मैट्रेस हैं महत्वपूर्ण
आपका बेड चाहे लकड़ी का हो या रॉट आयरन का या किसी भी अन्य मटेरियल का, इसकी मजबूती की तरह ही इसकी मैट्रेस का भी सही होना बहुत जरूरी है। बहुत सॉफ्ट या मेमोरी फोम से बने मैट्रेस हों या सामान्य रुई से बनी गादियां, देखभाल और मेन्टेनेंस की जरूरत सबको होती है और बेड कवर्स इसमें बहुत ख़ास भूमिका निभाते हैं। मेट्रेस की सही देखभाल न होने से पीठ, कमर, गर्दन सहित पूरे शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है। इतना ही नहीं इससे नींद प्रभावित होती है जिसका असर दिमागी सेहत पर भी हो सकता है।
बढ़ जाती है मैट्रेस की उम्र
एक सही और अच्छा बेड कवर लम्बे समय तक मैट्रेस को भी सुरक्षित रखने में मदद करता है। इसकी वजह से मैट्रेस तक कई हानिकारक चीजें जैसे एलर्जी पैदा करने वाले तत्व, धूल, पसीना और अन्य गंदगी नहीं जा पातीं। साथ ही मैट्रेस फटने से भी सुरक्षित रहती हैं। जब आप दिनभर की थकान के बाद रात को बिस्तर पर जाते हैं तो केवल शरीर ही नहीं दिमाग भी सुकून चाहता है। यह वह समय होता है जब आपका पूरा शरीर आराम और नींद के दौरान टूटी फूटी कोशिकाओं की मरम्मत करता है। सफाई न होने की स्थिति में मैट्रेस का बहुत अच्छा होना भी आपको लाभ नहीं पहुंचा पाता। इसलिए बेड कवर की जरूरत पड़ती है।
एक्स्ट्रा लेयर सुरक्षा की
बेड कवर्स मैट्रेस के साथ साथ पूरे बिस्तर को एक सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं। फैब्रिक की यह एक्स्ट्रा लेयर खासतौर पर सर्दी के मौसम में बहुत काम की साबित होती है। बेड कवर्स के रूप में कई लोग कंफर्टर्स, डुवेट्स आदि का प्रयोग भी करते हैं लेकिन यह मुख्यतः सर्दियों के लिए होता है। ये मैट्रेस के साथ साथ चादर की भी रक्षा करते हैं। उन्हें बदबू, दाग धब्बों और गंदगी से बचाते हैं। ज्यादातर बेड कवर्स आसानी से धुल सकने वाले और स्टेन रजिस्टेंट क्वालिटी के साथ आते हैं।
ये बातें हैं खास
* बेडशीट्स कई रंगों और मटेरियल की हो सकती हैं लेकिन बेड कवर्स अधिकांशतः सीमित रंगों और मटेरियल में आते हैं। ऐसे में आप चाहें तो अपनी पसंद की डिजाइन चुनकर बेड कवर बनवा भी सकती हैं।
* रंगों की तरह ही बेड कवर्स का साइज भी आमतौर पर एक ही होता है। ये चादर और मैट्रेस सहित पूरे पलंग को ढंक लेते हैं।
* अगर आप बेड कवर का उपयोग करते हैं तो बेडशीट को एक से डेढ़ हफ्ते में एक बार बदलने से भी काम चल सकता है। क्योंकि बेड कवर को आप रात में सोते समय निकाल सकते हैं। इसे आपको हफ्ते में कम से कम एक बार बदलना जरूरी होता है।
* बेडशीट या बेड कवर में केवल धूल, गंदगी ही नहीं होती। सोने की प्रक्रिया में आपके शरीर से पसीना, मृत त्वचा आदि भी बेडशीट पर चली जाती है। इसके अलावा घर में अगर पेट्स हैं तो उनके बाल भी बिस्तर पर आ सकते हैं। ये खासकर उन लोगों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है जिन्हें किसी प्रकार की एलर्जी, अस्थमा आदि की शिकायत है।
* कोशिश करें कि रात को नहाकर या कम से कम हाथ-पैर अच्छे से धोकर सोएं। रात में पहने जाने वाले आपके कपड़े भी साफ़ हों यह जरूरी है।