यह औषधीय गठिया से निजात पाने में है सहायक

हड्डियों के जोडों में यूरिक एसिड के जमा होने आर्थराइटिस नामक बीमारी होती है।

Update: 2021-10-03 02:33 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हड्डियों के जोडों में यूरिक एसिड के जमा होने आर्थराइटिस नामक बीमारी होती है। इस स्थिति में पीड़ित को जोड़ों में तेज दर्द होता है। हिंदी में इसे गठिया कहा जाता है। यह बीमारी वृद्ध व्यक्तियों को अधिक होती है। हालांकि, गठिया किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो गठिया रोग हड्डियों में कैल्सियम की कमी के चलते होती है। Business Standard की रिपोर्ट की मानें तो भारत में 18 करोड़ से अधिक लोग गठिया रोग से पीड़ित हैं। इस रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि हर साल 14 फीसदी लोग डॉक्टर के पास गठिया के इलाज के लिए जाते हैं। गठिया 5 तरह की होती है। इनमें मुख्य आस्टियो एक्यूट, रूमेटाइट और गाउट हैं। गठिया के लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही गठिया की समस्या से निजात पाने के लिए रोजाना अनानास का जूस जरूर पिएं। कई शोधों में खुलासा हुआ है कि गठिया रोग में अनानास जूस किसी दवा से कम नहीं है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो गठिया से निजात पाने में सहायक होते हैं। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

क्या कहती है शोध

US Department of Health and Human Sciences की मानें तो अनानास में मैंगनीज अधिक मात्रा में पाई जाती है। एक कप अनानास के सेवन से शरीर को पर्याप्त मात्रा में मैंगनीज मिल सकती है। यह खनिज हड्डियों और टिशूज को मजबूत करने में सहायक है। साथ ही इसमें विटामिन-सी और ब्रोमेलैन पाया जाता है। इन औषधीय गुणों के चलते गठिया के दर्द में बहुत जल्द आराम मिलता है।

ब्रोमेलैन न केवल अनानास के फल, बल्कि तना में भी पाया जाता है। सूजन और दर्द को कम करने में ब्रोमेलैन सहायक सिद्ध होता है। इसके लिए डॉक्टर्स हमेशा गठिया के मरीजों को रोजाना अनानास जूस पीने की सलाह देते हैं। अगर आप गठिया रोग से परेशान हैं, तो रोजाना अनानास का सेवन करें।

रिसर्च गेट पर छपी एक शोध की मानें तो अनानास में फाइबर की अधिकता होती है। इसके सेवन से पेट संबंधी विकार दूर हो सकते हैं। साथ फाइबर के चलते अनानास वजन घटाने में भी मददगार साबित हो सकता है।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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