तुलसी के बीज और मिश्री खाने के फायदे (Benefits of eating Basil Seeds and Rock Sugar in hindi)
पाचन स्वास्थ्य के लिए तुलसी के बीज और मिश्री खाना लाभकारी होता है। दरअसल तुलसी के बीज और मिश्री में पाए जाने वाले पोषक तत्व, पाचन में सुधार कर, भोजन को अच्छे से पचाने का कार्य करते हैं और पाचन तंत्र को स्वस्थ व मजबूत बनाये रखने में सहायक होते हैं। पाचन स्वास्थ्य के लिए आप तुलसी के बीज और मिश्री का सेवन पानी या दूध के साथ कर सकते हैं।
मुंह में छाले की समस्या से छुटकारा पाने के लिए तुलसी के बीज और मिश्री का सेवन किया जा सकता है। इसके लिए आपको तुलसी के बीज के पाउडर में मिश्री को मिलाकर सेवन करना है। जब तक मुंह में छाले पूरी तरह ठीक न हो जाएं आपको इस मिश्रण का सेवन नियमित रूप से करना है।
तुलसी के बीज के चूर्ण के साथ मिश्री का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है। इसके अलावा यह वात और कफ से जुड़े रोगों को भी दूर करती है।
मुंह से आने वाली दुर्गंध की समस्या को दूर करने के लिए तुलसी के बीज और मिश्री का सेवन फायदेमंद होता है क्योंकि तुलसी के बीज में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो मुंह में दुर्गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं। वहीं मिश्री की तासीर ठंडी होती है, जो मुंह में ताजगी को बरकरार रखती है इसलिए तुलसी के बीज और मिश्री का सेवन, मुंह से आने वाली दुर्गंध को दूर करता है।
शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए तुलसी के बीज और मिश्री का सेवन करना फायदेमंद होता है। दरअसल तुलसी के बीज में पाए जाने वाले पोषक तत्व, शारीरिक कमजोरी को दूर करते हैं। इसके अलावा मिश्री में सुक्रोज की अच्छी मात्रा पायी जाती है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करने में सहायक होती है।
आयुर्वेद में तुलसी के बीज और मिश्री को मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। माना जाता है कि तुलसी के बीज के पाउडर और मिश्री को गर्म दूध के साथ मिलाकर रोजाना रात को पीने से याददाश्त मजबूत होती है और मानसिक तनाव से भी राहत मिलती है।
वजन को कम करने के लिए तुलसी के बीज और मिश्री का सेवन फायदेमंद होता है। असल में तुलसी के बीज में फाइबर की भरपूर मात्रा पायी जाती है, जो पेट को लम्बे समय तक भरा हुआ रखती है और अनियमित भूख को नियमित करती है, जिससे वजन को कम करने में मदद मिलती है।
एनीमिया रोग से बचाव के लिए तुलसी के बीज और मिश्री का सेवन करना लाभदायक होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, मिश्री के सेवन से हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार होता है। वहीं तुलसी के बीज में आयरन की भरपूर मात्रा पायी जाती है, जो शरीर में आयरन की कमी को पूरा कर, खून की कमी को दूर करती है और एनीमिया रोग से बचाव करती है। एनीमिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कई आयुर्वेदिक दवाओं में भी मिश्री का प्रयोग किया जाता है।