Insulin sensitivity की समस्या से छुटकारा पाने के लिए करे ये काम

Update: 2024-08-23 15:21 GMT
हेल्थ टिप्स Health Tips: शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ने पर कई सारी समस्या पैदा होने लगती है। दरअसल, इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने का काम करता है। पैनक्रियाज में इंसुलिन का प्रोडक्शन होता है और ये ब्लड से शुगर को अलग करने के साथ उसे बॉडी कोशिकाओं में ले जाता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस होने पर इंसुलिन का इस्तेमाल ठीक तरीके से नहीं हो पाता है। जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल हाई हो जाता है। इंसुलिन सेंसेटिवटी होने पर शरीर में ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो इन 8 आदतों को डेली लाइफ में
शामिल
करें। जिससे इंसुलिन सेंसेटिवटी से बचा जा सके।
दिन की शुरुआत नेचुरल फैट के साथ करें
दिन की शुरुआत नेचुरल फैट के साथ करें। सबसे पहले भीगे बादाम, अखरोट को खाएं। ये ना केवल आपके insulin sensitivity को कम करेगा बल्कि पेट भरा होने का एहसास भी कराएगा।
प्रोटीन से भरपूर ब्रेकफास्ट खाएं
ब्रेकफास्ट में हमेशा प्रोटीन रिच चीजें ही शामिल करें। बेसन चीला, किनोआ चीला या मिलेट से तैयार खिचड़ी को आप ब्रेकफास्ट में लें। ये आपके ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने में मदद करेगा।
मैग्नीशियम रिच फूड को करें डाइट में शामिल
मैग्नीशियम रिच फूड्स बादाम, केला, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, साबुत अनाज इन सबको डाइट में शामिल करें। ये फूड्स ग्लूकोज को कोशिकाओं तक ले जाने में मदद करेंगे और इंसुलिन के काम को भी ठीक तरीके से होने में मदद करेंगे। जिससे इंसुलिन सेंसेटिवटी कम होगी।
खाने के बाद वॉक है जरूरी
लंच या डिनर दोनों के बाद करीब 10-15 मिनट की वॉक बेहद जरूरी है। इससे खाने का डाइजेशन ठीक से होने में मदद मिलती है और ब्लड शुगर लेवर भी कंट्रोल में रहता है।
2 बजे से पहले कर लें लंच
दोपहर का खाना 12 से 2 बजे के बीच कर लें। आयुर्वेद के अनुसार इस वक्त पर पाचन क्रिया काफी तेज होती है और आप आसानी से खाने को पचा पाते हैं।
ग्रीन टी पिएं
रोजाना शाम को एक चुटकी दालचीनी पाउडर को ग्रीन टी में मिक्स करके पिएं। ऐसा करने से डाइजेशन सही होगा और सारे न्यूट्रिशन का अब्जॉर्बशन बढ़ेगा। साथ ही ब्लड शुगर लेवल बिल्कुल स्थिर बना रहेगा।
मोटे अनाज को डाइट में जरूर लें
दोपहर के खाने में मोटे अनाज जैसे किनोआ, रागी, राजगिरा, जौ, ज्वार को जरूर शामिल करें। ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
भूख से ज्यादा ना खाएं
अपनी भूख का लगभग 80 प्रतिशत खाना ही खाएं। इससे आप ओवरईटिंग से बच जाएंगे और साथ ही ज्यादा कैलोरी भी शरीर में नहीं जाएगी।
इंसुलिन सेंसेटिवटी के लक्षण
-शरीर में इंसुलिन सेंसेटिवटी होने पर शरीर में ये लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
-खाने के बाद मीठा खाने की क्रेविंग
-अंडरआर्म्स और गर्दन में बाकी शरीर के हिस्सों से ज्यादा कालापन नजर आना
-कम खाने के बावजूद बेली फैट
-त्वचा पर मस्सा या छोटे-छोटे स्किन के टुकड़े इकट्ठा हो जाते हैं और दिखने लगते
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