सर्दियों का मौसम जारी हैं जहां बच्चों की सेहत को लेकर फिक्रमंद रहना बहुत जरूरी हो जाता हैं। इस मौसम में कई तरह की बीमारियां बच्चों को चपेट में लेने का प्रयास करती हैं, इन्हीं में से एक हैं निमोनिया। निमोनिया एक संक्रामक बीमारी है जो खांसने, छींकने, छूने और यहां तक की सांस के जरिए भी फैलती है। निमोनिया फेफड़ों से जुड़ा का एक आम इंफेक्शन है, जो बैक्टिरिया या वायरस के कारण हो सकता है। यह बीमारी आम ज़रूर है, लेकिन इसे हल्के में लेने की ग़लती कभी न करें। सर्दियों के मौसम में इंफेक्शन की वजह से बच्चों को सबसे ज्यादा निमोनिया होता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपायों की जानकारी देने जा रहे हैं जिनकी मदद से निमोनिया में राहत पाई जा सकती हैं। आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में...
हल्दी
हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। हल्दी बच्चों को सर्दियों में वायरस से सुरक्षित रखने का काम करती है। अगर बच्चा बड़ा है तो आप मौसम बदलते ही बच्चे को हल्दी वाला दूध देना शुरू करें। लेकिन यदि वह छोटा है तो आप हल्दी को पानी में गर्म कर उसे बच्चे के सीने पर मालिश करते हुए लगाएं। इससे बच्चे को संक्रामक रोग में राहत मिलती है।
शहद
शहद में ऐंटिबैक्टिरियल, ऐंटिफंगल और ऐंटिऑक्सिडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो निमोनिया में भी फायदा पहुंचा सकते हैं। निमोनिया में होने वाले कफ और कोल्ड में शहद के सेवन से आराम मिलता है। इसके लिए 1/4 गिलास गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर हर रोज़ पीने से निमोनिया में आराम मिल सकता है।
लौंग
अगर बच्चा 10 साल से बड़ा है तो आप उसको लौंग का पानी दे सकती हैं। पानी में 2 से 3 लौंग व काली मिर्च डालकर उबाल लें। इसके बाद इसे हल्का गुनगुना कर बच्चे को आधा कप पीने के लिए दें। इसके अलावा लौंग के तेल से बच्चे की छाती पर मसाज करने से भी उनको आराम मिलता है और वह निमोनिया से सुरक्षित रहते हैं।
पेपरमिंट
पेपरमिंट ऐंटी-इन्फ्लेमेट्री होता है, जो सीने में मौजूद कंजेशन को कम करने में मदद करता है और साथ पेनकिलर का काम भी करता है। अगर पेपरमिंट की गर्मागर्म चाय पी जाए, तो इससे गले में होने वाली खिचखिच दूर होगी और कफ भी बाहर निकलेगा। जिससे काफी राहत मिलेगी।
तुलसी
तुलसी एक औषधिय गुण मौजूद होते हैं। निमोनिया से बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए आप तुलसी के पत्तों के रस के साथ काली मिर्च को मिलाकर बच्चे को दे सकते हैं। इसके एंटीइंफ्लेमेट्री गुण बच्चे को वायरल रोगों से बचाते हैं।
अदरक
निमोनिया में खांसी काफी होती है, जिससे सीने में दर्द हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि निमोनिया में अगर अदरक या फिर हल्दी की चाय पी जाए, तो लगातार आ रही खांसी में काफी आराम मिलता है। अदरक और हल्दी के के वैसे भी सेहत के लिए काफी लाभ हैं।
लहसुन
लहसुन कफ को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। लहसुन की कुछ कलियों का पेस्ट बना लें और रात को सोने से पहले इस पेस्ट को बच्चे के सीने पर लगा लें। इससे बच्चे के सीने में गर्माहट मिलती है और उसका कफ बाहर आने लगता है।
मेथी
मेथी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करके जुकाम, खांसी, सांस की तकलीफ, ब्रोन्कियल और गले में खराश जैसे निमोनिया के लक्षणों पर प्रभावी रूप से काम कर सकती है। इसके उपयोग के लिए एक कप पानी में एक चम्मच मेथी के बीजों को 10 मिनट तक उबालें। इसके बाद स्वाद के लिए शहद मिलाकर इस मिश्रण का चाय की तरह सेवन करें