नींद के साथ ही सेहत के लिए भी नुकसानदायक हैं खर्राटे, ये योगासन दिलाएंगे आराम

Update: 2024-04-06 11:58 GMT
खर्राटे आज के समय में कई लोगों के लिए चिंता का कारण बने हुए हैं। खर्राटे की आवाज जब कानों में पड़ती हैं तो कई लोगों की नींद में खलल पड़ता हैं। खर्राटे तब आते हैं जब कोई व्यक्ति सोते वक्त सांस लेने के दौरान नाक से अजीब-अजीब सी आवाजें निकालने लगता है। ये आवाजें सांस लेने के दौरान होने वाली रुकावटों की आवाज होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खर्राटे आपकी सेहत के लिए भी नुकसानदायक हैं। इसे लेने वाले व्यक्तियों में हाई कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ दिल से जुड़ी बीमारियां होने की भी संभावना बनी रहती है। ऐसे में कई लोग खर्राटों को दूर करने के लिए बाजार में मिलने वाले अजीबोगरीब गैजट्स या मास्क का इस्तेमाल करते हैं जो आपके लिए असहज स्थिति पैदा कर सकते हैं। ऐसे में आप यहां बताए जा रहे योग और प्राणायाम की मदद ले सकते हैं जिससे ब्रीदिंग स्मूथ होगी और खर्राटों की समस्या दूर होगी।
भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम दिमाग की टेंशन को रिलीज करने में आपकी मदद करता है। इससे आपका माइंड डिटॉक्स होता है लेकिन इसका सबसे ज्यादा बड़ा फायदा ब्लड प्रेशर को कम करने में होता है। साथ ही साथ ही ब्लड सरकुलेशन को भी सही करता है। इस तरह भ्रामरी प्राणायाम खर्राटों के कई कारण जैसे कि इस प्रेस खराब, ब्लड, सरकुलेशन, मोटापा आदि को कम करता है जिससे आपके खर्राटे रोकने में मदद मिलती है। इस प्राणायाम को करने के लिए आप एक शांत जगह पर बैठ जाएं और अपनी आंखों को बंद कर ले। अपनी तर्जनी को अपने कानों पर रखें। इसके बाद सांस अंदर ले और सांस छोड़ते हुए अपनी उंगलियों से कार्टिलेज को दबाए। इसके बाद बार-बार सांस लें और छोड़ें लगभग 6 से 7 बार इसी पैटर्न को दोहराए।
भुजंगासन या कोबरा पोज
खर्राटों की समस्या दूर करने के लिए सबसे बेस्ट योगासन है भुजंगासन। इस आसन को करने के दौरान व्यक्ति का चेस्ट यानी सीना पूरी तरह से खुल जाता है। इस पॉस्चर में हमारे फेफड़े क्लियर हो जाते हैं और वायु मार्ग भी क्लीन और फ्री हो जाता है जिससे खर्राटे लेने की आशंका कम हो जाती है। साथ ही साथ इस योगासन को करने से शरीर में ऑक्सिजन और ब्लड फ्लो भी रेग्युलेट होता है जिससे आपकी ब्रीदिंग और शरीर के बाकी फंक्शन्स भी बेहतर तरीके से काम करने लगते हैं।
कपाल भाति प्राणायाम
कपाल भाति प्राणायाम के अभ्यास से कपाल के साइनस की सफाई में मदद मिलती है। इसके अभ्यास से हमें गहरी नींद लेने में भी मदद मिलती है। इसे करने के लिए अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए, आराम से बैठ जाएँ। अपने हाथों को आकाश की तरफ, आराम से घुटनों पर रखें। एक लंबी गहरी साँस अंदर लें। साँस छोड़ते हुए अपने पेट को अंदर की ओर खींचे। अपने पेट को इस प्रकार से अंदर खींचे की वह रीढ़ की हड्डी को छू ले। जितना हो सके उतना ही करें। पेट की मासपेशियों के सिकुड़ने को आप अपने पेट पर हाथ रख कर महसूस कर सकते हैं। नाभि को अंदर की ओर खींचे। जैसे ही आप पेट की मासपेशियों को ढीला छोड़ते हो, साँस अपने आप ही आपके फेफड़ों में पहुँच जाती है। कपालभाति प्राणायाम के एक क्रम (राउंड) को पूरा करने के लिए 20 साँस छोड़े। एक राउंड खत्म होने के पश्चात, विश्राम करें और अपनी आँखों को बंद कर लें। अपने शरीर में प्राणायाम से प्रकट हुई उत्तेजना को महसूस करें। कपालभाति प्राणायाम के दो और क्रम (राउंड) को पूरा करें।
उज्जायी प्राणायाम
उज्जयी प्राणायाम नाक को साफ करता है और कफ को भी साफ करता है। ऐसे नेसल पैसेज साफ हो जाता है और खर्राटे रोकने में मदद मिलती है। साथी के पेट को भी स्वस्थ रखता है और शरीर को अंदर से स्वस्थ बनाता है। इस प्राणायाम को करने के लिए मुंह बंद करें और एक छोटी सांस छोड़ें और फिर एक लंबी सांस लें। अब पूरी तरह से भरपूर सांस लें। आपको ध्यान रखना है कि बैठे समय रीड सिर और गर्दन सीधी रेखा में आ जाए। फिर सांसों को रोकें और फिर करें। रोज इसे आधे घंटे तक करना आपके खर्राटों को दूर करने के लिए अच्छा हो सकता ह
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