इन योगासन की मदद से रखे अपने दिल को स्वस्थ

Update: 2023-07-02 16:47 GMT
वर्तमान समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति को अपने लिए समय तक नहीं मिल पाता हैं। यहाँ तक की वह आराम के लिए भी आवश्यक समय नहीं निकाल पाता हैं। जिसकी वजह से व्यक्ति तनाव का शिकार रहता है और कम उम्र में ही ह्रदय रोग का शिकार हो जाता हैं। वर्तमान समय में ह्रदय में आई कमजोरी ने युवा लोगों को भी हार्ट-अटैक से डरने पर मजबूर कर दिया हैं। इसलिए जरूरी हो जाता है कि थोडा समय निकाल कर अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए योगासन किया जाए। आज हम आपको कुछ योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें प्रतिदिन कुछ मिनट करने से हृदय से जुड़ी परेशानियों का समाधान हो जाता है साथ ही व्यक्ति स्ट्रेस फ्री रहता है।
* तड़ासन योग
तड़ासन करने के लिए आप अपनी एड़ियों को ऊपर की ओर उठाएं। आपको लगना चाहिए कि कोई आपको ऊपर की तरफ खींच रहा है। इस आसन को करते समय आपके शरीर का सारा भार आपकी पैरों की अंगुलियों पर होगा। इस अवस्था में अपने शरीर को पूरी तरह खींचिए और धीरे-धीरे एड़ियों को जमीन पर वापस लाइये। तड़ासन करने के दौरान उठते समय श्वास अंदर की ओर और नीचे आते हुए श्वास बाहर की ओर छोड़िए। तड़ासन न केवल पैरों के दर्द को दूर करता है बल्कि आपके हृदय रोग के लिए भी फायदेमंद है।
* वृक्षासन योग
वृक्षासन को शांत व संतुलित करता है। शांत मन के लिए यह मुद्रा काफी फायदेमंद है। इसे करने से हृदय प्रणाली बेहतर रहती है। इस आसन को करने के लिए पहले आप सीधे तरह तनकर खड़े हो जाएं और अपने शरीर का भार बाएंस पैर पर डाल दें फिर अपने दाएं पैर को बाएं पैर पर मोड कर रखें। गहरी सांस लते हुए अपने हाथों को सिर के उपर की ओर खींजिए। अब इस मुद्रा में कुछ सेकेण्ड तक बने रहे। इस मद्रा को को 5 बार दोहराएं।
* अंजली मुद्रा योग
अंजली मुद्रा आसन करने के लिए सीधे खड़े जाएं और दोंनो हाथों को जोड़कर छाती के बीचों-बीच रखें। फिर आंखे बंद कर सीधें से सांस अंदल लें, थोड़ी देर सांस रोकें फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें। यही पैटर्न कुछ मिनटों तक दोहराएं। अंजली मुद्रा आसन प्रतिदिन करने से हमारी श्वसन प्रणाली दुरुस्त रहती है और शरीर में आॅक्सीजन की मात्रा पर्याप्त होने लगती है। जिसका सीधा असर हमारे ब्लड सर्कुलेशन पर पड़ता है और हृदय स्वस्थ रहता है और बेहतर तरीके से काम करता है।
* भुजंगासन योग
भुजंगासन को करने के लिए पेट के बल लेट जाइये तथा पैरों को सीधा व लम्बा फैला दीजिए। अपने हथेलियों को कंधों के नीचे जमीन पर रखिये तथा अपने सिर को जमीन से छूने दीजिये। पीठ की मांसपेशियों को शिथिल कीजिये। अब धीरे-धीरे सिर व कंधों को जमीन से उपर उठाइये और सिर को जितना पीछे की तरफ ले जा सकें ले जाइये। यह क्रिया शुरूआत में दो से तीन बार कीजिए फिर धीरे-धीरे करने का समय बढाते जाइये। यह आसान प्रतिदिन करने से हृदय मजबूत बनता है व दिल और फेफड़ों का मार्ग भी इसे करने से साफ होता है। इसके अलावा भुजंगासन अस्थमा के रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद रहता है।
* वीरभद्र योग
वीरभद्र आसन करने के लिए सबसे पहले एक पैर को पीछे की तरफ ले जाएं , वहीं दूसरे पावं को 90 डिग्री एंगल पर स्ट्रेच करें। दोनों हाथों को उपर ले जाकर जोड़ें, एकदम एक पहाड़ की शेप जैसा। फिर धीरे-धीरे दोनों हाथों को सामने की ओर लाएं और पीछे के पैर को और पीछे की तरफ स्ट्रेच करें। ध्यान रहे दूसरे पैर को उसी अवस्था में रहने । अब बारी-बारी से दोनों पैरो से इस आसन को करें। वीरभद्र आसन हमारे शरीर को शक्ति और दृढ़ता प्रदान करता है। यह एक ऐसा आसन ही जिससे हमारा तनाव दूर होता है और शरीर में शक्ति का प्रवाह होता है।
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