शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है दांतों का स्वस्थ रहना, डाइट में शामिल करें इन चीजों को, घरेलू नुस्खों से रखें सुरक्षित
नुस्खों से रखें सुरक्षित
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दांतों का स्वस्थ और मजबूत ना सबसे जरूरी होता है। हम जो कुछ भी खाते या पीते हैं सबसे पहले उसका संपर्क हमारे दांतों से ही होता है। दांतों को स्वस्थ रखने के लिए जिंदगी भर उनकी देखभाल करना पड़ता है। आज के दौर में खानपान, सही से देखभाल न करने की वजह से दांतों से जुड़ी तमाम समस्याएं लोगों में देखने को मिल रही हैं। ये समस्याएं कभी-कभी बेहद तकलीफदेह भी हो सकती हैं। इसके अलावा अगर आपके दांत स्वस्थ और साफ नहीं हैं तो इसकी वजह से आपके व्यक्तित्व पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। दांतों से जुड़ी समस्या होने पर आप सही तरीके से हर चीज का सेवन भी नहीं कर पाते हैं।
दांतों को मजबूत बनाने के लिए सिर्फ बर्श करना ही काफी नहीं है। इन्हें स्वस्थ रखने के लिए आप अपनी डाइट में भी बदलाव कर सकते हैं। जिससे शरीर में विटामिन्स की पूर्ति होती है और आपके दांत स्वस्थ हो सकते हैं। स्वस्थ शरीर की तरह ही स्वस्थ दांत भी जरूरी हैं। बहुत से लोग दांतों के स्वस्थ पर ध्यान नहीं देते हैं। दांतों की अनदेखी करने से आपके दांतों पर पीला मैल जैम सकता है जिससे वो भद्दे और बदबूदार हो सकते हैं। साथ ही आपको सांस की बदबू, मसूड़ों में खून और कीड़े लगने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
सेब
सेब खाने से दांत साफ होते हैं और सांसों की बदबू से भी राहत मिलती है। सेब की रेशेदार छिलके और गूदा टूथब्रश का काम करते हैं और दांतों में चिपके प्लेक को दूर करते हैं। सेब में मौजूद अम्लता से सांस की बदबू का कारण बनने वाले खराब बैक्टीरिया को मारने में मदद मिलती है। सेब को हमेशा छिलका के साथ खाएं क्योंकि फाइबर से भरा होता है जो दांतों और मसूड़ों को साफ रखने में मदद करता है।
गाजर
सेब की तरह गाजर में भी फाइबर भरे होते हैं और इसे खाने से दांतों पर जमा प्लेक खत्म होता है जिससे चमक आती है। गाजर के सेवन से लार का उत्पादन भी बढ़ता है। जो स्वाभाविक रूप से दांतों को साफ करता है। दांतों की सफाई के अलावा गाजर में कई विटामिन बी भी होते हैं, जो मसूड़े की सूजन से लड़ते हैं।
स्ट्रॉबेरी
स्ट्रॉबेरी में मैलिक एसिड का लेवल हाई होता है जो अक्सर कुछ प्रकार के टूथपेस्ट में पाया जाता है। मैलिक एसिड एक नैचुरल एस्ट्रिंजेंट की तरह काम करता है और दांतों की जड़ों में जमा गंदगी को साफ करता है। स्ट्रॉबेरी में साइट्रिक एसिड भी पाया जाता है और इनेमल को कमजोर करता है।
तरबूज
तरबूज में स्ट्रॉबेरी से ज्यादा मैलिक एसिड होता है। मैलिक एसिड आपके दांतों को हल्का करने और लार उत्पादन को बढ़ावा देने में सहायक है। तरबूज की रेशेदार बनावट आपके दांतों को स्क्रब करती है, जिससे दाग-धब्बों को दूर करने में मदद मिलती है।
रेड वाइन
ऐसा माना जाता है कि रेड वाइन में एसिड और टैनिन जैसे तत्व होते हैं, जो इनेमल परत को दबा सकते हैं। वाइन पीने से आपके दांत का रंग गहरा हो जाता है। आप अपनी वाइन के साथ पनीर खाकर रेड वाइन के प्रभाव को कम कर सकते हैं। बाद में दांतों को ब्रश करने से भी मदद मिल सकती है।
प्याज
प्याज में पावरफुल एंटी बैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो मुंह में कुछ ऐसे बैक्टीरिया को मार सकते हैं जो दांतों की सड़न पैदा करते हैं। इसके प्रभाव को देखने के लिए आपको प्याज को सलाद के रूप में खाना चाहिए।
दांतों को स्वस्थ रखने के लिए घरेलू नुस्खे
दांतों की देखभाल के लिए पुराने समय से ही प्रयोग किए जाने वाले घरेलू नुस्खे बेहद फायदेमंद और उपयोगी होते हैं। आयुर्वेद और प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों में भी इनका इस्तेमाल किया जाता रहा है। इन घरेलू और टिप्स की मदद से आप अपने दांतों को लंबे समय तक स्वस्थ और मजबूत रख सकते हैं। आइए जानते हैं दांतों को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए उपयोगी इन घरेलू नुस्खों के बारे में...
