कई विटामिन्स और मिनिरल्स से लबरेज़ टमाटर हमारी सेहत के लिए एक आर्शिवाद है. वैसे तो टमाटर को हम अपनी सब्ज़ी वाली टोकरी में रखते हैं, लेकिन वास्तव में यह एक फल है. टमाटर के अपने ही खेल हैं. कभी इतना सस्ता हो जाता कि किसान सड़कों पर फेंकने लगते हैं और कभी अपने रंग की तरह ही ऐसा तेवर दिखाता है कि ताले में बंद करने की नौबत आ जाती है. कभी दो देशों के बीच तनाव का कारण भी बन जाता है, तो कभी उनके चक्कर में ऐसा पिसता है कि रखे-रखे इसकी चटनी बन जाती है. पर जैसा भी हो, इसके बिना हमारी रसोई भी अधूरी रहती है और सेहत भी.
टमाटर का इस्तेमाल सलाद, सूप, सब्ज़ी, चटनी बनाकर और यहां तक कच्चा भी खा सकते हैं. सौन्दर्य प्रसाधन में भी टमाटर की बड़ी हिस्सेदारी होती है. टमाटर गर्भवती महिलाओं के लिए भी काफ़ी लाभदायक माना जाता है. इसमें मौजूद फ़ॉलेट और फ़ॉलिक एसिड पेट में पल रहे शिशु के विकास में काफ़ी मददगार साबित होते हैं.
साइट्रिक एसिड होने के कारण टमाटर स्वाद में खट्टा और लाइकोपीन नामक तत्व होने के कारण इसका रंग लाल होता है. टमाटर में फ़ाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है, जो गर्भवती के पाचनशक्ति को मज़बूत बनाने का काम करता है. इसके अलावा प्रोटीन, विटामिन ए, सी, ई और के का यह बहुत ही अच्छा स्रोत है. इसमें पोटैशियम, मैग्नीज़, कैल्शियम, आयरन, कॉपर, मैग्नीशियम, फ़ॉस्फोरस और जिंक जैसे पोषकतत्व भी मौजूद हैं. टमाटर, ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स गुणों से भी भरपूर होता है, जिससे कैंसर और दिल संबंधित बीमारिसों से बचने में मदद मिलती है.
टमाटर गर्भावस्था की ज़रूरतों के लिए अच्छा होता है. इससे गर्भवती महिला को विटामिन ए, सी, के और पोटैशियम, आयरन और कैल्शियम मिलता है, जो शिशु के विकास के लिए फ़ायदेमंद होता है. इसमें मौजूद ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स हमारे इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाते हैं, जिससे हमारे शरीर को फैलनेवाली बीमारियों से बचने में मदद मिलती है. टमाटर में मौजूद लाइकोपीन हमारे कोलेस्टेरॉल लेवल को कम करने में मदद करता है. इसलिए गर्भावस्था में एक निश्चित मात्रा में टमाटर का सेवन फ़ायदेमंद होता है.
टमाटर, ख़ून साफ़ करने के साथ ही ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करने काम करता है. इसमें मौजूद लाइकोपीन कैंसर की संभावना बढ़ाने वाले फ्री रेडिकल्स को कम करता है, जिससे गर्भवती महिला को गर्भाशय के कैंसर और रेक्टल कैंसर से सुरक्षा मिलती है. रोज टमाटर खाने से ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस भी कम हो जाता है. इससे गर्भवती महिला में जेस्टेशनल डायबिटीज़ को जोख़िम कम हो जाता है. जेस्टेशनल डायबिटीज़ से पीड़ित मां के बच्चे में जन्मजात बीमारियों का ख़तरा 40 से 50 फ़ीसदी बढ़ जाता है. टमाटर में मौजूद विटामिन-सी शिशु की स्किन के लिए फ़ायदेमंद होता है. इसमें मौजूद प्रोटीन और विटामिन के शिशु की हड्डियों, दांतों व मसूड़ों को मज़बूत बनाने की काम करता है.