आप चावल प्रेमी हैं, लेकिन वज़न बढ़ने के डर से चावल खाने से परहेज़ करती हैं तो अब आपको अपना मन मारने की कोई ज़रूरत नहीं है. आप बेफ्रिक होकर अपने में खाने में ब्राउन राइस शामिल कर सकती हैं, यक़ीन मानिए आपका वज़न बिल्कुल नहीं बढ़ेगा. बल्कि कम ही होगा.
क्या है ब्राउन राइस?
बिना पॉलिश किए हुए व अनरिफ़ाइन्ड चावल को ब्राउन राइस कहते हैं. चावल के दाने के ऊपर दो-तीन पर्तें होती हैं. ब्राउन राइस तैयार करने के लिए सिर्फ़ दाने के ऊपर का मोटा छिलका निकाला जाता है, जबकि वाइट राइस (सामान्य सफ़ेद चावल) बनाने के लिए ब्रैन (भूसी) को भी निकाल दिया जाता है और सिर्फ़ एन्डोस्पम (सफ़ेद दाना) छोड़ा जाता है, जिसमें केवल स्टार्च होता है. ‘‘ब्राउन राइस व वाइट राइस में समान मात्रा में कैलोरीज़ और कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं, लेकिन ब्राउन राइस को वाइट राइस बनाने की प्रक्रिया के दौरान 67 फ़ीसदी विटामिन बी3, 80 फ़ीसदी विटामिन बी1, 90 फ़ीसदी विटामिन बी6, 50 फ़ीसदी मैग्नीशियम, 50 फ़ीसदी फ़ास्फ़ोरस, 60 फ़ीसदी आयरन और तक़रीबन पूरा का पूरा फ़ाइबर और फ़ैटी एसिड्स नष्ट हो जाते हैं,’’ कहना है हिंदूजा हेल्थ केयर सर्जिकल, मुंबई, की डायटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ इंद्रायणी पवार का.
ब्राउन राइस के फ़ायदे
ब्राउन राइस सेहत की दृष्टि से बेहद फ़ायदेमंद होता है. ‘‘ब्राउन राइस में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फ़ाइबर, मैग्नीशियम, थियामिन, फ़ास्फ़ोरस व पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं,’’ कहना है सेवन हिल्स हॉस्पिटल, मुंबई, की चीफ़ डायटीशियन डॉ अमिता धार का. इससे होने वाले फ़ायदों के बारे में बताते हुए वे कहती हैं,‘‘ब्राउन राइस फ़ाइबर का उत्तम स्रोत है. एक कप ब्राउन राइस रोज़ाना के लिए ज़रूरी १४ फ़ीसदी फ़ाइबर्स की आपूर्ति करता है. फ़ाइबर्स रक्त में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करते हैं और ग्लूकोज़ को धीमी गति से छोड़ते हैं, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है इसलिए यह डायबीटिज़ से पीड़ित व्यक्तियों के लिए इसे बेहतरीन माना जाता है. फ़ाइबर अधिक होने के कारण इसका सेवन करने से पाचन प्रक्रिया सुचारू रहती है व कब्ज़ इत्यादि की शिकायत नहीं होती. फ़ाइबर कोलोन और डायजेस्टिव सिस्टम को स्वस्थ रखने के साथ ही दिल की बीमारियों से भी सुरक्षा प्रदान करता है.’’
ब्राउन राइस के रोगोपचारक गुणों के बारे में बताते हुए पैरेंटन्यून वेबसाइट की न्यूट्रिशन और वेलनेस एक्सपर्ट डॉ तनुजा सोनी कहती हैं,‘‘ब्राउन राइस में मौजूद सेलेनियम और फ़ेनॉल्स कोलोन कैंसर के ख़तरे को कम करते हैं. ये थायरॉइड हार्मोन को संतुलित रखने व शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करते हैं. इसमें पाया जानेवाला मैग्नीशियम हड्डियों को मज़बूत बनाने व नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखने में सहायक है. इसमें उपस्थित फ़ाइटोन्यूट्रिएंट्स ब्रेस्ट कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं. फ़ाइबर अधिक होने के कारण ब्राउन राइस खाने से पेट देर तक भरा हुआ महसूस होता है. जिससे हम बार-बार नहीं खाते हैं. फलस्वरूप वज़न नहीं बढ़ता है.’’
ब्राउन राइस कितना खाएं?
‘‘महिलाओं को रोज़ाना 25 ग्राम फ़ाइबर ग्रहण करना चाहिए. इसका मतलब है कि वे रोज़ाना आधा कप पका हुआ ब्राउन राइस खा सकती हैं. वहीं पुरुषों को 30 से 35 ग्राम फ़ाइबर की आवश्यकता होती है. यानी वे तीन-चौथाई कप ब्राउन राइस ग्रहण कर सकते हैं.’’
कहां स्टोर करें?
राइस ब्रैन यानी चावल के ऊपरी पर्त में तेल होता है. चूंकि ब्राउन राइस में ब्रैन मौजूद होता है इसलिए वाइट राइस की तुलना में यह जल्दी बासी हो जाता है इसलिए इसे एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें और छह महीनों के अंदर प्रयोग में लाएं. चावल को ज़्यादा दिनों तक फ्रेश रखने के लिए रेफ्रिजरेटर में रखें.’’
ब्राउन राइस सलाद
सामग्री: 2 कप पका हुआ ब्राउन राइस,
4 टेबलस्पून ऑलिव ऑयल, 2 टीस्पून विनेगर, 2 टीस्पून बाल्सैमिक विनेगर,
4 टेबलस्पून बारीक़ कटी हुई लाल व हरी शिमला मिर्च, 2 टेबलस्पून कटा हुआ खीरा, 2 टेबलस्पून कटा हुआ गाजर, 2 बारीक़ कटे हुए हरे प्याज़, 1 बारीक़ कटा सेब, नमक और काली मिर्च, स्वादानुसार
विधि: चावल को पूरी तरह ठंडा होने दें. फिर उसमें सभी चीज़ें मिलाकर तुरंत सर्व करें.