखने के कारण दांत जल्दी कमजोर हो जाते हैं. वहीं गंदगी के कारण दांतों में कीड़े लग जाते हैं और उनसे खून आना शुरू हो जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बाहर का खाने से या सही से सफाई न रखने के कारण दांत जल्दी कमजोर हो जाते हैं. वहीं गंदगी के कारण दांतों में कीड़े लग जाते हैं और उनसे खून आना शुरू हो जाता है, जिसके कारण लोग न तो सही से कुछ खा पाते हैं और न ही ठीक से चबा पाते हैं. ऐसे में बता दें कि प्राकृतिक तरीके दांतों की कई समस्याओं को दूर सकते हैं. जी हां, हमारे आसपास कुछ ऐसे पेड़ मौजूद हैं जिनकी टहनियों का प्रयोग यदि दातून के रूप में किया जाए तो दांतों से जुड़ी कई समस्याएं दूर हो सकती हैं. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि किन पेड़ों की दातून आपके काम आ सकती है.
किन पेड़ों की टहनियां हैं उपयोगी
बबूल की दातून दांतों के साथ-साथ कई अन्य समस्याएं जैसे – कफ, पित्, रक्तरोधक आदि में काफी फायदेमंद साबित हो सकती हैं. बता दें कि बबूल के अन्दर एक प्रकार की गोंद पाई जाती है जो दांतों के समय से पहले गिरने से बचाते हैं और उन्हें हिलने से भी रोकते हैं.
अर्जुन की दातून के अंदर क्रिस्टलाइन तत्व, अर्जुनेटिन, लेक्टोन और टैनिक जैसे महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं जो ब्लड को प्यूरीफायर करते हैं और दिल के रोगों से भी बचा सकते हैं. ऐसे में इसकी दातून दांतों के लिए बेहद उपोगी होती है.
बरगद की दातून से निकलने वाला रस आपके मुंह को बुरे बैक्टीरिया से बचाता है. ऐसे में आप इसे नियमित रूप से कर सकते हैं. बता दें कि बरगद की दातून से सांसों की दुर्गंध और दांतों की समस्या दोनों से राहत मिल सकती है.
नीम की दातून दांतों के लिए बेहद उपयोगी होती हैं. बता दें कि दांतों की कई समस्या जैसे- मसूड़ों की सूजन, पायरिया (खून निकलना), दांतों में कीड़ा लगना, मसूड़ों में जलन, दांतों का टेढ़ा-मेढ़ा होना जैसे समस्याओं दूर हो सकती हैं.