अगर घटती जा रही है आंखों की रोशनी, बाबा रामदेव से ले आए बचाव, नेचुरल तरीका

Update: 2023-08-24 09:34 GMT
नींद की कमी और खर्राटे लेना दोनों ही खतरनाक हैं, क्योंकि ये दोनों ही आदतें खराब सेहत की ओर इशारा करती हैं। हाल ही में ब्रिटेन में हुए एक शोध के अनुसार लगातार कम नींद लेने से ग्लूकोमा होने का खतरा 13% तक बढ़ जाता है। दूसरी ओर, खर्राटे लेने वालों या दिन में सोने वालों को बाकी लोगों की तुलना में मोतियाबिंद होने का 11% अधिक खतरा होता है। शोध के मुताबिक, साल 2040 तक दुनिया भर में ग्लूकोमा के करीब 11.5 करोड़ मरीज होंगे।
अमेरिकन जर्नल में प्रकाशित एक शोध में कहा गया है कि मोतियाबिंद को दूर किया जाए तो डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा 29 फीसदी तक कम हो जाता है। इसलिए अगर आंखों को बचाना है तो स्लीप पैटर्न को सुधारना होगा, क्योंकि आंखों के पहले से ही कई दुश्मन हैं जैसे बढ़ा हुआ स्क्रीन टाइम, प्रदूषण, शुगर और बीपी। इन सबके कारण यूरोप-अमेरिका में 30 से 40% लोगों की आंखों पर मोटा चश्मा लगा होता है।
प्रदूषण के कारण आंखों में लाली, जलन, पानी आना, रूखापन और आंखों में संक्रमण होना आम समस्या हो गई है। जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) में प्रकाशित एक अध्ययन में दावा किया गया है कि मोतियाबिंद की सर्जरी अल्जाइमर रोग और भूलने की बीमारी के जोखिम को कम करती है। एक दशक लंबे इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 65 वर्ष से अधिक उम्र के 3038 पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया। इनमें से 1382 की मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी। बाकी नहीं हुआ।
Tags:    

Similar News

-->