लाइफस्टाइल : इंफ्लामेटरी बाउल डिजीज (IBD) पाचन तंत्र से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में सूजन हो जाती है। इसकी वजह से व्यक्ति को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लंबे समय तक रहने वाली इस बीमारी में क्रॉन्स डिजीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस शामिल हैं। इनके कारण व्यक्ति की आंतों के टिश्यूज में सूजन होती है और इसके कारण काफी दर्द का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, इस बीमारी के और भी कई लक्षण हैं, जिसमें रेक्टल ब्लीडिंग, डायरिया, वजन कम होना, बुखार, पेट में ऐंठन आदि शामिल हैं। इस बीमारी के इलाज के लिए आंतों की सूजन को कम करना जरूरी होता है, जिसके लिए दवाओं के साथ-साथ खान-पान में कुछ बदलाव भी आवश्यक होते हैं। इस आर्टिकल में हम जानने की कोशिश करेंगे कि IBD के मरीजों को डाइट से जुड़ी किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
IBD के मरीजों के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी गट हेल्थ यानी पाचन का खास ख्याल रखें। इसके लिए आप इन बातों का ख्याल रखना चाहिए। दरअसल, आंतों में सूजन की वजह से आपकी सेहत को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है।
हाइड्रेटेड रहें
डिहाइड्रेशन से बचने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीना जरूरी है। दरअसल, पानी की कमी की वजह से फेल्यर अप्स यानी जब सूजन बढ़ी हुई हो, तब डायरिया की वजह से शरीर में पानी की मात्रा घटने लगती है। जिसके कारण अन्य दूसरी परेशानियां हो सकती हैं। इसके अलावा, हाइड्रेटेड रहने से गट हेल्थ को भी फायदा मिलता है। इसलिए पानी, नारियल पानी या डाइल्यूट किए गए बिना चीनी वाले फ्रूट जूस पी सकते हैं।
एनर्जी ड्रिंक्स और कैफीन न पीएं
कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, जैसे सोडा, कोल्ड ड्रिंक्स आदि की वजह से IBD के लक्षण और गंभीर हो सकते हैं। इसलिए अपनी डाइट में इन ड्रिंक्स को बिल्कुल शामिल न करें। ऐसे ही कैफीन वाली ड्रिंक्स, जैसे चाय और कॉफी से भी परहेज करने से IBD के लक्षणों को मैनेज करने में मदद मिलती है।
ट्रिगर फूड्स खाने से बचें
ऐसे फूड्स जिनकी वजह से IBD के लक्षण बढ़ जाते हैं, उन्हें ट्रिगर फूड्स कहा जाता है। क्योंकि ये IBD के लक्षणों को ट्रिगर करते हैं। ऐसे खाने की पहचान करें और उनसे परहेज करें। आमतौर पर ज्यादा मसाले वाला खाना, ज्यादा फैट वाला खाना, प्रोसेस्ड फूड्स, डेयरी प्रोडक्ट्स, शराब इसके लक्षणों को ट्रिगर करते हैं। इसलिए इनसे दूरी बनाने की कोशिश करें। साथ ही, जिन फूड आइटम्स की वजह से आपको लग रहा है कि कंडिशन बिगड़ रही है, उनके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
हाई फाइबर वाला खाना न खाएं
अपनी डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करें, जिनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा न हो। इसके लिए बिना छिलके वाले फल, सब्जियां, मछली, चिकन आदि खा सकते हैं। ज्यादा फाइबर की वजह से IBD के लक्षण ट्रिगर हो सकते हैं। ऐसे ही सीड्स, नट्स, ब्रैन और फल सीमित मात्रा में ही खाएं।
थोड़ा खाना, थोड़ी देर पर खाएं
एक बार में बहुत सारा खाना खाने की जगर थोड़ा-थोड़ा खाना, हर थोड़ी देर पर खाने की कोशिश करें। इससे खाना आसानी से पचता है और पाचन तंत्र पर ज्यादा दबाव भी नहीं पड़ता। ऐसा करने से आपको बार-बार भूख भी नहीं लगेगी और वजन कंट्रोल करने और एनर्जेटिक रहने में भी मदद मिलेगी।
प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स खाएं
अपनी डाइट में प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स को शामिल करें। प्रोबायोटिक्स जैसे दही, कैफीर, फर्मेंटेड फूड्स खाएं। ये गट हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं। ऐसे ही प्रीबायोटिक्स जैसे प्याज, लहसुन, केला आदि खाएं। ये गट माइक्रोबायोम के लिए फायदेमंद होते हैं।
अच्छे से पका हुआ खाना खाएं
कच्ची सब्जियां या कोई भी खाना, जो ठीक से पका नहीं होता, उसे पचाना थोड़ा मुश्किल होता है। इसलिए अच्छे से पका हुआ खाना ही खाएं। सब्जियां बनाते समय उनका छिलका उतार दें और अच्छे से उबालकर या पका कर ही खाएं, ताकि वे आसानी से पच जाएं।
प्रोसेस्ड फूड्स न खाएं
प्रोसेस्ड फूड्स खाने के कारण डायरिया और पेट दर्द जैसे लक्षण और गंभीर हो सकते हैं। इसलिए ज्यादा फैट और तेल वाला खाना खाने से बचें। इनकी जगह हेल्दी फैट्स जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाना खाएं।