Lifestyle:आयुर्वेदिक हर्ब्स फायदों की खान होते हैं और इनमें कई औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं। गिलोय एक ऐसा ही हर्ब है। हम सभी ने कभी न कभी इसका इस्तेमाल शायद किया होगा। अगर नहीं किया है, तो इसके फायदों के बारे में जरूर सुना होगा। गिलोय को आयुर्वेद में अमृत कहा जाता है और इसके फायदे वाकई में अमृत समान ही हैं। अगर आपके सीने में जकड़न है, बलगम और सर्दी-जुकाम ने आपको परेशान किया हुआ है, तो गिलोय का यह देसी काढ़ा, काफी हद तक आपकी मुश्किल को हल कर सकता है। इसे है और इसके क्या फायदे हैं कैसे बनाना
सीने में जमा बलगम को दूर करने के लिए गिलोय का काढ़ा Giloy decoction to remove phlegm accumulated in the chest
गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी- बायोटिक, एंटी-एजिंग, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल, एंटी-डायबिटिक और एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं।
गिलोय, इम्यूनिटी को मजबूत रखने का काम करता है। इससे सीने में जकड़न, कफ और सर्दी-खांसी भी दूर होती है।
जो लोग वजन कम करना चाहते हैं, गिलोय उनके लिए भी फायदेमंद है। यह मेटाबॉलिज्म को मजबूत करता है और फैट बर्निंग को आसान बनाता है।
सीने में जमा कफ को दूर करने में काली मिर्च और लौंग भी फायदेमंद है। इन दोनों की तासीर गर्म होती है। इनके सेवन से गले की खराश और इंफेक्शन दूर होता है।
तुलसी के पत्तों का सेवन करने से खांसी और जुकाम में आराम मिलता है। इनसे इम्यूनिटी भी मजबूत होती है।
तुलसी इम्यूनोमॉड्यूलेटरी हर्ब है और सर्दी-खांसी में बेहद फायदेमंद है।
दालचीनी में एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। इससे सीने में जमा कफ निकलने में मदद मिलती है।
शरीर में कहीं दर्द होने पर भी अदरक का सेवन किया जा सकता है। यह सर्दी और खांसी को भी कम करती है।
अजवाइन से इम्यूनिटी मजबूत होती है और बलगम आसानी से बाहर निकालने में भी यह मदद करती है।
घर पर कैसे बनाएं गिलोय का काढ़ा How to make Giloy decoction at home
सामग्री
गिलोय- 2 तने
काली मिर्च- 4
लौंग- 2
दालचीनी का टुकड़ा- आधा इंच
अदरक- 1 इंच
तुलसी के पत्ते- 4
अजवाइन- आधा टीस्पून
विधि
सभी चीजों को 2 कप पानी में डालकर उबालें।
इसे आधा रह जाने पर छान लें।
इसे गुनगुना ही पिएं।
आपको कुछ दिनों में राहत महसूस हो सकती है।