Khapli Wheat: डायबिटीज वालो के लिए रामबाण है ये गेहूं, जानिए कैसे करे इसका सेवन

Update: 2024-06-05 02:24 GMT
Healthy Tips: रोजमर्रा के खाने के लिए आपके भी घर में गेहूं की रोटी बनती होगी. सुबह-शाम की रोटियां इसी आटे से बनती हैं. लेकिन, कई बार गेहूं का आटा आपकी सेहत के साथ-साथ आपकी कई बीमारियों में भी फायदेमंद हो सकता है. जी हां, यह एक स्पेशल गेहूं का आटा है जिसे खाने से डायबिटीज के मरीजों को फायदा होता है. हालांकि, बाजार में इसकी कीमत 150 रुपए प्रति किलो है लेकिन सेहत के नजरिए से यह काफी फायदेमंद है. आजकल खपली गेहूं
(Khapli Wheat)
काफी ट्रेंड में है और सोशल मीडिया पर भी इसकी काफी चर्चा हो रही है. यह एक खास किस्म का गेहूं है जिसमें फाइबर और प्रोटीन काफी मात्रा में मौजूद होता है. इसमें वसा के साथ-साथ ढेर सारा आयरन और कैल्शियम है जिसके चलते यह सामान्य गेहूं के आटे से ज्यादा फायदेमंद साबित होता है. खपली गेहूं को एम्मर (Emmer Wheat) और फारो भी कहा जाता है. कहा जाता है कि इस गेहूं के आटे से बनी रोटियां मोटापा घटाने में कारगर सिद्ध होती हैं.
डायबिटीज (Diabities) के रोगियों के लिए फायदेमंद खपली गेंहू
हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि खपली के गेहूं के आटे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है. इसी वजह से यह आटा डायबिटीज के रोगियों के लिए बेस्ट कहा जाता है. इस आटे के सेवन से डायबिटीज रोगी के शरीर में शुगर स्लो रिलीज होती है जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है. डॉक्टर कहते हैं कि खपली के आटे के साथ0साथ इसके गेहूं का पानी भी शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है.
खपली
के गेहूं (Khapli Gehu) को 2 चम्मच रातभर एक गिलास पानी में भिगोकर रख दीजिए. सुबह इस पानी को छानकर पीने से ब्लड शुगर को नियंत्रित किए जाने में मदद मिलती है. यह पानी इंसुलिन की सेंसिटिविटी को कम करता है जिससे डायबिटीज में लाभ मिलता है.
खपली के तेल के भी हैं फायदे
आपको बता दें कि खपली अनाज में ढेर सारा पॉलीफेनोल्स पाया जाता है और यह दिल संबंधी रोगों में फायदा करता है. इसके साथ-साथ पॉलीफेनोल्स न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों को भी रोकने में कारगर साबित हो सकते हैं. इसके साथ-साथ खपली के गेहूं का तेल भी शरीर के लिए अच्छा कहा जाता है. खपली के गेहूं के तेल की मालिश करने पर शरीर का दर्द, थकान, स्ट्रेस में राहत मिलती है और दिमाग को काफी आराम पहुंचता है. खपली का गेहूं शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है जिससे बढ़ा हुआ वजन अपने आप कम होने लगता है. कोलेस्ट्रोल (Cholesterol) कंट्रोल होने पर स्ट्रोक और दिल के दौरे के रिस्क खुद ब खुद कम हो जाते हैं.
Tags:    

Similar News

-->