ब्रेस्ट फ़ीडिंग के सेहत से जुड़े फ़ायदे

Update: 2023-07-16 13:22 GMT
ब्रेस्ट फ़ीडिंग से मां को होनेवाले फ़ायदे
यह कई शोधों में साबित हो चुका है कि ब्रेस्ट फ़ीडिंग से बच्चे के साथ-साथ मां की सेहत के लिए भी बहुत ज़रूरी है. आइए, मांओं को होनेवाले फ़ायदों के बारे में जानते हैं.
1. ब्रेस्ट फ़ीडिंग करानेवाली मांओं का प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ा वज़न जल्दी कम होता है
प्रेग्नेंसी के दौरान आपका शरीर मिल्क प्रोडक्शन के लिए एक्स्ट्रा कैलोरीज़ जमा करके रखता है. अत: यदि आप अपने बच्चे को फ़ॉर्मूला मिल्क की जगह अपना दूध पिलाती हैं तो आपका पोस्ट प्रेग्नेंसी वेट लॉस उन महिलाओं की तुलना में कहीं ज़्यादा होगा, जो बच्चे को दूध लंबे समय तक नहीं पिला पातीं. ब्रेस्ट फ़ीडिंग से ख़ासकर शरीर के निचले हिस्से का फ़ैट बर्न होता है.
2. ब्रेस्ट फ़ीडिंग से घटता है कैंसर का ख़तरा
मांएं, जो अपने बच्चे को ब्रेस्ट फ़ीड कराती हैं उन्हें प्री और पोस्ट-मेनोपॉज़ल ब्रेस्ट कैंसर होने का ख़तरा उन मांओं की तुलना में काफ़ी कम होता है, जो अलग-अलग कारणों से ब्रेस्ट फ़ीडिंग अवॉइड करती हैं. इसका कारण यह है कि जो महिलाएं ब्रेस्ट फ़ीड कराती हैं उनमें हार्मोनल बदलाव आते हैं, जिससे उनके मेन्स्ट्रुअल पीरियड्स देर से आते हैं. इससे वे एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन्स के संपर्क में उतने कम समय तक के लिए आती हैं. यह हार्मोन ब्रेस्ट कैंसर सेल्स की वृद्धि को प्रमोट करता है.
3. मां और बच्चे की बॉन्डिंग मज़बूत होती है
बच्चे को अपना दूध पिलाते समय आप उसे जिस तरह से कैरी करती हैं उसके चलते बच्चा आपके हृदय की धड़कनों को जल्दी पहचानता है. इससे बच्चे को सुकून और सुरक्षित होने का एहसास होता है. यह सिद्ध हो चुका है कि ब्रेस्ट फ़ीड करानेवाली मांओं में ऑक्सिटोसिन यानी लव हार्मोन्स का प्रोडक्शन ज़्यादा होता है. इससे बच्चे और मां के बीच स्नेह का बंधन और तगड़ा होता है.
ब्रेस्ट फ़ीडिंग से बच्चे को होनेवाले फ़ायदे
मां का दूध किसी सुपर फ़ूड से कम नहीं है. पर्याप्त समय तक मां का दूध पीनेवाले बच्चों को ये फ़ायदे होते हैं.
1. बच्चों को मिलता है सुपर न्यूट्रिशन
नवजात बच्चों के विकास के लिए आवश्यक सभी पोषक पदार्थ मां के दूध में मौजूद होते हैं. मां का दूध विटामिन, प्रोटीन और फ़ैट जैसे पोषक तत्वों का परफ़ेक्ट मिश्रण है. मां के दूध में ऐंटीबॉडीज़ होते हैं, जो आपके बच्चे को अनेक तरह के वायरस, बैक्टीरियाज़ और नुक़सानदेह एलर्जीज़ से बचाते हैं. कई शोध कहते हैं कि मां का दूध पीनेवाले बच्चों को आगे चलकर अस्थमा की समस्या होने की संभावना कम हो जाती है.
2. मां का दूध पीनेवाले बच्चों का आईक्यू ज़्यादा होता है
मां का दूध लॉन्ग चेन सैचुरेटेड फ़ैटी एसिड्स से भरपूर होता है, जो कि बच्चों के दिमाग़ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यही कारण है कि ‌जो मांएं अपने बच्चों को अपना दूध लंबे समय तक पिलाती हैं उनका आईक्यू लेवल ज़्यादा होता है, क्योंकि शुरुआती सालों में उनके ब्रेन का अच्छा डेवलपमेंट हो जाता है.
3. बच्चे की जीभ और जबड़ों की सेहत के लिए ब्रेस्ट फ़ीडिंग है वरदान
ब्रेस्ट फ़ीडिंग करते समय बच्चों की मुंह की मांसपेशियों का ख़ास ढंग से मूवमेंट होता है, विशेषकर जीभ और जबड़ों की मांसपेशियों में ग़ज़ब का समन्वय होता है. वहीं जब बच्चे बॉटल से दूध पीते हैं तो यह स्थिति अलग होती है. बच्चों के दांतों और श्वसन नली के विकास में भी ब्रेस्ट फ़ीडिंग बेहद अहम् है.
इनपुट्स: डॉ राजलक्ष्मी वालावलकर, ककून फ़र्टिलिटी की आईवीएफ़ स्पेशलिस्ट
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