होली में ऐसे रखें कानों का ध्यान

Update: 2024-03-23 09:59 GMT
लाइफस्टाइल : होली का त्योहार हंसी-खुशी और रंगों का पर्व है। देशभर में इसे लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। आमतौर पर लोग रंगों से इस त्योहार को सेलिब्रेट करते हैं। हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला होली का त्योहार हिंदू धर्म के अहम और बड़े त्योहारो में से एक है। लोग पानी और रंगों के साथ होली खेलते हैं, जो काफी मजेदार भी होता है। हालांकि, कई बार कुछ वजहों से होली के रंग में भंग पड़ जाता है।
होली खेलते समय अक्सर लापरवाही या किसी अन्य वजह से पानी और रंग आसानी से हमारे कानों में प्रवेश कर जाते हैं, जिसकी वजह से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि होली की मौज-मस्ती के दौरान अपने कानों का खास ख्याल रखा जाए। ऐसे में गुरुग्राम के सीके बिड़ला हॉस्पिटल के एलर्जी एवं ईएनटी विशेषज्ञ और सलाहकार डॉ. विजय वर्मा होली के दौरान अपने कानों की सुरक्षा के लिए कुछ सुझाव बता रहे हैं।
इयरप्लग का उपयोग करें
अपने कानों को पानी और रंगों से बचाने के लिए इयरप्लग का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आसानी से फार्मेसी दुकानों में मिल जाते हैं। इनके इस्तेमाल से आपके कान सुरक्षित रहते हैं और पानी या रंग आपके कानों के अंदर नहीं पहुंच पाते हैं।
गुब्बारे, वॉटर गन से सुरक्षित रहें
होली के दौरान इस्तेमाल होने वाले पानी के गुब्बारे, वॉटर गन और पानी की बाल्टियों को संभालते समय सावधान रहें ताकि आपके कानों में पानी न जाए। पानी से खेलते समय, इसे अपने कानों से दूर रखने की कोशिश करें ताकि यह आपके कान के अंदर न जाए।
अपने कानों को ठीक से सुखाएं
होली खेलने के बाद अपने कानों को पूरी तरह से सुखाने के लिए सूखे तौलिए का उपयोग करें। अतिरिक्त पानी को बाहर निकलने देने के लिए अपने सिर को दोनों तरफ झुकाएं। पानी की वजह से होने वाली समस्याओं को रोकने के लिए, रुई के फाहे का उपयोग न करें या अपने कान में कुछ भी न डालें।
कानों को ढककर रखें
होली खेलते समय अपने कानों को ढककर रखें। अगर आपके पास इयरप्लग नहीं है, तो आप कॉटन बॉल या इयर मफ का उपयोग कर सकते हैं। ऐसा करने से आप अपने कानों से रंग और पानी को दूर रख सकेंगे।
इयरफोन या हेडफोन के इस्तेमाल से बचें
होली पार्टी में शामिल होने के दौरान संगीत या पॉडकास्ट सुनना आनंददायक हो सकता है, लेकिन इयरफोन या हेडफोन लगाने से पानी और रंग के आपके कानों में जाने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में अपने कानों की सुरक्षा के लिए, इसके बजाय स्पीकर का उपयोग करें या बस शोर-मुक्त उत्सव मनाएं।
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