ब्लड प्रेशर कम करेंगी ये जड़ी-बूटियां

Update: 2024-05-17 02:13 GMT
लाइफस्टाइल : हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) या हाई बीपी इन दिनों एक गंभीर समस्या बन चुका है। सिर्फ बुजुर्गों को भी नहीं, इन दिनों युवाओं में भी इसके मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। दुनियाभर में लाखों लोग इस समस्या से प्रभावित है और यह हार्ट डिजीज के लिए महत्वपूर्ण जोखिमों में से एक है। ऐसे में इस गंभीर समस्या के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे (World Hypertension Day 2024) मनाया जाता है।
यह दिन ब्लड प्रेशर की निगरानी के महत्व पर प्रकाश डालने और दुनिया भर में हाई बीपी से पीड़ित एक अरब लोगों के लिए जागरूकता लाने के मकसद से मनाया जाता है। हाई ब्लड प्रेशर, जिसे हाइपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है, एक लाइलाज बीमारी है, जिसे दवाओं और सही लाइफस्टाइल की मदद से कंट्रोल किया जाता है। ऐसे आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों के बारे, जिनकी मदद से आप अपने ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रख सकते हैं।
लहसुन
लहसुन अपने बहुमुखी औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। आमतौर पर खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाला लहसुन ब्लड प्रेशर मैनेजमेंट में मददगार होता है। एलिसिन जैसे कंपाउंड से भरपूर लहसुन ब्लड वेसल्स को आराम देने में मदद करता है और बीपी के लेवल को प्रभावी ढंग से कम करता है।
सेलरी (Celery)
सेलरी को अपने आहार में शामिल करने से हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे व्यक्तियों को फायदा हो सकता है। अजवाइन के बीज का अर्क एक नेचुरल कैल्शियम चैनल ब्लॉकर के रूप में कार्य करता है, जिससे ब्लड प्रेशर कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा इसका फाइबर कंटेंट हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाता है।
तुलसी
तुलसी अपने धार्मिक महत्व के अलावा अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाती है। इसमें मौजूद यूजेनॉल जैसे कंपाउंड नेचुरल कैल्शियम चैनल ब्लॉकर के रूप में कार्य करते हैं और ब्लड प्रेशर कम करने में मदद करते हैं।
दालचीनी
खाने का स्वाद दोगुना करने वाली दालचीनी ब्लड प्रेशर कम करने जैसे कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। इसके वासोडिलेटरी प्रभाव रक्त वाहिकाओं को आराम देते हैं, ऑप्टिमल ब्लड फ्लो और प्रेशर रेगुलेशन को बढ़ावा देते हैं।
अलसी के बीज
ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर, अलसी के बीज हार्ट हेल्थ और ब्लड प्रेशर कम करने में मदद करते हैं। इसके नियमित सेवन से एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा कम हो जाता है।
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