पैरों के दर्द को न करें नजरअंदाज, पैरों में दिखती हैं नीली नसें तो यह है वेरिकोज वेंस, इस उपचार से हो सकते हैं मुक्त

उपचार से हो सकते हैं मुक्त

Update: 2023-08-04 07:03 GMT
पैरों, टांगों की नसों शिराओं में वाल्‍व रहते हैं, जो रक्त को वापिस ऊपर हृदय की ओर ले जाने में मदद करते है। लेकिन जब ये वॉल्‍व कमज़ोर हो जाएँ या खराब हो जाएँ तो नसों में विकृति आ जाती है जिसे वैरिकोज़ वेन्‍स कहा जाता है। वैरिकोज़ वेन्‍स रोग में रक्त ऊपर की ओर सही तरीके से नहीं चढ़ पाता और पैरों टांगों की नसों में ही रुकने लग जाता है। वेरिकोज़ वेंस, जिसे वेरिकोसाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। यह समस्‍या तब होती है, जब नसें बढ़ जाती हैं, पतली हो जाती हैं और रक्‍त से भर जाती हैं, यानी नसें ब्‍लॉक हो जाती हैं। वेरिकोज वेंस, आमतौर पर त्‍वचा पर सूजी हई या ऊभरी हुई दिखाई देती हैं। यह टेढ़ी-मेढ़ी होने के साथ ही लाल, नीली व बैंगनी रंग की होती हैं। जो काफी दर्दनाक हो सकती हैं।
वैरिकोज़ वेंस तब होती हैं जब नसें ठीक से काम नहीं करती हैं। नसों में एक तरफा वाल्व होता है जो रक्त को पीछे की ओर बहने से रोकता है। जब ये वाल्व विफल हो जाते हैं, तो रक्त आपके हृदय की ओर बढ़ने के बजाय नसों में इकट्ठा होने लगता है। जिससे नसें बढ़ जाती हैं। वैरिकोज़ वेंस अक्सर पैरों को प्रभावित करती हैं।
कौन हो सकता है शिकार?
सबसे ज़्यादा इसके शिकार दुकानदार व महिलाएं होती हैं। कंप्यूटर के सामने और ऑफिस में घंटों बैठने, लंबे समय तक लगातार खड़े होकर काम करने वाले लोग, ट्रैफिक पुलिसकर्मी व तकनीकी प्रयोगशालाओं में कार्यरत वैज्ञानिक, न्याय पालिका के सदस्य व वकील भी इसमें शामिल हैं। यह समस्या शिक्षकों में तेज़ी से बढ़ रही है। कहने का मतलब है कि जिन लोगों ने नियमित चलने की आदत छोड़ दी है और ज़्यादा देर तक लगातार बैठने की आदत को गले लगाया है या खड़े रहते हैं, उनके पैरों में वैरीकोज़ वेन्स होना निश्चित है।
अध्ययनों के अनुमान के मुताबिक पांच वयस्कों में से एक वयस्क को वैरीकोज़ वेन्स की शिकायत होती है और वैरीकोज़ वेन्स से पीड़ित 16 प्रतिशत वयस्क 60 वर्ष या उससे ज़्यादा आयु के होते हैं। इस आयु वर्ग के 65 फीसदी लोगों में जिनमें वैरीकोज़ वेन्स का निदान किया गया है उनमें कम से कम एक पैर में वैरीकोज़ वेन्स संबंधी लक्षण पाए गए हैं।
उपचार से पहले लें सलाह
पैरों में वैरिकोज़ वेन्स की शुरुआत हो चुकी है तो वैस्कुलर सर्जन से परामर्श लें। अक्सर देखा गया है कि वैरिकोज़ वेन्स के मरीज़ कभी चर्म रोग विशेषज्ञ या कभी हड्‌डी रोग विशेषज्ञ के पास परामर्श लेने पहुंच जाते हैं। कुछ मालिश पर निर्भर रहते हैं। होश उन्हें तब आता है जब अल्सर जैसी समस्या से ग्रसित होने लगते हैं। वैरिकोस वेन्स का सही इलाज, एक अनुभवी वैस्कुलर सर्जन ही बता सकता है।
कौन सा उपचार सही है?
