जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रेगनेंसी के दौरान मां के बेहतर स्वास्थ्य के लिए और मां के गर्भ में पल रहे बच्चे को पोषक तत्व देने के लिए आड़ू खाना बेहद सुरक्षित माना जाता है. आड़ू में पोषक तत्वों में कार्बोहाइड्रेट, विटामिंस, फाइबर और खनिज पाए जाते हैं. यह पोषक तत्व प्रेग्नेंट महिलाओं को ना सिर्फ फायदा पहुंचाता है बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए लाभकारी भी होता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को आड़ू खाना लाभकारी होता है, लेकिन आड़ू कब खाना चाहिए और कब नहीं इसका भी विशेषतौर पर ध्यान रखना जरूरी है. आड़ू खाने से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर लें. आइए जानते हैं आडू खाने के फायदे और नुकसान के बारे में.
कब्ज में फायदेमंद आड़ू
मॉमजंक्शन डॉट कॉम के मुताबिक, आड़ू में फाइबर अधिक पाया जाता है. फाइबर आंत को सेफ एंड क्लीन रखता है और कब्ज की प्रॉब्लम से निजात दिला सकता है, जो कि गर्भावस्था में एक आम समस्या है.
आडू विटामिन सी से भरपूर होता है. आड़ू का सेवन बच्चे की बोंस, मसल्स, ब्लड वेसल और कार्टिलेज बनने में जरूरी विटामिन सी की पूर्ति कर सकता है.
रिसर्च बताती हैं कि लगभग 100 ग्राम आडू का सेवन दैनिक जरूरत का 6 मिलि ग्राम विटामिन सी की पूर्ति कर सकता है.
100 ग्राम आड़ू के सेवन से 4 माइक्रोग्राम फॉलिक एसिड मिल सकता है, जो कि गर्भावस्था के पहले ट्राइमेस्टर में जरूरी है.
आड़ू में पोटेशियम भी काफी मात्रा में होता है जो प्रेग्नेंट और बच्चे दोनों के लिए जरूरी होता है इससे बच्चे और मां के शरीर में फ्लूइड बैलेंस बना रहता है.
आड़ू खाने के क्या है नुकसान
यूं तो आड़ू स्वास्थ्य के नजरिए से बेहतर विकल्प माना जाता है, लेकिन इसका अधिक सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है. गर्भवती को 1 दिन में 500 ग्राम से अधिक आयु का सेवन नुकसानदायक हो सकता है
माउथ एलर्जी की समस्या: अगर आप कच्चे आडू का सेवन करते हैं तो यह माउथ एलर्जी की समस्या को पैदा कर सकता है . इसलिए कच्चे आड़ू का सेवन नहीं करना चाहिए. पाचन संबंधी समस्या हो सकती है,इसीलिए एक्सपर्ट्स के मुताबिक गर्भवती महिला 4 से 5 तक फ्रूट और वेजिटेबल हर रोज ले सकती है.