रियूजेबल या डिस्पोजेबल सैनेट्री पैड: पीरियड में महिलाओं के लिए क्या है बेहतर, ये है दोनों में अंतर
पैड में मौजूद कैमिकल आपके ब्लडस्ट्रीम में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं।
पीरियड के दिनों में लड़कियां या महिलाएं, दाग-धब्बें, हेवी ब्लड फ्लो और पीरियड की गंध जैसी तनाव से गुजरती हैं। लेकिन इन सभी समस्याओं का एक ही हल है वो है सही सैनेट्री पैड का चयन। सैनेट्री पैड को लेकर भी महिलाओं के सीमित विकल्प ही हैं। जहां कुछ रियूजबेल पैड इस्तेमाल करना पसंद करती हैं, तो वहीं कुछ डिस्पोजेबल पैड।
लेकिन इसमें भी सवाल ये उठता है कि आखिर पीरियड के दिनों में रियूजेबल पैड्स का इस्तेमाल करें या डिस्पोजेबल पैड्स का। तो, यहां आपको दोनों तरह के पैड के फायदे-नुकसान के बारे में बताने जा रहे है, ताकि आप अपने कम्फर्ट के अनुसार सैनेट्री पैड का इस्तेमाल कर सकें।
रियूजेबल पैड के फायदे
डिस्पोजेबल पैड के मुकाबले रियूजेबल पैड इको-फ्रेंडली ऑप्शन में आते है। कपड़े से बने इन पैड को सिर्फ एक बार ही नहीं, बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, यूज करने के बाद इसे धोने की जहमत तो आपको उठानी ही होगी, लेकिन धोने के बाद आप आप उसी पैड का फिर से इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन इसको दिन में 5-6 घंटे के अंतराल में बदलना जरूरी होता है।
फायदे का सौदा
रियूजेबल पैड, डिस्पोजेबल पैड के मुकाबले थोड़े महंगे होते है। ऐसे मे शुरुआत में आपको इन पैडस के लिए अधिक पैसे खर्च करने होंगे, लेकिन ये वन टाइम इंवेस्टमेंट है। ऐसा करके आप हर महीने सेनेट्री पैड लाने की दिक्कत से बचते हुए अपना पैसा और टाइम दोनों बचा सकेंगे।
ईको फ्रैंडली
आमतौर पर एक महिला के पीरियड्स 5 दिनों तक चलते हैं, इस तरह अगर एक महिला दिन में 5-6 घंटे में पैड बदलती है तो उसे कम से कम 3-4 पैड एक दिन में बदलने होंगे। अब अगर एक दिन में इतने डिस्पोजल पैड यूज होंगे, तो ये ना सिर्फ आपको महंगा पड़ेगा, बल्कि इससे आपके आसपास बहुत सारा कचरा बढ़ जाएगा। जो पर्यावरण के लिए अच्छा नहीं है।
मां बनने के सपने को चूर कर सकते है ये ऑव्यूलेशन डिसऑर्डर, महिलाओं को पता होना चाहिए इनके बारे में मां बनने के सपने को चूर कर सकते है ये ऑव्यूलेशन डिसऑर्डर, महिलाओं को पता होना चाहिए इनके बारे में
कैमिकल फ्री पैड
डिस्पोजेबल पैड कैमिकल से बने होते हैं, जिनका ज्यादा देर तक इस्तेमाल जलन पैदा करने के साथ आपके पीएच को भी असंतुलित कर सकता हैं। जबकि, रियूजेबल पैड किसी कैमिकल या प्लास्टिक से नहीं बनते है, बल्कि अगर आप इनका इस्तेमाल करते है तो आपके शरीर का ये नाजुक हिस्सा बैक्टीरिया से सुरक्षित रह सकता है। सबसे अच्छी बात ये है कि आप इसे अपनी साइज और पैटर्न के हिसाब चुन सकते है।
हर बार धोने की परेशानी
इस्तेमाल के बाद हम अपने डिस्पोजेबल पैड को सीधे कूड़ेदान में फेंकते हैं लेकिन कपड़े के पैड के साथ ऐसा नहीं कर सकते। बल्कि रियूजेबल पैड को दागरहित रखने के लिए आपको उसे तुरंत धोना होगा।
आसानी से उपलब्ध नहीं होते
लोकल सुपरमार्केट में डिस्पोजेबल पैड आसानी से नहीं मिलते हैं। इसलिए, यदि आपको इमरजेंसी में पैड की आवश्यकता है, तो डिस्पोजेबल पैड ही आपके लिए सबसे अच्छा ऑप्शन हैं।
डिस्पोजेबल पैड
डिस्पोजेबल पैड भी पीरियड्स में होने वाली ब्लीडिंग को बाहर आने से रोकते है, लेकिन इन्हें सिर्फ एक बार इस्तेमाल किया जा सकता हैं। आप बस इन्हें 5-6 घंटे के लिए इस्तेमाल करें और फेंक दें।
धोने का झंझट नहीं
रियूजेबल पैड को पीरियड में धोने के बाद कई बार यूज में लिया जा सकता है। वहीं बात करें हम डिस्पोजेबल पैड की, तो ये एक बार से अधिक चलते नहीं हैं। देखा जाए तो यही कारण है कि महिलाएं रियूजेबल पैड के मुकाबले डिस्पोजेबल पैड पसंद करती है।
कम लागत
जाहिर सी बात है रियूजेबल पैड की तुलना में डिस्पोज़ल पैड सस्ते होते है, लेकिन लंबे समय तक ये आपके लिए एक बड़ा खर्च है, क्योंकि रीयूजेबल पैड तो बार-बार नहीं खरीदने पड़ते, लेकिन अगर दिन में हर 5-6 घंटे में पैड बदलना जरुरी होता है, तो इस हिसाब से डिस्पोजेबल पैड खरीदने आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है।
हानिकारक कैमिकल होते है
डिस्पोजेबल पैड बनाने में कई तरह के कैमिकल का उपयोग किया जाता हैं। जो एनवायरमेंट और आपकी स्किन दोनों के लिए नुकसानदेह है। अब क्यूंकि आपकी वेजिना के आसपास की स्किन बहुत ज्यादा नाजुक होती है, बैक्टीरिया यहां आसानी से पनप सकते है, पैड में मौजूद कैमिकल आपके ब्लडस्ट्रीम में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं।