खराब जीवनशैली, गलत खानपान और तनाव के चलते मोटापा आम समस्या बन गई है। आधुनिक समय में हर चौथा व्यक्ति मोटापे से परेशान हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए लोग तरह-तरह के जतन करते हैं। कुछ लोग डाइटिंग करते हैं, तो कुछ लोग घंटों जिम में वर्कआउट करते हैं। हालांकि, जंक फूड खाने से परहेज नहीं करते हैं। इस वजह से बढ़ते वजन को कंट्रोल करने में मदद नहीं मिलती है। विशेषज्ञों की मानें तो बढ़ते वजन को कंट्रोल करना आसान काम नहीं होता है। इसके लिए व्यक्ति को प्रयत्नशील रहना पड़ता है। लापरवाही बरतने पर वजन घटने के बजाय बढ़ने लगता है। इसके लिए सही दिनचर्या, उचित खानपान और तनाव से दूरी जरूरी है। साथ ही रोजाना वर्कआउट और योग जरूर करें। अगर आप भी मोटापे से परेशान हैं और कंट्रोल करना चाहते हैं, तो रोजाना 2 योगासन जरूर करें। कई शोधों में खुलासा हो चुका है कि योग के माध्यम से बढ़ते वजन को कंट्रोल किया जा सकता है। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-
क्या कहती है शोध
रिसर्च गेट पर छपी एक शोध में दावा किया गया है कि योग करने से मोटापे को कंट्रोल किया जा सकता है। इस शोध की मानें तो पश्चिमोत्तानासन और कपालभाति करने से बढ़ते वजन को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। इस शोध में 60 लोगों को शामिल किया गया था। उन्हें दो टीमों में बांट दिया गया। पहली टीम को रोजाना डाइट में 1600 कैलोरी लेने की सलाह दी गई। दूसरी टीम को कैलोरी सीमित करने के साथ-साथ रोजाना पश्चिमोत्तानासन और कपालभाति करने के लिए कहा गया। इस शोध के जरिए खुलासा हुआ है कि खानपान में परहेज और रोजाना पश्चिमोत्तर और कपालभाति करने से बढ़ते वजन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इस वजह से हेल्थ एक्सपर्ट बढ़ते वजन को कंट्रोल करने के लिए रोजाना कपालभाति और पश्चिमोत्तानासन करने की सलाह देते हैं।
कैसे करें पश्चिमोत्तानासन
इसके लिए समतल भूमि पर चटाई बिछाकर दंडासन मुद्रा में बैठ जाएं। इस मुद्रा में पैर आगे की ओर, शरीर और रीढ़ की हड्डी एक सीध में रहती है। वहीं, दोनों हाथ ज़मीन पर रहते हैं। अब शरीर के पिछले हिस्से को आगे की ओर ले जाएं यानी खींचे। साथ ही पैरों पर टिकाने की कोशिश करें। यह एक कठिन योग है। इसके लिए पश्चिमोत्तानासन करने से पहले योग विशेषज्ञ से जरूर सलाह लें। अगर हो सके तो कुछ दिनों तक ट्रेनर की निगरानी में पश्चिमोत्तानासन करें।
कैसे करें कपालभाति
यह हिंदी के दो शब्दों कपाल अर्थात ललाट और भाति अर्थात चमक होता है। इस योग में सांस को लंबे समय तक रोकने की कोशिश की जाती है। साथ ही पेट और फेफड़ों की मदद से सांस को बाहर छोड़ा जाता है। इससे फेफड़ों की शुद्धि होती है। इस योग को करने से पाचन और श्वसन तंत्र मजबूत होता है।