वैवाहिक जीवन को भी प्रभावित करता हैं घर में आया नया मेहमान, आते हैं ये बदलाव

वैवाहिक जीवन को भी प्रभावित

Update: 2023-06-07 07:09 GMT
शादी एक ऐसा चरण होता हैं जो किसी की भी जिंदगी में बड़ा बदलाव लाता हैं। लेकिन शादी के बाद पति-पत्नी के रिश्ते में तब बहुत बड़ा बदलाव आता है, जब वे माता-पिता बनते हैं। हाथ में अपने बच्चे को लेकर उन्हें पहली बार मां-बाप बनने का एहसास होता है। बच्चा होने के साथ ही पति-पत्नी के सामने बहुत सारे चैलेंज्स भी आते हैं। जिन्हें दोनों को ही निभाना पड़ता है। इसलिए आजकल खुद को बच्चे के लिए तैयार करने के लिए कपल पहले प्लानिंग करते हैं और फिर जब वे मानसिक तौर पर इसके लिए रेडी हो जाते हैं, वे बच्चा प्लान करना शुरू करते हैं। बच्चे के जन्म के बाद होने वाली दिक्कतों को अगर कपल सकारात्मक रवैये से संभाल नहीं पाते तो उनके बीच झगड़े बढ़ने लगते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं बच्चे के जन्म के बाद वैवाहिक जीवन में आने वाले बदलाव और समस्याओं के बारे में जिन्हें संभालकर रिश्ते को सुखद बनाया जा सकता हैं।
समय की कमी होना
शादी होने से बच्चे होने तक पति-पत्नी का समय एक दूसरे के लिए होता है, लेकिन जैसे ही उनके जीवन में नए मेहमान का आगमन होता है, उनका आपसी समय बट जाता है। बच्चे को वक्त देने के कारण पति-पत्नी एक दूसरे को समय नहीं दे पाते, जो उनके बीच दूरी बढ़ा सकता है। इसलिए बच्चा होने के बाद भी कुछ वक्त अपने पार्टनर के लिए निकालें। घर के बड़े बुजुर्गों को बच्चे की जिम्मेदारी देकर पति-पत्नी डिनर डेट, मूवी देखने या घूमने जा सकते हैं।
नींद की कमी होना
अक्सर बच्चे रात में ज्यादा रोते हैं, जिसके कारण पति-पत्नी को बार-बार अपनी नींद तोड़कर बच्चे को चुप कराना होता है। इसके कारण दोनों ही नींद की कमी से ग्रस्त हो जाते हैं या अनिद्रा के शिकार हो जाते हैं। इसके कारण उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन, सिर में दर्द, तनाव, चिंता आदि लक्षण नजर आ सकते हैं। जब ये लक्षण ज्यादा हो हावी हो जाते हैं तो पति पत्नी एक दूसरे पर अपनी झुंझलाहट या गुस्सा निकालते हैं। ऐसे में पति-पत्नी को मिलकर इस समस्या का सामना करना चाहिए। उनमें से कोई एक रात को उठकर बच्चे को संभाले। फिर अगले दिन दूसरा उसी काम को दोहराए। जब बारी बारी से एक-एक दिन में बच्चे को संभालेंगे तो दोनों ही अच्छे से नींद भी ले पाएंगे और चिंता और तनाव से दूर भी रह पाएंगे।
बच्चे के लाइफ में आने के बाद ज्यादातर कपल इस तरह की परेशानी का सामना करते हैं। महिलाओं का पूरा ध्यान बच्चे की केयर में रहता है और देखा गया है कि वह रोमांस को बिल्कुल नकार देती हैं। बच्चे को खिलाना, सुलाना और उसका नहाना कई ऐसे काम होते हैं, जिसमें लाइफ पार्टनर बिजी रहता है और इस कारण रिश्ते में इर्रिटेशन भी आ जाती है। इसलिए पति-पत्नी को एक दूसरे पर भी ध्यान देना चाहिए।
आर्थिक दबाव
बच्चा होने के बाद परिवार बढ़ जाता है। बच्चे की जरूरत बढ़ने लगती हैं। हर माता पिता अपने बच्चे के भविष्य के लिए बेहतर करना चाहते हैं। इसलिए उनके खर्चे बढ़ने लगते हैं। ऐसे में कपल पर आर्थिक दबाव आने लगता है। पैसों को लेकर जब दबाव बढ़ता है, तो इसे लेकर ज्यादातर कपल बात करने से हिचकिचाते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह बात उनका साथी नकारात्मक रूप में ले सकता हैं। इस तनाव में पति-पत्नी के बीच झगड़े हो सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि मिलकर बच्चे की जरूरत को पूरा करने के लिए प्रयास करें। अपनी आय के अनुसार ही बच्चे का पालन करें और बजट बनाकर कार्य करें।
जिम्मेदारी का सवाल
बच्चा आने के बाद ज्यादातर महिलाएं ही बच्चे की पूरी देखभाल करती हैं। ऐसे में कभी-कभी उनके मन में यह ख्याल आता है कि केवल मैं ही बच्चे की पूरी जिम्मेदारी उठा रही हूं। पैसों को लेकर जब दबाव बढ़ता है, तो इसे लेकर ज्यादातर कपल बात करने से हिचकिचाते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह बात उनका साथी नकारात्मक रूप में ले सकता हैं। इसके कारण भी पति पत्नी के बीच में मनमुटाव हो जाता है। ऐसे में यदि शुरुआत में ही दोनों मिलकर बच्चे की जिम्मेदारी उठाएं या दोनों मिलकर बच्चे का ख्याल रखें तो इससे महिलाओं के मन में इस प्रकार का ख्याल नहीं आएगा और दोनों में प्रेम भी बना रहेगा। बच्चे के काम को बांटने के लिए वह किसी बड़े की भी मदद ले सकते हैं।
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