वैरिकोज़ वेन्स की शुरुआत होने पर, सर्जरी या लेसर की ज़रूरत नहीं पड़ती है। रोज़ सुबह व शाम एक-एक घंटे टहलें। उछल-कूद बिल्कुल न करें। पैरों को कुर्सी से एक घंटे से ज़्यादा लटकाकर नहीं बैठें और न ही लगातार खड़े रहें। वज़न नियंत्रित रखें। दिन में चलते वक़्त एक विशेष क़िस्म की क्रमित दबाव वाली जुराबों को पहनना पड़ता है। साथ ही, हर दो महीने में वैस्क्युलर सर्जन से परामर्श भी करें।
अगर वैरिकोज़ वेन्स पूरी तरह से विकसित हो गई हैं, तो उपचार में सर्जरी, लेज़र या आरएफए तकनीक का इस्तेमाल होता है। इसके बारे में चिकित्सक से परामर्श लें।
आरएफए आधुनिक तकनीक है। इसमें कोई सर्जरी नहीं करनी होती है और न ही पैरों की खाल में कोई काटा-पीटी करनी पड़ती है। मात्र चौबीस घंटे में अस्पताल से छुट्‌टी मिल जाती है। इससे उपचार के बाद, मरीज़ अगले दिन से काम पर जाना शुरू कर देता है या सामान्य जीवन जीने लगता है। यह तकनीक लेसर की तुलना में, थोड़ी बेहतर साबित हो रही है।
वैरिकोज वेन्स के घरेलू उपाय
वैरिकोज वेन्‍स के लिए मेडिकल और सर्जिकल उपचार बहुत महंगा हो सकता है। इसलिए आप वैरिकोज वेन्‍स की गंभीरता और असुविधा से बचने के लिए कुछ घरेलू उपचारों को आजमा सकते हैं। यहां वैरिकोज वेन्‍स से बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय दिये गये हैं।
एप्पल साइडर विनेगर
एप्पल साइडर विनेगर वैरिकोज वेन्‍स के लिए एक अद्भुत उपचार है। यह शरीर का शोधन करने वाला प्राकृतिक उत्‍पाद है और रक्त प्रवाह और रक्‍त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता है। जब प्राकृतिक रूप से रक्त बहने शुरू होता हे तो वैरिकोज वेन्‍स में भारीपन और सूजन काफी हद तक कम हो जाती है। समस्‍या होने पर सेब के सिरके से प्रभावित हिस्‍से की मालिश करें। साथ ही एक गिलास पानी में दो चम्‍मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर पियें। उपाय को नियमित रूप से सोने से पहले और सुबह फिर से करें। कुछ ही सप्ताह या महीनों में वैरिकोज वेन्‍स का आकार कम होने लगता है।
लाल शिमला मिर्च
लाल शिमला मिर्च को वैरिकोज वेन्‍स के इलाज लिए एक चमत्‍कार की तरह माना जाता है। विटामिन सी और capsenthin बायोफ्लेवोनॉयड्स का समृद्ध स्रोत होने के कारण इसे रक्त परिसंचरण को बढ़ाने और संकुलित और सूजी हुई नसों के लिए कारगर माना जाता है। गर्म पानी में एक चम्‍मच लाल शिमला मिर्च के छिलके का चूर्ण या पेस्ट मिलायें, और पी जायें। इसे एक से दो महीने के लिए दिन में तीन बार सेवन करें।
जैतून का तेल
वैरिकोज वेन्‍स के इलाज के लिए रक्त परिसंचरण को बढ़ाना आवश्‍यक होता है। जैतून के तेल की मालिश से रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में मदद मिलती है, इससे दर्द और सूजन भी कम होती है। जैतून के तेल और विटामिन ई तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर उसे थोड़ा सा गर्म कर लें। इससे नसों की मालिश एक से दो महीने तक करें। जैतून के तेल में आप कर्पूर और सत अजवायन की दो चार बूंदें मिलाकर भी मालिश कर सकते है।
लहसुन
लहसुन सूजन और वैरिकोस वेन्‍स के लक्षणों को कम करने के लिए एक उत्कृष्ट जड़ी बूटी है। यह भी रक्त वाहिकाओं में हानिकारक विषाक्त पदार्थों को निकालने और रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करती है। छह लहसुन की कली लेकर उसे एक साफ जार में डाल लें। तीन संतरे का रस लेकर उसे जार में मिलाये। इसमें जैतून का तेल लगभग 50 ग्राम भी मिलायें और 12 घंटे के लिए रख दें। इस मिश्रण की कुछ बूंदों को हाथों पर लेकर 15 मिनट के लिए सूजन वाली नसों पर मालिश करें। सूती कपड़ा लपेट कर रातभर के लिए छोड़ दें। उपाय को कुछ महीनों के लिए नियमित रूप से दोहाराये। इसके अलावा अपने आहार में ताजे लहसुन को भी शामिल करें।
