कंप्यूटर पर देर तक करते हैं Work तो हो जाएं सावधान

Update: 2024-09-01 08:26 GMT

Lifetyle.लाइफस्टाइल: यह अपने आप में एक विचित्र हकीकत है कि दिन भर काम करते किसी व्यक्ति की शारीरिक सक्रियता इस तरह हो कि लगातार काम करने के बावजूद उसके हाथ और कंधे जाम होने लगें। मगर आज ऐसे लोगों की बड़ी तादाद है, जो दफ्तर में घर में कंप्यूटर पर बैठ कर ढेर सारा काम करते हैं, कंप्यूटर के कीबोर्ड पर अपनी अंगुलियां चलाते हैं और इस तरह उनका हाथ लगातार सक्रिय रहता है, मगर कंधे में अकड़न आ जाती है, कंधा जाम हो जाता है।

जकड़न की जड़
यह समस्या दरअसल आमतौर पर देर तक एक ही मुद्रा में बैठ कर काम करने की वजह से ही हो सकती है। इसमें कुर्सी पर बैठ कर हाथ कीबोर्ड और माउस की गतिविधियों में सिमट जाता है और उससे ज्यादा कंधे और हाथ खोलने की नौबत नहीं आती। काम में व्यस्त इंसान बड़े आराम से अपना काम करता जाता है और उसे इस बात की भनक तक नहीं लगती कि हाथ को एक मुद्रा में रखे हुए और एक निश्चित दायरे में स्थिर रखते हुए कैसे कंधे में रक्त संचार से लेकर नसों की गतिविधियां सिमट गईं। इसका पता बहुत धीरे-धीरे चलता है और जब तक पता चल पाता है, तब तक कई बार हालत यह हो जाती है कि कंधे जकड़ जाते हैं, हाथ ऊपर उठाने में तेज पीड़ा का अहसास होता है।
इस स्थिति को ‘फ्रोजन शोल्जर’ कहते हैं। इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति के कंधे से लेकर गर्दन के निचले हिस्से तक खिंचाव सहित दर्द होता है, पूरे हाथ को घुमाने या उठाने में काफी पीड़ा होती है। इससे पीड़ित व्यक्ति को कंधे की हड्डी को हिलाने में दिक्कत होती है। इसकी चपेट में आने के बाद वाहन चलाना, ज्यादा देर तक बैठना या फिर कोई भारी सामान उठाना मुश्किल हो जाता है।
छिपी वजहें
कामकाज और बैठने की शैली के अलावा अगर किसी व्यक्ति को चिकित्सीय समस्या है या उसका कुछ समय पहले आपरेशन हुआ हो, जिसकी वजह से कंधों में अकड़ने हो सकती है, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, थायराइड और पार्किंसंस की समस्या से ग्रस्त हो तो वह फ्रोजन शोल्जर की चपेट में आ सकता है। इसके अलावा, अगर किसी वजह से बांहों की हड्डी टूट जाए या फिर कंधे में गहरी चोट लग जाए तो वह फ्रोजन शोल्जर की समस्या से ग्रस्त हो जा सकता है।
छुटकारे की राह
इसका इलाज जितना दवाओं के सहारे हो सकता है, उससे ज्यादा कारगर तरीके से निपटने का रास्ता शरीर को खिंचाव देने वाले व्यायाम हैं। नियमित रूप से कंधों की मालिश करनी चाहिए। अगर यह मालिश गर्म तेल (ज्यादा तापमान पर नहीं) से मालिश की जाए तो ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद होती है। अपने स्तर पर भी दर्द वाले हिस्से में सिंकाई करके राहत हासिल की जा सकती है। फ्रोजन शोल्जर से त्रस्त लोगों को आराम करना चाहिए और जरूरत होने पर भी भारी सामान नहीं उठाना चाहिए। अगर समस्या ज्यादा गहरी और जटिल हो गई हो तो किसी कुशल चिकित्सक की सलाह लेना ही सबसे कारगर और उपयोगी और समझदारी से भरा तरीका है।
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