हाथ ना धोने वाले बच्‍चों को होता है ये खतरनाक इंफेक्‍शन

Update: 2023-08-29 17:17 GMT
लाइफस्टाइल: छोटे बच्चों में वजन का कम होना, भूख ना लगना जैसी परेशानियां माता-पिता के लिए कई बार बड़ी परेशानी की वजह बन जाती हैं। क्या आप जानते हैं छोटे बच्चों में इस तरह की समस्या कई बार साफ सफाई न रखने की वजह से आंत में पैदा होने वाले पिनवॉर्म की वजह से भी हो सकती है। दरअसल, पिनवॉर्म सफेद धागे जैसी बनावट वाला परजीवी कृमि होता है, जिसे थ्रेडवर्म के नाम से भी जाना जाता है। पिनवॉर्म का इंफेक्शन मुख्यतः: कोलन या रेक्टम में होता है।
क्या होता है पिनवॉर्म?
पिनवॉर्म पतले और छोटे-छोटे कीड़े होते हैं जो संक्रमित व्यक्ति की आंत में रहकर शरीर में संक्रमण फैलाते हैं। इन कीड़ों को मेडिकल भाषा में एंटोबियस वर्मीक्यूलरिस (Enterobius vermicularis) कहते है। हैं। खास बात यह है कि इन कीड़ों को ज्यादातर बच्चों के मल में आसानी से देखा जा सकता है। यह कीड़े बच्चों में होने वाली आंतों की बीमारी का प्रमुख कारण बनते हैं। हालांकि, अपने आसपास साफ-सफाई रखकर और हाथों को बार-बार धोकर इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है।
पिनवॉर्म के कारण-
संक्रमित व्यक्ति के सोने पर मादा पिनवॉर्म, आंत से निकल कर मलद्वार के आसपास की त्वचा पर अंडे देती हैं, जिससे उस अंग के आसपास खुजली होने लगती है। खुजली से राहत पाने के लिए जब संक्रमित व्यक्ति (खासकर बच्चा) खुजलाता है, तो ये अंडे उसके नाखून और उंगलियों में चिपक जाते हैं और नीचे बताए गए तरीकों से फैल सकते हैं।
-दूषित पानी पीने से
-मिट्‌टी खाने की आदत से
-टॉयलेट यूज करने के बाद अच्छी तरह हाथ साफ नहीं करने से
-हवा और संक्रमित भोजन में भी पिनवॉर्म के अंडे हो सकते हैं।
पिनवॉर्म के लक्षण-
-मलद्वार के पास खुजली
-चिड़चिड़ापन
-सोने में समस्या
-घबराहट
-बैचैनी
-भूख में कमी
पिनवॉर्म से राहत दिलाएंगे ये घरेलू उपाय-
नारियल का तेल-
पिनवॉर्म से राहत पाने के लिए रोजाना रात को सोने से पहले दो चम्मच वर्जिन नारियल का तेल संक्रमित जगह पर लगाएं। नारियल तेल में मौजूद एंटी माइक्रोबियल और एंटी बैक्टीरियल गुण संक्रमण फैलाने वाले जीवाणु को रोकने और बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं। इसके अलावा पिनवॉर्म की वजह से होने वाली जलन और खुजली से भी राहत मिलती है।
सेब का सिरका-
पिनवॉर्म से राहत पाने के लिए एक गिलास पानी में दो छोटे चम्मच सेब का सिरका और स्वाद के लिए थोड़ा-सा शहद मिलाकर इसका सेवन दिन में दो बार करें। सेब के सिरके में मौजूद एंटी माइक्रोबियल गुण न सिर्फ पिनवॉर्म को खत्म करते हैं, बल्कि उन्हें दोबारा बढ़ने से भी रोकते हैं।
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