दांतों को सही तरीके से ब्रश करें
दांतों को स्वस्थ और मजबूत बनाये रखने के लिए नियमित रूप से उनकी सफाई बेहद जरूरी है। दिन में कम से कम दो बार ब्रश करना दांतों के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप सही तरीके से दांतों को ब्रश करें। अगर आप नियमित रूप से ब्रश करते हैं लेकिन आपका ब्रश करने का तरीका गलत है तो इससे आपको कोई फायदा नहीं होगा। दांतों को स्वस्थ रखने के लिए सही तरीके से ब्रश करना जरूरी है।
दांतों को सही तरह से ब्रश करने के लिए सबसे पहले आप अपने दांतों की बाहरी सतहों से ब्रश की शुरुआत करें। अच्छी तरह से बहरी सतहों को ब्रश करने के बाद अंदर की तरफ ब्रश करें। दांतों के आसपास और गमलाइन पर अच्छी तरह से ब्रश चलायें। दांतों के अंदर की सतह को अच्छी तरह से पर्याप्त समय लेकर साफ करें। भोजन को चबाने के लिए जिन दांतों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं उन्हें अच्छी तरह से साफ करें। इसके बाद अपनी जीभ को अच्छी तरह से साफ करना ना भूलें।
घर पर तैयार करें माउथवाश
ओरल हाईजीन को बनाये रखने से शरीर को स्वस्थ रखने में फायदा मिलता है। दांतों को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए सही तरीके से मुहं को साफ रखना बेहद जरूरी होता है। अगर आपके मुहं में बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक कीटाणु हैं तो वे दांतों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। आपको नियमित रूप से माउथवाश के सहारे अपने दांतों की सफाई जरूर करनी चाहिए। दांत और मुहं को अच्छी तरह से साफ और स्वस्थ रखने के लिए आप घर पर भी आसानी से माउथवाश बना सकते हैं। आइए जानते हैं घर पर आसानी से माउथवाश तैयार करने का तरीका।
आवश्यक सामग्री
—एक कांच के जार में 1/2 कप साफ पानी
—2 चम्मच बेकिंग सोडा
—2 बूंद टी ट्री ऑयल
—3 बूंद पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल
इन सभी चीजों को कांच के गिलास में अच्छी तरह से मिलाएं। और आपका माउथवाश बनकर तैयार है। इसके नियमित रूप से इस्तेमाल से आप अपने दांत और मुहं को बैक्टीरिया मुक्त रख सकते हैं। बेकिंग सोडा मुंह को क्षारीय करने में मदद करता है, आपके दांतों को एसिड से होने वाले नुकसान से बचाता है, और यह कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारता है। टी ट्री ऑयल और पेपरमिंट ऑयल भी बैक्टीरिया से निजात दिलाने में उपयोगी माने जाते हैं। आप नियमित रूप से इस माउथवाश का कुल्ला कर अपने दांतों को मजबूत और बैक्टीरिया मुक्त जरूर करें।
ऑयल पुलिंग
दांतों को मजबूत और हेल्दी रखने के लिए ऑयल पुलिंग तकनीक का इस्तेमाल काफी समय से किया जा रहा है। आयुर्वेद में भी इसका इस्तेमाल लगातार होता आया है। आप तेल को अपने मुहं में लेकर अच्छी तरह से इसे घुमाएं, और कुछ दिन बाद आप देखेंगे कि पहले की तुलना में आब आपके दांत और मजबूत व हेल्दी हो गए हैं। इसके लिए आप नारियल या तिल के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं, इन तेलों में जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो दांतों और मसूढ़ों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
