50 के बाद स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करते समय इन टिप्स को करें फॉलो

इन टिप्स को करें फॉलो

Update: 2023-09-10 07:06 GMT
हेल्दी रहने के लिए वर्कआउट करना जरूरी होता है। इसमें सिर्फ कार्डियो करना ही काफी नहीं है, बल्कि आपको स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग पर भी उतना ही ध्यान देना चाहिए। अमूमन लोग यह मानते हैं कि स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग केवल यंग एज में ही करना चाहिए। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। हर उम्र में स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करना फायदेमंद होता है।
जब आप 50 की उम्र कें बाद स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करते हैं तो इससे मसल मास से लेकर बोन डेंसिटी को मेंटेन रखने में मदद मिलती है। वास्तव में, स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग आपकी ओवर ऑल हेल्थ का ख्याल रखती है, लेकिन जब आपकी उम्र बढ़ती जाती है तो ऐसे में स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करते हुए आपको अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे छोटे-छोटे टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको 50 के बाद स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करते हुए ध्यान में रखना चाहिए-
हेल्थकेयर एक्सपर्ट से लें सलाह
अगर आपकी उम्र 50 से अधिक है और आप पहली बार स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग कर रही हैं तो हमेशा यह सलाह दी जाती है कि आप पहले एक बार हेल्थकेयर एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें। दरअसल, इस उम्र में कई तरह की बीमारियां व्यक्ति को अपनी जद में ले लेती हैं। ऐसे में स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेना काफी अच्छा रहता है। इससे आपको किसी भी तरह का विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना काफी कम हो जाती है।
वार्मअप से करें शुरुआत
जब आप स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग कर रही हैं तो ऐसे में शुरुआत में हमेशा वार्मअप जरूर करना चाहिए। हमेशा ध्यान रखें कि आप करीबन 5-10 मिनट के लिए वार्मअप करें और फिर स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करें। वार्मअप करने के लिए आप ब्रिस्क वॉक से लेकर हल्का कार्डियो आदि कर सकती हैं।
हल्के वजन से करें स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग
50 की उम्र के बाद स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करना काफी अच्छा माना जाता है। लेकिन अगर आप इसमें नई हैं या फिर पहली बार स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग कर रही हैं तो ऐसे में आप शुरुआत हमेशा हल्के वजन के साथ ही करें। कई बार हम एक्साइटमेंट में बहुत अधिक वजन उठाने की कोशिश करते हैं। लेकिन इस उम्र में एकदम से बहुत अधिक वजन उठाने से आपको चोट लगने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए शुरुआत बेहद ही लाइटवेट से करें।
कोर स्ट्रेंथ को दें प्रेफरेंस
50 की उम्र के बाद स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करते हुए आपको अपनी कोर पर अधिक ध्यान देना चाहिए। आप प्लैंक, ब्रिज और एब्डोमिनल क्रंचेस जैसी कोर एक्सरसाइज आपके बॉडी पोश्चर को इंप्रूव करने में मदद करती हैं। इतना ही नहीं, इससे आपकी ओवरऑल बॉडी स्ट्रेन्थ पर भी पॉजिटिव असर पड़ता है।
रिकवरी पर दें ध्यान
50 की उम्र के बाद सिर्फ स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करना ही काफी नहीं होता है, बल्कि आपको अपने शरीर को रिकवरी के लिए भी पर्याप्त समय देना होता है। इसके लिए वर्कआउट के बाद रेस्ट करना ना भूलें। यह आपकी मसल्स रिपेयर और ग्रोथ के लिए बेहद जरूरी है। हमेशा ध्यान रखें कि आप दो वर्कआउट सेशन के बीच कम से कम 48 घंटे का गैप रखें।
रहें कंसिस्टेंट
अगर आप सच में चाहती हैं कि स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग करने से आपको फायदा हो, तो इसके लिए जरूरी है कि आप कंसिस्टेंट रहें। हमेशा ध्यान रखें कि आप सप्ताह में कम से कम दो से तीन बाद स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग अवश्य करें। इससे आपको कुछ ही वक्त में अपनी बॉडी में फर्क नजर आने लगेगा।
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