1 दिन से लेकर 1 हफ्ते तक, सोए बिना आपके शरीर में होंगे ये बदलाव

आपके शरीर में होंगे ये बदलाव

Update: 2023-09-06 07:10 GMT
अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें नींद ना आने की बीमारी है, तो आपको थोड़ा सा ध्यान रखने की जरूरत होगी। दरअसल, नींद की कमी के कारण हमारा शरीर बहुत कमजोर होने लगता है और कई तरह की बीमारियां हमें घेर लेती हैं। नींद की कमी एकदम से नहीं होती, बल्कि शरीर धीरे-धीरे शरीर को इसकी आदत पड़ती है। अगर इनसॉम्निया नहीं है और आप किसी काम के चक्कर में सो नहीं पा रहे, तो शरीर का रिएक्शन और भी बदला हुआ दिखेगा।
शरीर में 24 घंटे बाद ही नींद की कमी होने लगती है और आप जितना ज्यादा जागती रहेंगी शरीर को उतनी ही ज्यादा समस्या होती रहेगी। यह तो आपको पता ही होगा कि हमारा शरीर नींद के समय खुद को रिपेयर करता है। दिमाग भी शांत रहता है और 7-8 घंटे की नींद हेल्दी मानी जाती है।
नींद की कमी को लेकर क्या कहती है रिसर्च
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश की गई स्टडी 'Sleep deprivation: Impact on cognitive performance' मानती है कि नींद की कमी का असर दिमाग पर बहुत तेजी से पड़ता है। यह स्टडी नेशनल स्लीप फाउंडेशन द्वारा 2007 में की गई थी और इसके मुताबिक शरीर की सर्केडियन रिदम पर असर पड़ते ही लोगों को मेमोरी लॉस से लेकर सीरियल हेल्थ इशूज तक बहुत कुछ होने लगता है।
इस स्टडी में 24 घंटे से लेकर 72 घंटों तक लोगों को जगाया गया और उनके शरीर में होने वाले बदलावों का अध्ययन किया गया।
कई स्टडीज मानती हैं कि स्लीप डेप्रिवेशन पांच स्टेज में होता है।
नींद के बिना 24 घंटे
ऐसा मुमकिन है कि किसी काम की वजह से या फिर आपके शेड्यूल के कारण 24 घंटे की नींद ना मिलना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। हो सकता है कि ऐसा कभी कभार आपके साथ भी हुआ हो, लेकिन रेगुलर ऐसा होना सही नहीं है।
 की एक रिपोर्ट के अनुसार 24 घंटे बिना सोए रहने का असर वैसा ही है जैसा आपके शरीर में 0.10 प्रतिशत अल्कोहल का होना। ये लीगल ड्राइव करने की लिमिट से ज्यादा है।
24 घंटे नींद ना लेने पर चक्कर आना, इरिटेशन, गुस्सा, स्ट्रेस का बढ़ना, दिमाग का सुन्न हो जाना, थकान, एकदम से सिर घूमना, कंपकपी छूटना, एक्सीडेंट की गुंजाइश आदि बहुत कुछ हो सकता है।
नींद के बिना 36 से 48 घंटे
जब आप 24 घंटे की जगह अगले 12 घंटे या फिर अगले 24 घंटे बिना सोए बिता देते हैं, तो शरीर को नींद की जरूरत और ज्यादा होने लगती है। आपको शायद पता भी ना चले कि आपने कितनी माइक्रोस्लीप ले ली है। माइक्रोस्लीप में हर 30 सेकंड के अंतराल में लोग झपकी ले लेते हैं।
ऐसे समय में मेमोरी लॉस, दिमाग की परफॉर्मेंस में कमी, नई चीजों को समझने में दिक्कत, व्यवहार का बदल जाना, बहुत ज्यादा या बहुत कम भूख लगना, शरीर में जलन होना, बहुत ज्यादा थकान होना और किसी भी चीज का रिएक्शन समय कम होना मुमकिन है।
नींद के बिना 48 से 72 घंटे
अब अगर आप नींद के बिना तीन दिनों तक रहे हैं, तो शरीर में बहुत ज्यादा बदलाव दिखेंगे। आपको हैलुसिनेशन होने लगेंगे और आप ऐसी चीजें देखने और सुनने लगेंगे जो असल में हैं ही नहीं। एंग्जायटी, डिप्रेशन, स्ट्रेस लेवल, थकान के साथ-साथ आपका दिमाग बंद होने लगेगा और आपको इतनी तेज चक्कर आएंगे कि आप गिर जाएं।
इस स्टेज पर आप गाड़ी चलाने या खुद चलने की हालत में भी नहीं रह पाएंगे।
नींद के बिना 72 से 96 घंटे
तीन दिन से ज्यादा बिना सोए रहने पर शरीर बंद पड़ने लगेगा। आपको ज्यादा माइक्रोस्लीप की जरूरत होगी और आपको असलियत और दिमाग के बनाए हुए चित्रों में फर्क नहीं समझ आएगा। हो सकता है कि इस समय तक आपको हवा में उड़ती हुई मछलियां दिखने लगें जिन पर सवारी कर आप सीधे अमेरिका पहुंच जाएं। इस दौरान आप खुद को नुकसान बहुत ही आसानी से पहुंचा सकते हैं।
नींद के बिना 96 घंटे से ज्यादा
इस स्टेज पर स्लीप डेप्रिवेशन साइकोसिस होने लगेगा। नींद की कमी से आपके शरीर के ऑर्गन भी फेल हो सकते हैं। इस वक्त तक आपको ब्रेन हेमरेज भी हो सकता है। आपका दिमाग बिल्कुल बंद हो जाए ऐसा भी हो सकता है।
नींद की कमी को बिल्कुल भी इग्नोर नहीं करें। अगर आपको कोई समस्या है, तो उसके लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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