ये 5 योग मुद्राएं पाचन संबंधित समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए जाने

: योग करने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं. योग कई तरीकों से स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करता है. पाचन संबंधित समस्याओं से राहत पाने के लिए आप ये 5 योग मुद्राएं कर सकते हैं

Update: 2022-07-16 08:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। योग की भूमिका केवल शांत और लचीला रखने तक ही सीमित नहीं है. योग करने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं. ये ब्लड प्रेशर को कम करने से लेकर पीसीओएस के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करता है. कई बार अधिक दवा और खाना खाने से पेट में परेशानी हो जाती है. ऐसे में आप योग का अभ्यास कर सकते हैं ये सभी स्थितियों में प्रभावी हो सकता है. यहां कुछ सामान्य योगासन हैं जिन्हें आप पाचन संबंधी समस्याओं से राहत पाने के लिए कर सकते हैं.

आनंद बालासन
अपनी पीठ के बल आराम से लेट जाएं. अपने घुटनों को मोड़ें और उन्हें छाती के पास ले आएं.
अपने पैरों के पंजों को अपने हाथों से पकड़ें
इस अवस्था में 20 से 30 सेकंड तक रहें.
आसन को 2 से 4 बार दोहराएं, सांसों की गति को सामान्य रखें.
इसके बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं.
पद्मासन
एक क्रॉस लेग्ड स्थिति में चटाई पर बैठें (पैर एक दूसरे के ऊपर टिके हुए) और रीढ़ सीधी.
अपने दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा में लाएं और अपने घुटनों पर रखें.
इस मुद्रा में कुछ मिनट के लिए सांस लें और छोड़ें. इस आसन को दूसरे पैर से ऊपर की तरफ करके दोहराएं.
शलभासन
एक चटाई पर पेट के बल लेट जाएं. इस दौरान आपकी पीठ ऊपर और पेट नीचे की तरफ रहेगा.
अपने पैरों को सीधा रखें. पैरों के पंजे को सीधे और ऊपर की ओर रखें. दोनों हाथों को सीधा करें और उनको जांघों के नीचे दबा लें.
अपने सिर और मुंह को सीधा रखें. एक गहरी सांस अंदर लें.
दोनों पैरों को ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें. अधिकतम ऊंचाई तक पैरों को ऊपर करें.
आप इस मुद्रा में 20 सेकंड के लिए रह सकते हैं.
इसके बाद सांस को छोड़ते हुए पैर नीच लेकर आएं.
इस अभ्यास को 3-4 बार दोहराएं.
बालासन
बालासन के चाइल्ड पोज भी कहा जाता है. घुटनों के बल बैठ जाएं.
अपने पैर की उंगलियों को एक साथ रखें और घुटनों को एक दूसरे से थोड़ा अलग रखें.
सांस लें और उसी समय अपने धड़ को आगे की ओर ले जाएं, अपने पेट को अपनी जांघों पर टिकाएं.
आपका सिर चटाई को छूना चाहिए. अब चटाई को छूने के लिए अपने दोनों हाथों को सामने की ओर फैलाएं.
उत्तानासन
जमीन पर खड़े हो जाएं और एक गहरी सांस लेते हुए हाथों को नीचे की ओर ले आएं.
ध्यान रहे कि पैर घुटने से न मुड़ें.
कूल्हों को ऊपर की ओर उठाएं और दबाव ऊपरी जांघों पर आने लगेगा.
हाथों से टखने को पीछे की ओर से पकड़ें.
थोड़ी देर इसी मुद्रा में रहें. इसके बाद वापस सामान्य मुद्रा में आ जाएं.
इसे तीन-चार बार दोहराएं.


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