लाइफस्टाइल Lifestyle: इस खास मौके पर बात करते हैं, महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी। पीरियड्स का सामना महिला को हर महीने करना पड़ता है। हालांकि, फिर भी इसके बारे में वह खुलकर बात करने में झिझकती हैं। ऐसे में यहां जानिए यहां जानिए पीरियड्स से जुड़े ऐसे सवालों के जवाब जो हर लड़की जानना चाहती है।
कितने घंटों में बदलना चाहिए पैड?
महिलाएं इस बात को लेकर कंफ्यूजन में रहती हैं कि आखिर पैड कब बदलना चाहिए और कितनी बार बदलना चाहिए। बता दें कि ये पूरी तरह से फ्लो पर निर्भर करता है। यह हर महिला के लिए अलग-अलग हो सकता है। हालांकि, सभी महिलाओं को 4 से 8 घंटे में पैड बदलना चाहिए। ध्यान रखें कि अगर फ्लो ज्यादा है और पैड जल्दी गंदा हो रहा है तो आपको इसे बदलते रहना चाहिए।
पीरियड्स के दौरान ज्यादा बार शौच क्यों जाती हैं?
ये पूरी तरह से हार्मोन के कारण होता है। पीरियड्स से पहले के दिनों में आपको कब्ज महसूस हो सकती है लेकिन आपके Period के दौरान प्रोजेस्टेरोन नामक एक हार्मोन जारी होता है जो आपके मल त्याग के पैटर्न में बदलाव का कारण बनता है।
क्या पैड से बेहतर हैं टैम्पोन और मेंस्ट्रुअल कप
तीनों ही चीजें सामान रूप से प्रभावी है। एक महिला तीनों में से कोई भी चुन सकती है, जो भी उसे सबसे ज्यादा आरामदायक लगे। रिपोर्ट्स कहती हैं कि लड़कियां सैनिटरी पैड पसंद कर सकती हैं क्योंकि टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप को सम्मिलित करना मुश्किल हो सकता है और हाइमन को चोट लग सकती है।
क्या गर्म हीट पैट पीरियड्स के दर्द को कम करता है?
मम्मी और दादी-नानी द्वारा सुझाया गया ये एक कॉमन उपाय है। सिंकाई करने से दर्द से राहत दिलाने में मदद मिलती है। हालांकि, ज्यादा गर्म heat pad skin को नुकसान पहुंचा सकता है।
पीरियड्स के दौरान रक्तस्राव की सामान्य मात्रा क्या है?
रिपोर्ट्स का कहना है कि पीरियड्स के दौरान रक्तस्राव की सामान्य मात्रा 80 मिलीलीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अगर कोई महिला पीरियड्स कप का इस्तेमाल कर रही है, तो वह आसानी से मात्रा को माप सकती है। लेकिन पैड या टैम्पोन से पीरियड ब्लड की मात्रा का आकलन करना मुश्किल है। पीरियज में रक्तस्राव चार से पांच दिनों से ज्यादा नहीं होना चाहिए।