सरकार ने संसद में पूछे एक सवाल के जवाब में कहा कि जीएम सरसों की खेती पूरी तरह सुरक्षित है। भोजन और चारे के उपयोग में इससे कोई खतरा नहीं है। सरकार ने कहा कि बीटी कपास की खेती से भी मधुमक्खियों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है। राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह जीएम सरसों की फार्म ट्रायल के बारे में विस्तार से बताया है। सरसों की वरुणा प्रजाति से तैयार जीएम सरसों हाईब्रिड धारा सरसों हाईब्रिड-11 का वर्ष 2010-11 से वर्ष 2014-15 की अवधि में सीमित क्षेत्र में परीक्षण किया गया। इसमे कई जगहों पर जैव सुरक्षा अनुसंधान स्तर एक और दो का परीक्षण किया गया है।
की उत्पादकता 37 फीसद तक अधिक प्राप्त की गई है। सिंह ने अपने जवाब में कहा है कि निर्धारित गाइड लाइंस और नियमों के अनुसार इस प्रजाति की खेती का मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण प्रभाव आकलन तीन साल तक किया गया है। इससे किसी भी तरह की एलर्जी अथवा अन्य किसी तरह की असामान्य स्थिति नहीं मिली। इस दौरान पर्यावरण संबंधी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है।