बनाएं हैल्दी जंकफूड समझे यह बातें To make healthy junk food, understand these things

Update: 2024-05-06 11:22 GMT
लाइफस्टाइल : यहां हर गली, हर कोने में आपको एक फास्ट फूड कॉर्नर आसानी से दिखेगा-सड़क हो या ऑफिस, कॉलेज हो या स्कूल की कैंटीन। इससे पहले कोई भी जगह उपलब्ध नहीं है। स्कूल के कैंटीन में, जहां हमारे देश के सबसे युवा नागरिक अपना अधिकांश खाली समय बिताते हैं, वहां भी स्वास्थ्य अकर नींब की भरमार दिखती है। ऐसे में अगर किसी बच्चे के सामने पिज्जा और बर्गर का विकल्प उपलब्ध होगा तो वह टिफिन में लाई गई रोटी-सब्जी खाना क्यों पसंद करेगा?
तेजी से हल्दी जंक फूड कल्चर की एक बड़ी समस्या और है। ये कैलोरी मामले में तो बेहद समृद्ध हैं, लेकिन पोषक तत्वों का स्तर बहुत ही कम होता है। इनमें से एक, प्रोसेस्ड शुगर और प्रिजर्वेटिव आदि की मात्रा काफी होती है। इनमें कार्बोहाइड्रेट अधिक और मोटापा बेहद कम होता है। इसमें नीबू के प्रसंस्करण की प्रक्रिया में विटामिन, खनिज और पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। यही कारण है कि बच्चे बहुत जल्दी फास्ट फूड खाने वाले बच्चों में बहुत जल्दी आ जाते हैं, लेकिन उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, गाजियाबाद के कंसल्टेंट डायटीशियन श्वेता मंडल का कहना है कि इस तरह का खान-पान न सिर्फ गैप का कारण बनता है बल्कि व्यक्ति को व्यग्रता, हाइपरटेंशन और कार्डियोवास्कुलर खतरे में पड़ने का कारण भी बनता है। ऐसे में अगर हमारी शारीरिक सक्रियता का अभाव हो जाए, नियमित व्यायाम ना किया जाए तो हमारे शरीर और दिमाग के लिए खतरनाक स्थिति पैदा हो जाती है। अगर आपको फास्ट फूड खाना पसंद है तो इसे नियंत्रित मात्रा में इस्तेमाल करें किसी भी स्थिति में इसे अपने नियमित खान-पान का हिस्सा न बताएं।
हालाँकि यह बात हम सभी कहते हैं कि बहुत ज्यादा फास्ट फूड खाने से स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है, फिर भी अगर यह लग जाए तो कमी या धूम्रपान की लत की तरह ही पीछा करना भी मुश्किल होता है। बच्चों के मामले में यह पूरी तरह से सही साबित होता है बात जो स्वास्थ्य से ज्यादा स्वाद को महत्वपूर्ण मानती है। पिछले दशक में हमारे देश में फास्ट फूड के इस्तेमाल का चलन तेजी से बढ़ा है। बच्चों में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ने की यह भी एक बड़ी वजह है, चिप से संयुक्त राज्य अमेरिका में जहां बच्चे एकर स्वास्थ्य खाना खाते हैं और कैलोरी से लैबलैब अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ हैं और शारीरिक सक्रियता के मामले में बेहद पीछे हैं। इंडिपेंडेंट स्पॉट्र्स और साइकलिंग की जगह हर्श्ले स्टेशन और टेलीविज़न ने ली ली है।
 सारस कुछ साल पहले तक जब बच्चों में बेहद कम दिखाई देती थी तब से अब यह तेजी से बढ़ने लगी है। यह स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरे की घंटी है, क्योंकि व्यक्ति को कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं, जैसे कि दिल की बीमारी, जठरांत्र संबंधी विकार और अन्य समस्याएं। मोटापा बढ़ने के साथ-साथ बच्चों में सांस लेने में परेशानी और एलर्जी जैसी परेशानियां भी बढ़ रही हैं।
बच्चों को जंक फूड की आदत डालने से रोकने का एक तरीका यह है कि उन्हें फास्ट फूड जॉइंट की चीजें से रोकें और ऐसी टैब हो सकती है जब घर में स्वस्थ फास्ट फूड तैयार हो। सामान्य स्वास्थ्यकर के लिए नॉर्वे की जगह पर उपयोग की जाने वाली स्वास्थ्यवर्धक चीजें बनाएं। अगर आप घर में ही हल्दी पिज्जा और बर्गर बनाएंगे तो बच्चे को ये अवशेष ही स्वादिष्ट पिज्जा, बर्गर खाने के लिए बाहर के खाने में शामिल कर लेंगे। इन्हें बाहर के खाने की आदत न डालें और वे स्वस्थ रहें।
पाव भाजी : हालांकि पाव भाजी आम जंक फूड की तरह नहीं होती, लेकिन इसे पूरी तरह से से बनाया जा सकता है। पारंपरिक पाव की जगह ब्राउन बेड या मल्टी ग्रेन पाव का इस्तेमाल किया जा सकता है और भाजी में खूब सारा मसाला मिलाया जा सकता है।
सिवइयां : छोटे बच्चे को ही नहीं बल्कि बड़े को भी यहां खाना बेहद पसंद आता है। अधिकांश मिश्रित मैदा या पॉलिस्ड मिट्टी के आटे के बने होते हैं जिनमें से अधिकांश के अवशेष और अवशेष अत्यंत मात्रा में कम होते हैं। इसके अलावा अक्सर मैदे को सफेद बनाने के लिए केमिकल पाउडर का भी इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में अपने बच्चों को चावल या सूजी से बनी बर्मिसिली या सिवई खाने की आदत के साथ उपयोग करने के लिए कहें, तो इसे डालें और सोया सॉस के साथ डालें। इसका स्वाद भी लाजवाब बनेगा।
चीला-इंडियन पैनकेक: बेसन यानी चने के आटे से बनने वाला चीला फास्ट फूड का बेहद स्वास्थ्यवर्धक विकल्प होता है, जिसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है और पोषक तत्वों की मात्रा काफी अधिक होती है। अपने बच्चों को इसे खाने की आदत डालें, इससे उन्हें फास्ट फूड खाने की आदत नहीं होती है।
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