कुछ बच्चे शरारत में तो कुछ दवाओं के कड़वे स्वाद की वजह से अक्सर दवाइयों से दूर भागते हैं। कई बार तो आनाकानी करते हुए वे दवा गिरा भी देते हैं। ऐसे में बच्चों को दवा खिलाने से ज्यादा मुश्किल काम कोई और नहीं लगता। आपकी इस परेशानी को समझते हुए हम आपको यहां बता रहे हैं बच्चों को खेल-खेल में दवा देने के आसान तरीके।
छोटे बच्चों को दवा देना बड़ा मुश्किल होता है। अक्सर आधी दवाई तो यूं ही गिर जाती है। ऐसे में क्या उपाय अपनाएं कि आपका नन्हा दवाई भी ले और उसे तकलीफ भी ना हो, तो आजमाइए इन बातों को- बच्चे को तरल दवा देने के लिए निप्पल का इस्तेमाल करें। (ध्यान रहे कि निप्पल में दवा डालने के बाद थोड़े पानी की जगह भी बचे) आंख में दवाई डालने वाले ड्रॉपर से तरल दवा पिलाएं। यह कैमिस्ट की दुकान से मिल जाएगा। दवा सीधा गले में डालने की बजाय गालों के पास खाली जगह में डालें ताकि गला घुटने न लगे। वैसे 5 मिली. का मतलब है एक छोटा चम्मच।
अगर दवा का स्वाद कड़वा है तो बच्चे की नाक बंद करके दवा दें, इसके फौरन बाद कोई खाने-पीने की चीज मुंह में डालें। आजकल कई अच्छे स्वाद वाली दवाएं फ्रिज में जमाकर भी दी जा सकती हैं, पर पहले डॉक्टर से पूछ लें। अपने डॉक्टर से कॉन्सन्ट्रेटिड दवा के बारे में पूछें। कई एंटीबायटिक दवाएं दो तरह से आती हैं- 125 एमजी प्रति 5 एमएल (एक चम्मच), 250 एमजी प्रति 5 एमएल। अगर आप कॉन्सन्ट्रेटिड दवा देंगी तो बच्चे को उसका आधा चम्मच ही पीना पड़ेगा। अगर दवा खूब ठंडी करके दी जाए तो स्वाद बेहतर हो जाता है। बच्चे के साथ मिलकर दवाओं के मजेदार नाम रख दें। वैसे आजकल ज्यादातर दवाएं अच्छे स्वाद में होती हैं, लेकिन इनका एक नुकसान यह है कि अगर आप आसपास न हों तो बच्चा उन्हें दोबारा खाने के लिए ललचा सकता है। बड़े बच्चे को दवाई देने के लिए थोड़ा गहरा चम्मच इस्तेमाल करें। यह कैमिस्ट की दुकान पर आसानी से मिल जाएगा।
बच्चे को दवा पिलाते समय उसकी ठुड्डïी के नीचे कागज का कप लगाकर रखें ताकि गिरी हुई दवा उस कप से दोबारा पिलाई जा सके। दवा देने से पहले उसका स्वाद चखें। अगर स्वाद बुरा हो तो बच्चे की जीभ पर बर्फ रगड़ दें, जिससे स्वाद ग्रंथियां सुन्न हो जाएंगी और दवा आराम से ली जाएगी। शिशु को दवा देने से पहले किसी तौलिए में लपेट लें ताकि वह हाथ-पैर मारकर दवा न गिराए। अगर बच्चा दवा लेने से बिल्कुल इन्कार करे, अपने जबड़े भींच ले, तो धीरे से उसके नथुने दबाएं, उसका मुंह अपने आप खुल जाएगा। एक बड़े बच्चे को शीशे के सामने बिठाकर दवा पिलाएं, उसे बड़ा मजा आएगा।
सावधानी बच्चे के वजन के हिसाब से दवा दें। बच्चे को कोई भी दवा देने से पहले डॉक्टर से पूछ लें और लेबल पर लिखे निर्देश पढ़ कर ही दवा दें। दवा कैसे खिलाएं अक्सर मोटी गोली बच्चों के गले में फंस जाती है। दवा देने से पहले उस पर थोड़ा मक्खन या सेब की सॉस लगा दें। बड़े बच्चे के हाथ में ‘मार्शमैलो’ या फिर कोई मीठी चीज पकड़ा दें ताकि वह दवा लेते ही उसे खा सके। एक छोटा चम्मच आइसक्रीम या क्रीम में रखकर भी दवा दे सकती हैं, दवा आसानी से गले के नीचे उतर जाएगी। दवा को पीस लें, फिर सेब की सॉस या जैम में मिलाकर खिला दें, इसके बाद दो घूंट पानी या जूस पिला दें। छोटे बच्चों को अपने खिलौने बड़े प्यारे होते हैं। बच्चे को दवा खिलाने से पहले, उसके छोटे से खिलौने को पहले खिलाएं। जब बच्चा नहाते समय शैतानियों में लगा हो, तब भी दवा देने में आसानी रहेगी। बच्चे की जीभ पर गोली रखें। उससे कहें कि एक-दो घूंट पानी पिए और पहले ही घूंट में गोली अंदर ले जाए। अपने कैमिस्ट से दवा की खाली बोतलें या शीशियां ले लें। अगर बच्चा क्रैच जाता हो तो उसकी दिन की खुराक, अलग से शीशी में डालकर भिजवाएं। अगर बच्चे को एक से ज्यादा दवाएं देनी है या दो बच्चों को अलग-अलग दवा देनी है तो उनका समय व मात्रा कहीं लिख लें। इन कागजों को फ्रिज पर चिपका दें। ऐसा करने से इन बातों को याद रखने की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी।अगर बच्चे को दवा लेने के 48 घंटे के भीतर भी आराम न आए तो अपने डॉक्टर को इसकी सूचना अवश्य दें।