गर्दन के आसपास जमा चर्बी ने बिगाड़ रखा है चेहरे का लुक तो रोजाना करें ये 2 योगासन

गर्दन में मौजूद चर्बी किसी भी व्यक्ति की खूबसूरती को प्रभावित कर सकती है

Update: 2024-04-18 02:00 GMT

लाइफस्टाइल: पेट की चर्बी कम करने के लिए लोग कई तरह के उपाय आजमाते हैं, लेकिन जब बात गर्दन के आसपास जमा चर्बी की आती है तो अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। गर्दन की चर्बी और डबल चिन को आमतौर पर 'टर्की नेक' के नाम से जाना जाता है। गर्दन में मौजूद चर्बी किसी भी व्यक्ति की खूबसूरती को प्रभावित कर सकती है। बॉडी पोस्चर को बनाए रखने और फिट दिखने के लिए गर्दन पर मौजूद चर्बी को कम करना जरूरी है। अगर आप भी गर्दन पर जमा चर्बी से छुटकारा पाना चाहते हैं तो इन 2 योगासन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

भुजंगासन: भुजंगासन को अंग्रेजी में कोबरा पोज के नाम से जाना जाता है। भुजंगासन के अभ्यास के दौरान शरीर कोबरा जैसी मुद्रा में रहता है। इस आसन के अभ्यास से गर्दन और गले पर मौजूद अतिरिक्त चर्बी कम करने में मदद मिलती है और व्यक्ति का वजन कम होता है। भुजंगासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद अपने हाथों को सिर के दोनों तरफ जमीन पर रखें। अब अपनी हथेलियों को अपने कंधों के स्तर पर लाएं, गहरी लंबी सांस लें और हाथों को जमीन पर दबाते हुए शरीर को नाभि तक ऊपर की ओर उठाएं। इस क्रम में सबसे पहले सिर, छाती और अंत में पेट के हिस्से को ऊपर उठाएं। अब सिर को सांप के फन की तरह ऊपर की ओर खींचें। कुछ देर इसी अवस्था में रहें और पुरानी स्थिति में आ जाएं। इस आसन का अभ्यास आप 3 से 7 बार कर सकते हैं।

चक्रासन: चक्रासन को अंग्रेजी में व्हील पोज के नाम से जाना जाता है। यह योगासन शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत रखने में काफी कारगर है। इस योग का नियमित अभ्यास करने से गर्दन के आसपास की चर्बी कम करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं यह बढ़ते मोटापे को दूर करने में भी कारगर हो सकता है। चक्रासन करने के लिए सबसे पहले कमर के बल लेट जाएं और पैरों को कूल्हों के बराबर खोलकर घुटनों को मोड़ लें। अब तलवों को जमीन पर रखते हुए दोनों हाथों को कानों के बगल में इस तरह रखें कि उंगलियां पैरों की तरफ आ जाएं। इसके बाद सांस लें और कूल्हों को जितना हो सके आसमान की तरफ उठाएं और सांस छोड़ते हुए रुक जाएं। अब एक बार फिर सांस लें और गर्दन को नीचे लटकाते हुए हाथों और पैरों को पास लाने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कुछ देर सांस लें और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।

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