ना करें प्लास्टिक बोतल में पानी पीने की गलती, सेहत को होते हैं ये नुकसान

Update: 2024-03-13 06:29 GMT
आजकल के समय में देखने को मिलता हैं कि लोग प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने के आदी हो गए हैं। अमीर हो या गरीब सभी पानी पीने के दौरान प्लास्टिक बोतल का इस्तेमाल करने लगे हैं। अमीर लोग पैक पानी तो गरीब खाली हो चुकी बोतल में पानी भरकर। लेकिन क्या आपको पता है कि प्लास्टिक की बोतल से पानी पीना सेहत के लिए बेहद हानिकारक माना गया है। हमारे जीवन की हिस्सा बन चुकी प्लास्टिक की बोतलें केमिकल्स और बैक्टीरिया से भरी हुईं होती हैं। प्लास्टिक चाहे किसी भी तरह की हो, प्रकृति और सेहत दोनों के लिए नुकसानदायक ही है। आज हम आपको यहां प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने के कुछ हानिकारक प्रभावों की जानकारी देने जा रहे हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...
अनहेल्दी कॉन्टेंट
प्लास्टिक में हानिकारक रसायन ही नहीं होते, प्लास्टिक की बोतलों में जमा होने पर पानी में फ्लोराइड, आर्सेनिक और एल्यूमीनियम जैसे हानिकारक पदार्थ भी पैदा होते हैं, जो शरीर के लिए जहर हो सकते हैं। तो, प्लास्टिक की बोतलों से पानी पीने का मतलब होगा धीमा जहर पीना, जो धीरे-धीरे और लगातार आपके स्वास्थ्य को खराब करेगा।
कैंसर का खतरा
प्लास्टिक का प्रयोग करने की वजह से इसमें पाए जाने वाले रसायन से सीधा शरीर का संपर्क होता है। इससे अनेक बीमारियों से शरीर घिर जाता है। प्लास्टिक में पाए जाने वाले रसायन जैसे सीसा, कैडमियम और पारा शरीर में कैंसर, विकलांगता, इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी जैसे गंभीर रोग उत्पन्न करते हैं और इससे बच्चों का विकास भी प्रभावित होता है।
हाई शुगर की समस्या
आजकल, हमें ज्यादातर प्लास्टिक की बोतलों में पानी मिलता है और इसमें मौजूद हेल्थ कंटेंट को बढ़ाने के लिए, निर्माता इसे खरीदारों को आकर्षित करने के लिए विटामिन युक्त बताते हैं। लेकिन यह और भी हानिकारक है, क्योंकि इसमें फूड शुगर और हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप जैसे हानिकारक तत्व होते हैं।
हाइपोथायरायडिज्म का कारण
बीपीए यानी कि बिस्फेनॉल थायराइड हार्मोन रिसेप्टर की मात्रा कम करता है। जिससे हाइपोथायरायडिज्म जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। प्लास्टिक अन्य तरह से भी हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। एक शोध के अनुसार प्लास्टिक की बोतल में ईडीसी, यानी की एंडोक्राइन डिस्सेंटिंग केमिकल जैसा बहुत ही खतरनाक और नुकसान देय रसायन पाया जाता है। जो कि इंसानी हार्मोनल सिस्टम को धीरे-धीरे परंतु सीधे तरीके से नुकसान पहुंचाता है।
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