जाने सरसों दाने के फ़ायदे

Update: 2023-07-08 12:58 GMT
भारत में मूंगफली के बाद तिलहन के रूप में सरसों दूसरे नंबर है, जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में स्वाद जोड़ने के लिए किया जाता है. सरसों मूल रूप से तीन प्रकार की होती है, काली, सफ़ेद और पीली. तीनों में अलग-अलग तरह के पोषकत्तव पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक माने जाते हैं. इनमें कैल्शियम, सेलेनियम, आयरन, फ़ॉस्फोरस, मैग्नीशियम और मैंगनीज़ जैसे खनिजों की प्रचुर मात्रा मे होने के कारण ये छोटे-छोटे बीज कमाल के माने जाते हैं. इनमें विटामिन बी, साथ ही प्रोटीन और फ़ाइबर की अच्छी मात्रा मौजूद होती है.
सरसों के बीज में फ़ाइटोन्यूट्रिएंट्स भी होते हैं, जो एक तरह का ऐंटी-ऑक्सिडेंट है, जो हमें कैंसर से बचाते हैं, ख़ास करके आंत से संबंधित कैंसर से. इनमें ऐंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो गठिया जैसी बीमारियों के साथ-साथ त्वचा रोगों को भी नियंत्रण में रखते हैं. सरसों के बीज ऐंटी-बैक्टीरियल और ऐंटी-फंगल गुणों से युक्त होने के कारण ये रक्तचाप और हृदय स्वास्थ्य को भी ठीक रखते हैं.
सरसों के बीजों का इस्तेमाल आप अपने खानों में कर सकते हैं. काली और पीली सरसों के बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें और इसे ग्वार, आलू टमाटर और सेम की सब्ज़ी में मसालों के साथ मिलाकर इसका इस्तेमाल करें.
इसके अलावा आप इनके बीजों को पीसकर अपने स्किनकेयर रूटीन में इस्तेमाल कर सकती हैं. बस थोड़ी-सी काली सरसों लें और इसे हल्की आंच पर गर्म करें. ठंडा करके बिल्कुल थोड़े-से पानी के साथ सिलबट्टे या फिर मिक्सी में डालकर एकदम मुलायम पेस्ट बना लें. इससे अपने हाथ-पैर और चेहरे की सफ़ाई करें. इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट करना बिल्कुल ना भूलें.
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