क्या होती है भावनात्मक उपेक्षा
किसी भी रिश्ते में भावनात्मक उपेक्षा तब होती है जब किसी के लगाव या भावनात्मक जरूरतों की अवहेलना की जाती है। जब ऐसा होता है तो एक व्यक्ति खुद को रिश्ते में भावनात्मक रूप से सुरक्षित महसूस नहीं करता है। जिससे व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से भी परेशानी उठानी पड़ती है। आश्चर्यजनक रूप से यह भावनात्मक उपेक्षा कपल्स को अलग कर देती है। भावनात्मक उपेक्षा का दिलचस्प पहलू यह है कि पीड़ित को केवल एक अस्पष्ट भावना हो सकती है कि कुछ गड़बड़ है।
भावनात्मक उपेक्षा के संकेत
जब एक व्यक्ति रिश्ते में भावनात्मक रूप से उपेक्षित होता है, तो उसे पहचानना मुश्किल होता है, क्योंकि सामने कुछ दिखाई नहीं देता है। बस आपको यह महसूस होता है कि आपके रिश्ते में कहीं ना कहीं कुछ तो गड़बड़ है। हालांकि फिर भी रिश्ते में कुछ संकेत नजर आते हैं, जो यह बताते हैं कि आपको अपने रिश्ते में भावनात्मक रूप से उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है-
• आपको ऐसा लगता है कि आप अपने रिश्ते में अकेले हैं।
• आप अपने साथी के साथ समय बनाम अकेले समय बिताना पसंद करते हैं।
• जब आप बात करना चाहते हैं तो आपका साथी चुप हो जाता है या फिर वह आपसे बात नहीं करता है।
• आप एक कपल के रूप में सामाजिक गतिविधियों में शामिल नहीं होते हैं।
• आप अपनी भावनाओं को लगातार अनदेखा करते हैं या दबाते हैं।
• आप अपने परिवार और दोस्तों के आसपास सहज महसूस नहीं करते हैं।
• आप अपनी शादी से जुड़े महत्वपूर्ण फैसलों में देरी करते हैं और बच्चे पैदा करने या घर खरीदने जैसी चीजों को आगे बढ़ाने में झिझकते हैं।
• आपके रिश्ते में फिजिकल इंटिमेसी की कमी है।
• आपको अपने पार्टनर पर भरोसा नहीं है और आप हमेशा ही अपने रिश्ते में एक अनिश्चितता में जीते हैं।
आशिक मिजाज पार्टनर की आदतों से हो गई परेशान, तो ऐसे करें हैंडल आशिक मिजाज पार्टनर की आदतों से हो गई परेशान, तो ऐसे करें हैंडल
ऐसे करें स्थिति से डील
जब आपको ऐसा लग रहा है कि आप रिश्ते में भावनात्मक रूप से उपेक्षित किए जा रहे हैं, तो कुछ आसान टिप्स को अपनाकर आप सिचुएशन को मैनेज कर सकते हैं। मसलन-
• कभी भी विक्टिम कार्ड या ब्लेम गेम ना खेलें। बल्कि शांतिपूर्ण अपने पार्टनर से बात करें कि किस बात ने आपको दुखी किया। हालांकि, इस दौरान आपका लहजा शिकायती नहीं होना चाहिए। साथ ही आप समस्या के साथ-साथ उसके समाधान पर भी उतना ही ध्यान दें।
• यह आकलन करने का प्रयास करें कि आपका रिश्ता हमेशा से ही ऐसा था या अभी इसमें बदलावा आया है। यदि आपके साथी का भावनात्मक रूप से उपेक्षित व्यवहार हमेशा आपके रिश्ते का हिस्सा रहा है, तो यह आपके रिश्ते के लिए घातक हो सकता है। लेकिन अगर किसी घटना के बाद उनका व्यवहार बदला है तो यह कहा जा सकता है कि अभी वह किसी मुश्किल दौर से गुजर रहा है और समय के साथ स्थिति में भी परिवर्तन आ जाएगा।
• कभी-कभी हम सामने वाले व्यक्ति के व्यवहार को नोटिस करते हैं, लेकिन हमारा खुद के व्यवहार पर ध्यान ही नहीं जाता है। ऐसा भी होता है कि एक पार्टनर का बदलता व्यवहार दूसरे पार्टनर को बदल देता है। इसलिए किसी भी तरह के निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले एक बार अपने व्यवहार का भी आकलन करें।