ऑयल पुलिंग का तरीका
ऑयल पुलिंग करने के लिए सबसे पहले आप 1 बड़ा चम्मच नारियल या तिल का तेल लें। अब इस तेल को मुहं में रखकर अच्छी तरह से 15 से 20 मिनट तक घुमाएं। 20 मिनट के बाद इस तेल को थूक दें और मुहं को हल्के गर्म पानी से कुल्ला करें। ऑयल पुलिंग करने के बाद आप अपने दांतों को ब्रश जरूर करें। इस प्रक्रिया को रोजाना सुबह खालीपेट करें।
समय-समय पर पर्याप्त पानी पियें
हाइड्रेशन की आवश्यकताएं हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकती हैं लेकिन पर्याप्त पानी पीना दांतों के लिए बेहद जरूरी होता है। शरीर में पानी की उचित मात्रा आपको निर्जलीकरण से बचाती हैं और इसके साथ ही शरीर को कई बीमारियों से दूर रखने में भी फायदा मिलता है। पानी पीने से आपके मुहं में मौजूद बैक्टीरिया और दांतों के भीतर लगे भोजन के अंश साफ हो जाते हैं। इसके अलावा दांतों के इनेमल पानी की कमी से कमजोर हो सकते हैं, इसलिए भी समय-समय पर उचित मात्रा में पानी का सेवन जरूर करना चाहिए। इके साथ ही हर बार भोजन करने के बाद अपने मुहं को पानी की सहायता से साफ जरूर करें। इससे आपके मुहं में मौजूद भोजन के टुकड़े निकल जायेंगे और आपके दांतों और मसूढ़ों को नुकसान नहीं पहुंचेगा।
स्वस्थ और मजबूत दांतों के लिए ग्रीन टी का सेवन
ग्रीन टी का नियमित सेवन दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। ग्रीन टी को लेकर किए गए एक शोध में यह पाया गया कि इसका नियमित रूप से सेवन करने वाले लोगों के दांत और मसूढ़े दूसरे लोगों की तुलना में अधिक मजबूत और स्वस्थ थे। ग्रीन टी में "कैटेचिन" नामक जटिल यौगिक होते हैं जो सूजन की समस्या में फायदेमंद और जीवाणु संक्रमण को नियंत्रित कर सकते हैं। दांतों को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए आप भी नियमित रूप से ग्रीन टी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
दांतों को फ्लॉस करें
दांतों को साफ और स्वस्थ रखने के लिए फ्लॉस करने की सलाह आजकल डेंटिस्ट जरूर देते हैं। फ्लॉसिंग करने से दांतों की समस्याएं दूर होती हैं। फ्लॉस करने के लिए एक धागे का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे दांतों के बीच गैप और अंदरूनी भाग को साफ करने में मदद मिलती हैं। फ्लॉसिंग मसूड़ों की बीमारी को रोकने में मदद नहीं कर सकता लेकिन इससे दांतों को साफ करने में फायदा जरूर मिलता है। जिन जगहों पर ब्रश दांतों को सही ढंग से साफ नहीं कर पाता है वहां फ्लॉस करना फायदेमंद होता है।
फ्लॉस करने का तरीका
फ्लॉस करने के लिए धागे को लें और अपनी उंगलियों के चारों ओर लपेटें। अब इसे दांतों के उपर-नीचे और बीच में घुमाएं। गम लाइन के नीचे फ्लॉस करें।
दांतों को साफ-सुथरा रखने से दांतों और मसूढ़ों से जुड़ी तमाम बीमारियां खुद ही दूर हो जाती हैं। आप इन घरेलू उपायों के सहारे अपने दांतों को लंबे समय तक मजबूत और स्वस्थ रख सकते हैं। ध्यान रहे अगर आपको दांतों या मुहं से जुड़ी कोई समस्या या बीमारी है तो इन घरेलू उपायों को प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें, अन्यथा आपको फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है।