जानिए सूर्य नमस्कार से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में...

योगासन, शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के लिए सदियों से किए जाने वाले अभ्यास हैं।

Update: 2022-06-18 10:03 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। योगासन, शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के लिए सदियों से किए जाने वाले अभ्यास हैं। इसमें भी सूर्य नमस्कार के अभ्यास को विशेषज्ञ काफी कारगर मानते आ रहे हैं। सूर्य नमस्कार जीवन देने वाली ऊर्जा के लिए कृतज्ञता और प्रेम की पेशकश करते हुए सूर्य को किया जाने वाला एक नमस्कार है। सूर्य ऊर्जा, शक्ति और जीवन का प्रयाय माने जाते हैं। सूर्य नमस्कार के अभ्यास को विशेषज्ञ शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाने, शरीर पर बेहतर नियंत्रण पाने, मन की शांति औऱ शरीर के संतुलन के लिए आवश्यक मानते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से शरीर, श्वास और चेतना के बीच संबंध गहरा होता है और यह संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।

योग के बारे में भ्रांतियों को दूर करने तथा इसके अभ्यास से होने वाले फायदों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इस अंक में हम सूर्य नमस्कार से होने वाले फायदों के बारे में जानेंगे।
इस साल के योग दिवस का थीम है- योग और मानवता। शोध में बताया गया है कि सूर्यनमस्कार योग के अभ्यास की आदत संपूर्ण मानव समाज के लिए लाभप्रद हो सकती है। आइए इस योग के अभ्यास के तरीके और इससे सेहत को होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।
सूर्य नमस्कार करने का तरीका
सूर्य नमस्कार 12 योगासनों का संयुक्त समूह है। सभी के अभ्यास की विधि अलग-अलग है, अपनी सेहत के अनुसार अभ्यास के चयन के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें। प्रणाम आसन, हस्तउत्तानासन, हस्तपाद आसन, अश्व संचालन आसन, दंडासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, पर्वतासन,अश्वसंचालन आसन, हस्तपाद आसन, हस्तउत्थान आसन और ताड़ासन अभ्यास को सूर्यनमस्कार के आसनों में किया जाता है।
सूर्य नमस्कार करने से होने वाले लाभ
सूर्य नमस्कार योग के अभ्यास की आदत बनाकर आप कई तरह के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
इस योग का अभ्यास वजन घटाने में मदद करता है।
मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूत बनाता है।
पाचन तंत्र को ठीक रखने में सहायक अभ्यास है।
अनिद्रा से लड़ने में मदद करता है।
मासिक धर्म को ठीक रखने के लिए इसे फायदेमंद माना जाता है।
फ्रोजन शोल्डर की समस्या में उपयोगी।
रीढ़ की हड्डी और पेट की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग में मदद करता है।
कूल्हों के लचीलेपन में सुधार करता है।
तंत्रिका तंत्र के संतुलन में सुधार करता है।
रक्त शर्करा और ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने वाला अभ्यास।
तनाव के स्तर नियंत्रित करने में मदद करता है।
सूर्य नमस्कार से संबंधित सावधानियां
वैसे तो सूर्य नमस्कार के अभ्यास को अध्ययनों में काफी कारगर बताया गया है हालांकि कुछ स्थितियों में इसके अभ्यास को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। गर्भवती महिलाओं को सूर्य नमस्कार के कुछ आसन न करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे पीठ और पेट पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को भी कुछ अभ्यास से बचना चाहिए। किसी भी अभ्यास को करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक माना जाता है।
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