बाजार में भारत का ये फल मिलता है सिर्फ २ महीने के लिए

सिर्फ २ महीने के लिए

Update: 2023-08-29 09:37 GMT
लसोड़े का फल : दुनिया भर में ऐसे कई तरह के फल और सब्जी मिलते हैं, जिसके बारे में लोगों को पता नहीं होता है। कुछ फल और सब्जियों के बारे में तो एक से दूसरे राज्यों के लोगों को पता नहीं होता है। ऐसा ही एक फल है लसोड़ा, जिसके बारे में सब नहीं जानते हैं। इसलिए इस फल को देश के दुर्लभ फल की श्रेणी में रखा गया है। इस फल का दुर्लभ होने का एक और कारण यह भी है, कि यह धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं और इसके नए पेड़ भी नहीं लगाए जा रहे हैं। लसोड़े को गौंदी और निसोरी के नाम से भी जाना जाता है। इस फल का साइंटिफिक नाम कोर्डिया मायक्सा (Cordia myxa) है। दिखने में भले यह फल छोटा है, लेकिन इसके अनगिनत स्वास्थ्य लाभ हैं। लसोड़े से अचार, पाउडर और चटनी बनाकर खाया जाता है।
इस फल का स्वाद
अंगूर की तरह दिखने वाला यह फल मई और जून के महीने में ही बस मिलता है, इसलिए इसे दुर्लभ फलों की श्रेणी में रखा गया है। इस फल को कच्चा खाने के अलावा पकाकर भी खा सकते हैं, स्वाद में पके हुए लसोड़े मीठे होते हैं। गुजरात में इस फल का चूर्ण बनाकर इसे मैदा, घी और बेसन के साथ मिलाकर लड्डू बनाते हैं। यह फल आपको हर महीने उपलब्ध नहीं होगा इसलिए इसे मई और जून के महीने में तोड़कर चूर्ण और अचार बनाकर स्टोर किया जाता है।
कहां मिलता है
यह फल आमतौर पर नम और सूखे जगहों पर पाया जाता है। यह गुजरात, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश (हिमाचल प्रदेश टूरिस्ट स्पॉट), राजस्थान और महाराष्ट्र में पाया जाता हौ। लसोड़ा का फल ही नहीं इसकी लकड़ी भी बहुत काम की होती है। लसोड़े की लकड़ी मजबूत और चीकनी होने के कारण इसका इस्तेमाल फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है। बहुत से किसान इसके पेड़ को अपने खेत के पार या किनारे में भी लगाते हैं।
लसोड़े का उपयोग और कीमत
इस फल के बारे में जानने वाले लोग इसका उपयोग गर्मियों में शरीर को ठंडक प्रदान करने के लिए करते हैं। गर्मियों में आने वाला यह फल तेज धूप और गर्मी से जुड़े कई तरह की समस्याओं से राहत देने के लिए बहुत फायदेमंद फल (सेहत के लिए फायदेमंद फल) है। इस फल को पहले बीकानेर के शहरी क्षेत्रों में उगाया जाता था ,लेकिन शहर के विकास के साथ-साथ यह पेड़ धीरे-धीरे विलुप्त होने लगे। वर्तमान में यह फल राजस्थान के बहुत से गांवों में पाया जाता है। इस फल के कीमत की बात करें तो यह 150-200 रुपये प्रति किलो मिलता है। गुजरात और राजस्थान में इसके पत्ते का इस्तेमाल बकरी और ऊंट के चारे के रूप में करते हैं।
लसोड़े का फल देश में दुर्लभ फल में से एक है जो कि मई और जून के महीने में पाया जाता है। हमें उम्मीद है लसोड़े से जुड़ी ये जानकारी आपको पसंद आई होगी। यह लेख पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर जरूर करें। आपको यह लेख कैसा लगा हमें कमेंट कर बताएं, ऐसे ही लेख पढ़ते रहने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।
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