समझें सनस्क्रीन और सनब्लॉक के फर्क

Update: 2024-05-24 13:24 GMT

लाइफस्टाइल: समझें सनस्क्रीन और सनब्लॉक के फर्क को  मौसम बदलता है तो त्वचा की देखभाल के तरीके में भी बदलाव लाने पड़ते हैं। गर्मी के मौसम में चिलचिलाती धूप और कठोर यूवी रेडिएशन हमारी त्वचा के लिए काफी नुकसानदायक होती है। चिलचिलाती धूप और धूल भरी हवा से त्वचा की नमी खत्म हो जाती है, जिससे त्वचा शुष्क और मुरझाई सी बेजान हो जाती है। ऐसे मौसम में जरूरी है कि घर से बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन अथवा सनब्लॉक का इस्तेमाल करें, पर इसको लगाने से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर इन दोनों में अंतर क्या है।

सनस्क्रीन और सनब्लॉक में अंतर
सनस्क्रीन और सनब्लॉक उत्पादों की मांग अब पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है। हम धूप से बचाव के लिए त्वचा पर सनस्क्रीन या सनब्लॉक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सनस्क्रीन और सनब्लॉक एक नहीं होते। इसमें अंतर होता है तो चलिए हम आपको सनस्क्रीन और सनब्लॉक में अंतर बताते हैं।
सनस्क्रीन
सनस्क्रीन उत्पाद केवल सूरज की किरणों को फिल्टर करते हैं, कुछ पराबैंगनी किरणों के माध्यम से जाने और त्वचा में प्रवेश करने की अनुमति देता है। उदाहरण के तौर पर समुद्रतट पर सनबाथिंग का आनंद ले रहे पुरुष और महिला जिस सनस्क्रीन ऑयल और लोशन का इस्तेमाल करते हैं वह सनस्क्रीन पूरी तरह से लिक्विड फॉर्म में होता है, इसलिए इसके उत्पाद लोशन या ऑयल के रूप में बाज़ार में दिखते हैं।
सनब्लॉक
वहीं दूसरी ओर सनब्लॉक जैसा कि नाम से स्पष्ट है सूर्य की सभी हानिकारक किरणों को त्वचा में जाने से अवरुद्ध करता है। आप ऐसा कर सकती हैं जो महिलाएं या पुरुष फील्ड वर्क में ज्यादा रहते हैं या सूरज के नीचे लम्बे समय तक बने रहते हैं और जिन्हें रैशेस जैसी समस्या होने लगती है वो लोग सनब्लाक का इस्तेमाल कर सकते हैं। सनब्लॉक गाढ़ा होता है। यह आंशिक रूप से जिंक आक्साइड के कारण होता है, जो सनब्लॉक उत्पादों में शामिल होता है। यही कारण है कि सनब्लॉक अक्सर पेस्ट फॉर्म में आते हैं।
वैसे इस अंतर के अलावा सनस्क्रीन और सनब्लॉक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये दोनों ही न केवल सनबर्न जैसी प्रॉब्लम्स पर असरकारक हैं, बल्कि सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों की अधिकता के परिणामस्वरूप होने वाली स्किन कैंसर जैसी बीमारियों से भी प्रोटेक्शन देते हैं।
सूर्य की हानिकारक किरणों का असर इस रूप में भी देखने को मिलता है कि कम आयु में ही बढ़ती उम्र के लक्षण जैसे झुरयां, फाइन लाइन्स, पैचेस आदि चेहरे और त्वचा पर नज़र आने लगते हैं।
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