तंबाकू से कैंसर ही नहीं और भी होती हैं ये गंभीर बीमारियां
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, हर साल 80 लाख से ज़्यादा लोग तंबाकू के सेवन की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं, लेकिन इसके बावजूद देश में सभी आयु वर्ग के लोगों में तंबाकू की खपत तेज़ी से बढ़ रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, हर साल 80 लाख से ज़्यादा लोग तंबाकू के सेवन की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं, लेकिन इसके बावजूद देश में सभी आयु वर्ग के लोगों में तंबाकू की खपत तेज़ी से बढ़ रही है। अत्यधिक नशे की लत, कई तरह के कैंसर के ख़तरे को बढ़ाने के अलावा आपके दिल और श्वसन स्वास्थ्य को बुरी तरह नुकसान पहुंचा सकता है। यहां तक कि जो लोग स्मोक नहीं करते लेकिन पैसिव स्मोकिंग का शिकार हैं, तो उनकी सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
हर साल 31 मई को दुनियाभर में वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है, ताकि तंबाकू सेवन से जुड़े ख़तरों के बारे में लोगों को जागरुक किया जा सके। सिगरेट, सिगार, पाइप वाला तंबाकू, चबाने वाला तंबाकू और सूंघने वाले तंबाकू उत्पादों में ज़हरीले पदार्थ, कैंसर पैदा करने वाले एजेंट (कार्सिनोजेन्स) और निकोटीन होता है। देश में खैनी, गुटखा, तंबाकू वाला पान और ज़र्दे का सेवन सबसे ज़्यादा देखा जा रहा है।
स्मेकिंग किसी की भी फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकती है, जिससे गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है। धूम्रपान और तंबाकू के धुएं के संपर्क में आने से प्रजनन प्रणाली को नुकसान हो सकता है। यह शुक्राणु में डीएनए को भी नुकसान पहुंचा सकता है। धुंआ रहित तंबाकू ओवेरियन फंक्शन, डिम्बाणुजनकोशिका की गुणवत्ता और हॉर्मोनल रेगुलेशन को प्रभावित करता है। यह मां और बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग से कई तरह की जटिलताओं का ख़तरा बढ़ जाता है, जैसे कि समय से पहले प्रसव और डिलिवरी, जन्म दोष, सडन इंफेन्ट डेथ सिंड्रोम (SIDS), गर्भपात और अस्थानिक गर्भावस्था।
स्मोकिंग की वजह से खांसना, घरघराहट, आम ज़ुकाम, टीबी, अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मनरी बीमारी (COPD), म्फिसीमा, क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस और फेफड़ों के कैंसर के मामले भी बढ़ते दिख रहे हैं। ये स्वास्थ्य समस्याएं किसी के जीवन की गुणवत्ता को कम कर सकती हैं। धूम्रपान हृदय की रक्त वाहिकाओं को भी संकुचित कर देता है जिससे दिल का दौरा पड़ता है।
अगर आप रोज़ तंबाकू का सेवन करते हैं, तो आपको ओरल कैंसर होने का ख़तरा बढ़ जाता है। तंबाकू युक्त प्रोडक्ट्स का सेवन गाल, मसूड़ों और जीभ के कैंसर का कारण बन सकता है। इने अलावा तंबाकू के सेवन से गले, स्वरयंत्र, अन्नप्रणाली, गुर्दे और अग्नाशय के कैंसर भी देखे जाते हैं। कई ऐसे अध्ययन हुए हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि तंबाकू के सेवन से इंसुलिन प्रतिरोध, उच्च रक्तचाप, तीव्र श्वसन रोग और ऑस्टियोपोरोसिस होता है