ये 4 योगासन बढ़ाएंगे शारीरिक संतुलन, जानें क्या क्या ?

आज के समय में हर कोई इंसान रोगों से छुटकारा पाना चाहता है। खराब लाइफस्टाइल, समय पर खाना न खाना और बढ़ते प्रदूषण के कारण कई बीमारियां जन्म ले रही हैं

Update: 2022-06-20 16:24 GMT

आज के समय में हर कोई इंसान रोगों से छुटकारा पाना चाहता है। खराब लाइफस्टाइल, समय पर खाना न खाना और बढ़ते प्रदूषण के कारण कई बीमारियां जन्म ले रही हैं। इन सारी बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए आप नियमित तौर से योग अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। योग आपको मानसिक और शारीरिक दोनों रुप से स्वस्थ रखेगा। भारत के अलावा योग विदेशों में भी बहुत ही प्रचलित है। इसलिए हर साल अंतराष्ट्रीय स्तर पर 21 जून को यानी की कल हर साल योग दिवस मनाया जाता है। इस साल की योग की थीम है "मानवता के लिए योग"। आप इन 4 योगासनों को नियमित रुप से करके अपना शरीर स्वस्थ रख सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...

ऐसे करें योग की शुरुआत
किसी भी तरह को योग को शुरु करने से पहले ध्यान अवश्य करें। ध्यान करने से मन एकाग्र होता है। ध्यान के साथ योगासन करने से आपको बहुत ही अच्छे स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। अपनी आती जाती सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। फिर आप ओम मंत्र को उच्चारण करके योगासन की शुरुआत करें।
ग्रीवा चालन योग
आप योग की शुरुआत करने के लिए चालन क्रिया से शुरुआत करें। इस योग को करने से गर्दन स्वस्थ रहती है और आपका रक्त संचार भी बहुत ही अच्छे से होता है। नियमित रुप से इस आसन को करने से आपकी एकाग्र शक्ति बढ़ती है। यदि आप इस योग को खुली हवा में करेंगे तो आपका मन शांत रहेगा।
कैसे करें?
. सबसे पहले अपने योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
. फिर सांस लेते हुए अपनी गर्दन को पीछे की तरफ ले जाएं। इसके बाद सांस को छोड़ते हुए गर्दन को आगे ले जाएं.
. ऐसे ही सांस लेते हुए गर्दन को दाई ओर ले जाएं, इसके बाद गर्दन को बाई ओर घुमाएं।
. फिर क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज इस प्रतिक्रिया को दोहराएं।
. आप 5-10 बार इस क्रिया को दोहरा सकते हैं।
ताड़ासन करें
ताड़ासन संस्कृत के दो शब्दों से बना हुआ है। ताड़ का अर्थ है पर्वत और आसन का अर्थ है मुद्रा। इस आसन को करते समय आप पर्वत की मुद्रा में होते हैं। इसलिए इसे ताड़ासन कहते हैं। इस आसन को करने से आपकी लंबाई बढ़ती है, पीठ दर्द में भी आराम मिलता है, घुटनों के दर्द से भी राहत मिलती है।
कैसे करें ताड़ासन?
. सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और अपनी कमर और गर्दन को सीधा कर लें।
. फिर अपने हाथों को ऊपर ले जाएं और सांस लेते हुए धीरे-धीरे अपने शरीर को ऊपर की ओर खींचे।
. अपने पैरों के एड़ियों को उठा लें। खिंचाव पैरों की उंगली से लेकर हाथों की उंगलियों तक महसूस करें।
. ऐसी ही अवस्था में कुछ देर बने रहें और फिर सांस ले और धीरे-धीरे सांस छोड़ते जाएं।
. सांस को छोड़ते समय धीरे-धीरे अपने हाथ और शरीर को पहली वाली अवस्था में लेकर आएं।
. अपनी क्षमता के अनुसार, आप इस आसन को कर सकते हैं।
वृक्षासन करें
वृक्षासन का अर्थ है -पेड़ की मुद्रा। इस आसन को करते समय आप पेड़ की मुद्रा में होते हैं। इसलिए इसे वृक्षासन कहा जाता है। यह आसन आपकी रीढ़ की हड्डी और टांगों को मजबूत करता है। शारीरिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। आंतरिक जांघों, कंधों और छाती में खिंचाव लाता है।
कैसे करें वृक्षासन?
. सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
. फिर अपने दोनों हाथ जांघों के पास ले जाएं।
. धीरे-धीरे दाएं घुटनों को मोड़ते हुए उसे बाई जांघ पर रख लें।
. अपने बाएं पैर को जमीन पर रख लें और फिर बाएं पैर को सीधे रखें।
. सांसों की गति को सामनान्य रखें और सांस को अंदर की ओर खींचते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठा लें।
. दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर नमस्कार की मुद्रा बना लें।
. रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। धीरे-धीरे अपने हाथों को नीचे को ओर ले जाएं।
. फिर बाईं टांग को जमीन पर लगाएं। पहली जैसी अवस्था में आ जाएं।
पादहस्तासन करें
पादहस्तासन को अंग्रेजी में स्टेंडिंग फॉरवर्ड फोल्ड पोज, हैंड टू फूट पोज भी कहते हैं। यह आपके पूरे शरीर को स्ट्रेच करने में मदद करता है और दिमाग में अच्छे से ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने में भी सहायता करता है। पादहस्तासन संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है-पैरों को छूने वाला आसन। इस आसन को करने से शरीर को बहुत से फायदे होते हैं।
कैसे करें पादहस्तासन?
. सबसे पहले सीधे खड़े होकर अपने दोनों हाथ हिप्स पर रख लें।
. सांस को भरते हुए कमर को मोड़ लें और आगे की ओर झुकें।
. अपने शरीर को संतुलित रखने का प्रयास करें।
. हिप्स और टेलबोन को थोड़ा सा पीछे की ओऱ ले जाएं।
. धीरे-धीरे हिप्स ऊपर की ओर उठाएं।
. अपने पैरों को पंजे के नीचे दबाएं। जांघों को अंदर की ओर दबाएं।
. शरीर को एड़ी के बल से सीधे बनाए रखें।
. सिर को नीचे की ओर झुका कर टांगों के बीच में रखें।
. ऐसे ही स्थिति में 15-30 सैकेंड के लिए बने रहें।
. सांस को अंदर की ओर खींचे और हाथों को हिप्स पर रखें।
. धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठें और सामान्य रुप से खड़े हो जाएं।


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