1 अक्टूबर से बदलेंगे ये सरकारी नियम, क्या आपने कर ली है सारी तैयारी

क्या आपने कर ली है सारी तैयारी

Update: 2023-09-28 09:46 GMT
देश में अक्टूबर 2023 से कई वित्तीय नियमों के साथ कई विभागों में टाइम पीरियड को लेकर बड़े बदलाव होने वाले हैं।  इनमें से एक नया टीसीएस नियम, डेबिट व क्रेडिट कार्ड नेटवर्क और अन्य शामिल हैं। खास बात है कि तीन दिन बाद 2,000 के नोट पर भी फैसला होगा। इन बदलावों का आप पर सीधा असर पड़ सकता है।
2000 रुपये का नोट बैंक में देने की आखिरी तारीख
2000 रुपये के नोट बदलने की आखिरी तारीख 30 सितंबर, 2023 है। इस तारीख के बाद, 2000 रुपये के नोट चलन से बाहर हो जाएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 19 मई, 2023 को घोषणा की थी कि 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया जाएगा। इस घोषणा के बाद, लोगों को 23 मई, 2023 से 30 सितंबर, 2023 तक अपने 2000 रुपये के नोट बैंकों में जमा करने या बदलने का समय दिया गया।
2000 रुपये के नोट को बदलने के लिए, आपको अपने नजदीकी बैंक की किसी भी शाखा में जाना होगा। आपको अपने नोटों के साथ एक पहचान पत्र भी ले जाना होगा। बैंक अधिकारी आपकी पहचान की जांच करने के बाद, आपको नए नोट दे देंगे। 2000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए कोई शुल्क नहीं है।
फाइनेंशियल ईयर 2023-24 की दूसरी छमाही के लिए 1 अक्टूबर 2023 से शुरू होगा।
वित्तीय वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही के लिए 1 अक्टूबर 2023 से सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (एसजीआरबी) जारी किए जाएंगे। इन बॉन्ड का उद्देश्य पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के लिए वित्तपोषण जुटाना है।
एसजीआरबी की विशेषताएं:
ये बॉन्ड 10, 20, और 30 साल की अवधि के लिए जारी किए जाएंगे।
इन बॉन्ड की ब्याज दरें खुली बोली प्रक्रिया के माध्यम से निर्धारित की जाएंगी।
इन बॉन्ड को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा सूचीबद्ध किया जाएगा।
एसजीआरबी इन्वेस्टर के लिए कई फायदे हो सकते हैं:
एसजीआरबी से प्राप्त आय को पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के लिए परियोजनाओं में निवेश किया जाएगा।
एसजीआरबी से प्राप्त आय से पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से प्रभावित लोगों को सामाजिक और आर्थिक लाभ मिलेगा।
एसजीआरबी में निवेश करने वाले निवेशकों को कर लाभ मिल सकते हैं।
एसजीआरबी जारी करने के लिए, भारत सरकार ने 20,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है। सरकार का मानना है कि एसजीआरबी जारी करने से पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के लिए निवेश को बढ़ावा मिलेगा। सरकार का मानना है कि एसजीआरबी जारी करने से भारत को एक जिम्मेदार और टिकाऊ अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।
1 अक्टूबर, 2023 से, भारत सरकार ने टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट स्वीपस्टेक्स) दरों में बदलाव किए हैं। नए दरें नीचे दिए गए हैं:
विदेशों में क्रेडिट कार्ड लेनदेन: 7 लाख रुपये से अधिक के खर्च पर 20% टीसीएस लगेगा।
विदेशी यात्रा कार्यक्रम पैकेज: 7 लाख रुपये से अधिक के खर्च पर 20% टीसीएस लगेगा।
लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत अन्य उद्देश्यों के लिए: 7 लाख रुपये से अधिक के खर्च पर 20% टीसीएस लगेगा।
पहले, विदेशों में क्रेडिट कार्ड लेनदेन पर 3% टीसीएस लगता था, विदेशी यात्रा कार्यक्रम पैकेज पर 5% टीसीएस लगता था और लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत अलग उद्देश्यों के लिए 0.5% टीसीएस लगता था। आपको बता दें, भारत सरकार के इन बदलावों का उद्देश्य काले धन को रोकना और वित्तीय प्रणाली को मजबूत करना है।
टीसीएस एक कर है जो वित्तीय संस्थानों द्वारा संग्रह किया जाता है। जब आप विदेशों में क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करते हैं या विदेश यात्रा कार्यक्रम पैकेज बुक करते हैं, तो वित्तीय संस्थान आपके खर्च से टीसीएस काट लेती हैं। यह टीसीएस सरकार को जाता है।
1 अक्टूबर, 2023 से, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड नेटवर्क के लिए नए नियम लागू किए हैं। नए नियमों के अनुसार, ग्राहकों को अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड के लिए अपना पसंदीदा नेटवर्क चुनने की अनुमति होगी।
नए नियमों के तहत, ग्राहक अपने बैंकों से संपर्क करके अपना पसंदीदा नेटवर्क चुन सकते हैं। बैंक ग्राहकों के अनुरोध को पूरा करने के लिए 30 दिनों के भीतर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
नए नियमों के क्या हैं उद्देश्य:
नए नियम ग्राहकों को अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड के लिए अपना पसंदीदा नेटवर्क चुनने की अनुमति देते हैं। इससे ग्राहकों को अपनी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुरूप सर्वोत्तम नेटवर्क चुनने में मदद मिलेगी।
नए नियम प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने की उम्मीद करते हैं। इससे ग्राहकों को बेहतर सेवाएं और ऑफर प्राप्त होंगे।
नए नियम व्यवसायों के लिए लागत को कम करने की उम्मीद करते हैं। इससे व्यवसायों को अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी।
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