देर रात खाने की आदत : देर रात तक खाना खाने वालों का नहीं होता

Update: 2022-10-18 18:13 GMT
व्यस्त जीवन शैली के कारण बहुत से लोग भोजन के समय का पालन नहीं कर पाते हैं। जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार शरीर को स्वस्थ और पाचन क्रिया को सही रखने के लिए भोजन का समय निश्चित करना चाहिए। लेकिन इससे भी ज्यादा खतरनाक है देर रात को खाना। क्योंकि इससे गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग देर रात को खाना खाते हैं उनमें मोटापे का खतरा अधिक होता है। मोटापा हृदय रोग और मधुमेह के लिए जिम्मेदार है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि देर रात खाने से कैलोरी की मात्रा, मेटाबॉलिज्म और पाचन प्रभावित होता है, जिससे वजन बढ़ सकता है। देर रात भोजन करने से ऊर्जा व्यय कम होता है, भूख बढ़ती है और वसा ऊतक में परिवर्तन होता है। ये स्थितियां मिलकर मोटापे के खतरे को बढ़ा देती हैं।
जो लोग देर से खाते हैं, उनमें भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन जैसे लेप्टिन और ग्रेलिन प्रभावित होते हैं। हार्मोन लेप्टिन, जो पूर्णता का संकेत देता है, देर से खाने वालों में विशेष रूप से कम पाया गया। ऐसे लोगों में कैलोरी बर्न होने की दर भी दूसरे समूह की तुलना में कम देखी गई, जिससे वजन बढ़ने का खतरा भी दिखा।जो लोग देर से खाते हैं वे शारीरिक और आणविक तंत्र से प्रभावित होते हैं जो समय के साथ उनके मोटापे के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। यह समस्या विश्व स्तर पर बढ़ती दिख रही है।
शोधकर्ताओं की टीम ने मोटापे को कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारक के रूप में पहचाना, जिनमें से कुछ को वैश्विक मृत्यु दर में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में भी देखा गया है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के विशेषज्ञों की रिपोर्ट है कि मोटापा सीधे हृदय संबंधी जोखिम कारकों को बढ़ाता है, जिसमें डिस्लिपिडेमिया, टाइप -2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप और नींद संबंधी विकार शामिल हैं।
मोटापा हृदय रोगों में भी योगदान दे सकता है। इसलिए हर उम्र के लोगों को अपने स्तर पर मोटापे को रोकने के उपाय करने चाहिए। रात को जल्दी खाने और खाने के बाद टहलने की आदत बनाकर इसके खतरे को कम किया जा सकता है।
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