जानिए गर्भावस्था में खतरनाक हैं थायराइड, महिलाएं रखें विशेष ध्यान

अक्सर हाइपोथायरोडिज्म अधिकतर महिलाओं को होता है, जिसमें थायराइड ग्लैंड उचित मात्रा में हर्मोन नहीं बना पाता है।

Update: 2022-01-05 03:25 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अक्सर हाइपोथायरोडिज्म अधिकतर महिलाओं को होता है, जिसमें थायराइड ग्लैंड उचित मात्रा में हर्मोन नहीं बना पाता है। ये एक आम बीमारी है और आजकल भारत में 10 में से 1 के लिए ये रिस्क बना हुआ है। जिसमें प्रेग्नेंट महिला 13 प्रतिशत से 44 प्रतिशत प्रभावित है। थायराइड में डिसऔर्डर माँ और बच्चा दोनों के लिए घातक होती है।

थायराइड का रखें विशेष ध्यान:
महिलाओं की हाइपोथायराडिज्म होता है,जिसमें थायराड ग्लैंड उचित मात्रा में हर्मोन नहीं बनाता, ऐसे में सही समय में इसका इलाज करना जरुरी है ,क्योंकि इसका सौ प्रतिशत इलाज संभव है। इससे पीड़ित महिलाओं में अनियमित माहवारी और गर्भधारण करने में मुश्किल महसूस होती है।
इसलिए गर्भधारण के तुरंत बाद टीएसएच की जांच करवा लेनी चाहिए,क्योंकि इसका प्रारंभिक लक्षण बहुत अधिक दिखाई नहीं पड़ता, इसलिए महिलाएं इसे नजरअंदाज करती है।
इसके शुरूआती लक्षणों में चेहरे पर सूजन, त्वचा में सिकुडन, ठंड सहन न कर पाना, अचानक तेजी से वजन का बढ़ना, कब्ज की परेशानी, मांस पेशियों में ऐठन आदि है। ऐसा महसूस होते ही तुरंत डॉक्टर से मिलकर थायराइड स्क्रीनिंग अवश्य करवाएं।


Tags:    

Similar News

-->