लाइफस्टाइल :इरेक्टाइल डिसफंक्शन या स्तंभन दोष, पुरुषों में पाई जाने वाली एक यौन समस्या का प्रकार हैं। जिसमें संभोग के दौरान पुरुष ज्यादा देर तक लिंग को उत्तेजित रखने में असफल रहते हैं। लेकिन आपको नहीं मालूम इरेक्टाइल डिसफंक्शन सेक्सुअल प्लेजर में बाधा बनने के साथ ही पुरुषों के लिए एक ओर तरीके से घातक है। अक्सर देखा गया है कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन हद्धय से जुड़े रोगों का प्रारम्भिक संकेत होता हैं। जो आगे चलकर हार्टअटैक का रुप भी ले सकता हैं। उसी तरह जो लोग हद्धय रोग से पीडि़त हैं वो सही उपचार की मदद से इरेक्टाइल डिसफंक्शन का ईलाज भी करवा सकते हैं। by 10 ऐसी बुरी आदतें जो जल्दी बूढ़ा करती हैं आपके दिल को ये दोनों समस्याएं आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं क्योंकि कमांसपेशियों और रक्तवाहिकाओं के भीतरी परत में शिथिलता के वजह से हद्धय को रक्त की अपर्याप्त आपूर्ति होती है और लिंग में रक्त प्रवाह कम होता हैं। आइए जानते है कि आखिर कैसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन और हद्धय रोग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन और हद्धय रोग इरेक्टाइल डिसफंक्शन शायद हमेशा हद्धय रोग की तरफ संकेत का काम नहीं करें। हालांकि जो लोग इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या से पीडि़त होते हैं उन्हें हद्धय रोग की जांच करने की सलाह दी जाती हैं। जो आपके दिल को रखे दुरुस्त कुछ पुरुषों को अधिक होता है खतरा इरेक्टाइल डिसफंक्शन और हृदय रोग होने की प्रकिया सामान्य होती है। और इसके साथ ही इनके जोखिम कारक भी एक जैसे ही होते हैं। ये जोखिम कारक बताते हैं कि स्तंभन दोष, अर्थओस्कलेरोसिस और हृदय रोग के लिए उत्तरदायी हो सकता है। डायबिटीज जिन पुरुषों को डायबिटीज होती है, उन्हें स्तंभन दोष, हृदय रोग और रक्त प्रवाह कम होने से होने वाले कई रोगों के होने की आशंका बहुत अधिक होती है। उच्च कोलेस्ट्रॉल बुरे कोलेस्ट्रॉल यानी लो-डेंसिटी-लिपोप्रोटीन या एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के कारण भी अर्थओस्कलेरोसिस होने की आशंका बहुत ज्यादा होती है। धूम्रपान धूम्रपान करने से भी अर्थओस्कलेरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही यह आदत संभोग के दौरान लिंग उत्तेजना पर भी असर डालती है। उच्च रक्तचाप समय के साथ लंबे समय तक बने रहने वाला उच्च रक्तचाप धमनियों और नसों को नुकसान पहुंचाता है। इससे अर्थओस्कलेरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है। टेस्टोस्टेरोन का स्तर कुछ पुरुषो में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम पाया जाता हैं, इन पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन और हद्धय रोग होने की सम्भावना, सामान्य टेस्टोस्टेरोन स्तर वाले पुरुषों की तुलना में अधिक होती हैं।
पारिवारिक इतिहास यदि आपके परिवार में किसी को हृदय रोग है, तो इस बात की आशंका बहुत बढ़ जाती है कि आपके स्तंभन दोष के तार भी दिल की बीमारियों तक जाते हों। यह आशंका और बढ़ जाती है यदि आपके सहोदर या माता-पिता में से किसी को कम उम्र में ही हृदय रोग तो ऐसा माना जाता है कि आपके स्तंभन दोष और हृदय रोग का कारण यह पारिवारिक इतिहास हो सकता है। बढ़ती उम्र कम उम्र में स्तंभन दोष होने के पीछे बड़ी वजह हृदय रोग हो सकता है। 50 वर्ष की आयु से कम के पुरुषों में यदि ऐसा पाया जाता है तो यह दिल की बीमारी का संकेत हो सकता है। वहीं 70 वर्ष की आयु से अधिक के पुरुषों में स्तंभन दोष का संबंध हृदय रोग से होने की आशंका कम होती है। अधिक वजन मोटापा और अधिक वजन दिल की बीमारियों और स्तंभन दोष दोनों की आशंका को बढ़ा देती है। अधिक वजन के कारण अर्थओस्कलेरोसिस और अन्य बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है। इससे आपके लिंगोत्तेजना पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। अवसाद ऐसे शोध भी सामने आए हैं, जिनमें कहा गया है कि अवसाद हृदय रोग और स्तंभन दोष होने की आशंका को बढ़ा देता है।