बुचर ब्रूम
बुचर ब्रूम वैरिकोज वेन्‍स की असुविधा से राहत देने में बहुत ही उपयोगी होता है। इस जड़ी बूटी में रुसोगेनिन्स नामक गुण सूजन को कम करने में मदद करता है। इसका एंटी-इफ्लेमेंटरी और एंटी-इलास्‍टेज गुण नसों की बाधा को कम करता है। इसके लिए बुचर ब्रूम की दैनिक खुराक को 100 मिलीग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार लें। उच्‍च रक्तचाप वाले लोग इस जड़ी-बूटी के सेवन से पहले चिकित्‍सक से परामर्श अवश्‍य ले लें।
अखरोट
अखरोट रक्त वाहिकाओं को मजबूत बनाने के लिए बहुत ही प्रभावी जड़ी-बूटी है, इसलिए यह वैरिकोज वेन्‍स के लक्षणों को आसानी से कम कर सकती है। इसमें एस्ट्रिंजेंट के अलावा गल्लिक एसिड और कई प्रकार के आवश्‍यक तेल भी होते हैं जो सूजन के साथ-साथ दर्द को कम करने में मदद करते हैं। अखरोट के तेल में एक साफ कपड़े को डूबाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाये। ऐसा एक या दो महीने के लिए दिन में दो से तीन बार करें।
अजमोद
अजमोद एक शक्तिशाली एंटीऑक्‍सीडेट है, जो सेल की मरम्‍मत और कोलेजन के उत्‍पादन को प्रोत्‍साहित करता है। साथ ही इसमें शामिल रुटीन नामक तत्‍व, केशिकाओं को मजबूत बनाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसलिए वैरिकोज वेन्‍स के लक्षणों को कम करने में बहुत उपयोगी होता है। एक मुठ्ठी ताजा अजमोद की एक मुठ्ठी लेकर उसे एक कप पानी में पांच मिनट के लिए उबाल लें। फिर इसे ठंडा होने के लिए रख दें। इस मिश्रण में गुलाब और गेंदे की तेल की एक-एक बूंद मिला लें और फ्रिज में रख दें। इसे कॉटन पर लगाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगायें।
घरेलू उपायों के अतिरिक्त कुछ व्यायाम
वैरिकोज़ वेंस की समस्‍या से बचने और काफी हद तक इससे निपटने के लिए यहां कुछ एक्‍सरसाइज के बारे में बताया गया है, जिसे आप कर सकते हैं।
वॉकिंग
वॉकिंग या चलना बेहद फायदेमंद है और आमतौर पर सभी उम्र और फिटनेस स्तर के लोगों के लिए सुरक्षित है। नियमित सैर आपको वजन कम करने, स्वस्थ रक्तचाप बनाए रखने और आपकी हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकती है। साथ ही यह नसों के ब्‍लड सर्कुलेशन को विनियमित करता है।
साइकिल चलाना
साइकिल चलाना एक कम प्रभाव वाला व्यायाम है। यह आपके जोड़ों की रक्षा करते हुए भी परिसंचरण को बढ़ा सकता है। नियमित रूप से साइकिल चलाना आपके कॉफ (घुटनों के नीचे के पीछे का हिस्‍सा) मांसपेशियों को मजबूत कर सकता है और स्वस्थ रक्त प्रवाह को बढ़ावा देता है। आप चाहें तो पारंपरिक तौर पर साइकिल चला सकते हैं। इसके अलावा बिना साइकिल के साइकिल एक्‍सरसाइज कर सकते हैं। इसे करने के लिए आप अपनी पीठ के बल लेटकर, अपने घुटनों को अपनी छाती की ओर खींचकर, और अपने पैरों से एक पेडलिंग गति बनाकर अपने पैरों की मांसपेशियों को फैला सकते हैं।
लंजेज
आपके पैरों और कॉफ में कई अलग-अलग मांसपेशी समूहों का काम करते हैं। जब ये मांसपेशियां मजबूत और स्वस्थ होती हैं, तो वे रक्त को सही दिशा में बहने में मदद कर सकती हैं। अपने पैरों के साथ थोड़ा अलग खड़े होकर शुरू करें। आगे बढ़ें और अपने घुटने मोड़ें। अपने घुटने को सीधे अपने टखने से ऊपर रखना सुनिश्चित करें। कुछ सेकंड के लिए खुद को बैठने की मुद्रा में रखें, फिर खड़े हो जाएं।
Tags:    

Similar News

-->