क्या आपका बच्चा करने लगा हैं अपशब्दों का इस्तेमाल, इन बातो पर करें गौर
इन बातो पर करें गौर
बच्चे कब और किस बात को सीख रहे होते हैं, यह हम बड़ों के लिए जानना बहुत मुश्किल है। उम्र बढ़ने के साथ बच्चों के व्यवहार में कई तरह के बदलाव आते हैं। इस उम्र में वो अपने आसपास होने वाली घटनाओं से कई तरह की नई चीजें सीखते हैं। ऐसे में कई बार वे अपशब्दों का इस्तेमाल करना भी शुरू कर देते हैं। बच्चों की परवरिश उसके हावभाव और बोलचाल में झलकती हैं। ऐसे में बच्चों द्वारा किया गया अपशब्दों का इस्तेमाल आपकी परवरिश पर सवाल खड़े कर देता हैं। हर अभिभावक को इस बात का डर रहता है कि उनका बच्चा बिगड़े नहीं। इसलिए बच्चों पर नजर रखना बहुत जरूरी है। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं जिसपर गौर कर आप अपने बच्चे को अपशब्दों का इस्तेमाल करने से रोक सकते हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में...
ओवररिएक्ट न करें
कई बार ऐसा होता है कि जब बच्चा कोई गलत शब्द इस्तेमाल करता है तो माता-पिता उसे तुरंत डांटना या ओवररिएक्ट करना शुरू कर देते हैं। लेकिन ऐसा करने से बचें। हो सकता है कि बच्चा जिस शब्द का इस्तेमाल कर रहा हो, उसे उस शब्द का वास्तविक अर्थ ही ना पता हो और ऐसे में जब आप उस पर गुस्सा करें तो उसे समझ ही ना आए कि आप इस तरह का व्यवहार क्यों कर रहे हैं।
जड़ का पता लगाएं
कई बार बच्चों के अपशब्द बोलने के पीछे उनके दोस्त और संगत जिम्मेदार होती है। ऐसे में सबसे पहले इस बात का पता लगाएं कि आपके बच्चों की संगति कैसी हैं। अगर बच्चे के दोस्तों में कोई इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करता है तो बच्चे को उससे दूर रहने के
लिए कहें।
बच्चों को सजा ना दें
जब बच्चे गाली-गलौज शुरू कर देते हैं तो, उनके माता-पिता उन्हें तुरंत डांट देते हैं या एक थप्पड़ लगा देते हैं। लेकिन, ऐसा करने से बात बनने की बजाय बिगड़ सकती है। डांट या पिटाई से बच्चे जिद्दी और हठी बन सकते हैं और उनकी गाली देने की आदत और भी बिगड़ सकती है। इसीलिए, बच्चों को तब समझाएं जब उनका गुस्सा शांत रहे। उनसे कहें कि अगर वे इसी तरह गाली देते रहेंगे तो बाकी बच्चे उनके साथ रहना बंद कर देंगे और स्कूल या ट्यूशन जैसी जगहों पर भी लोग उसे नापसंद करने लगेंगे।
जिन शब्दों को नहीं सुनना चाहते, उन पर रिएक्शन न दें
अगर बच्चा गाली के अलावा अन्य शब्दों, जिन्हें हम आम-बोलचाल में इस्तेमाल नहीं करते, जैसे कि पॉटी-सुसु आदि का इस्तेमाल शुरू करे, तो इन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है। बच्चा हमारी प्रतिक्रियाओं का आंकलन कर ऐसे शब्दों को बार-बार दोहराते हैं। कई बार माता-पिता ही दूसरों को बच्चे की इन बातों को काफी रोचक तरीके से बताते हैं, जिससे बच्चे को लगता है कि उसने कोई बहुत बड़ा काम किया है। और नतीजतन बच्चा बार-बार इन शब्दों को इस्तेमाल करता है। भले आपने ऐसे शब्दों को गलत तरीके से कभी इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन आपकी प्रतिक्रिया देने के बाद बच्चा जरूर इन शब्दों को दोहराता है।
बच्चों के सामने रखें अपनी बातचीत के लहजे को सही
जब बच्चे गाली-गलौज करना सीख जाते हैं तो इसकी वजह उसके माता-पिता या आस-पास के लोग ही होते हैं जिनके मुंह से वह गालियां सुनते हैं और दोहराते हैं। इसीलिए, जब भी बच्चे के साथ हों तो अपनी बातचीत के लहजे पर ध्यान दें, बच्चों के सामने किसी से बहस या झगड़ा करने से बचें। आपके मुंह से निकलें अपशब्द बच्चे के सामने गलत उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। इसीलिए, अगर आप गाली-गलौज वाली भाषा का इस्तेमाल करेंगे तो बच्चे भी गाली देना ही सीखेंगे। इसीलिए, बच्चों के सामने गाली देने की आदत ना दोहराएं।
बच्चे का ध्यान कहीं और लगाएं
कई बार आस-पास के माहौल या संगत की वजह से भी बच्चा गलत शब्द बोलना सीख जाता है। ऐसे में अगर आपके बार-बार मना करने के बावजूद भी बच्चा गलत शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है तो उसका ध्यान वहां से हटाने के लिए उसे उसकी पसंद की कोई हॉबी क्लास ज्वाइन करवा दें। ऐसा करने से बच्चा गलत शब्द बोलना भूल जाएगा।
सही शब्द का प्रयोग सीखाएं
अगर किसी वजह से बच्चे ने गलत शब्द बोल भी दिया है तो आप उसके स्थान पर उसे सही शब्द का इस्तेमाल करना सीखाएं। इसके अलावा कई बार बच्चे गुस्सा होने पर गाली जैसे अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि उन्होंने देखा होता है कि गुस्सा आने पर गाली दी जाती है। ऐसे में माता-पिता बच्चे को गुस्से के दौरान सही शब्दों का इस्तेमाल जरूर सीखाएं। ऐसे में आप अपने बच्चे के साथ बैठें और नए, गैर-आक्रामक शब्दों पर विचार करें, जिन्हें वह तब बोल सकता है, जब वह निराश, परेशान या क्रोधित महसूस करे। उसे कई तरह के अलग-अलग शब्दों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि वह यह बता सके कि उसे कैसा महसूस हो रहा है।